Thursday, April 25, 2024
Homeराजनीतिप्राइवेट जॉब्स में स्थानीय लोगों को 75% आरक्षण देगा हरियाणा, विधेयक पारित

प्राइवेट जॉब्स में स्थानीय लोगों को 75% आरक्षण देगा हरियाणा, विधेयक पारित

बिल में राज्य की 50 हजार रूपए प्रतिमाह से कम वेतन वाली नौकरियों में स्थानीय लोगों को 75% आरक्षण देने का प्रावधान है। सत्तारूढ़ भाजपा की सहयोगी पार्टी जननायक जनता पार्टी (JJP) ने बीते विधानसभा चुनाव में नौकरियों में आरक्षण देने का वादा किया था।

आरक्षण की नीति के संबंध में हरियाणा की राज्य सरकार ने एक अहम निर्णय लिया है। हरियाणा में निजी क्षेत्र की नौकरियों (प्राइवेट सेक्टर) में स्थानीय उम्मीदवारों को 75% तक आरक्षण का लाभ मिलेगा। बृहस्पतिवार (5 नवंबर 2020) को हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर की अगुवाई वाली भाजपा सरकार ने इसके संबंध में विधानसभा में विधेयक पारित किया गया। चुनाव प्रचार के दौरान भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी दल जजपा ने अपने घोषणापत्र में इस बात का वादा किया था। 

यह आदेश उन कंपनी, सोसाइटी, ट्रस्ट, फर्म या समूहों पर लागू होगा जिनमें 10 या अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं और जो हरियाणा में पहले से मौजूद हैं या नई स्थापित हुई हैं। यह आदेश विशेष रूप से नई भर्तियों पर लागू होगा। इस आदेश से जुड़ी एक और अहम बात यह है कि 50 हज़ार या इससे कम वेतन के दायरे में आने वाली नौकरियों पर ही यह आदेश लागू होगा।

इस बिल को लेकर हरियाणा मुख्यमंत्री कार्यालय के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया है, “मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने विधानसभा में कहा कि ‘हरियाणा राज्य के स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन विधेयक-2020’ लाने का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध करवाना है। इससे निजी क्षेत्र में हरियाणा के युवाओं की 75% हिस्सेदारी सुनिश्चित होगी।”

इसके अलावा, आगामी 3 माह के भीतर कम्पनियों को सरकारी पोर्टल पर पंजीयन कराते हुए इस बात की जानकारी देनी होगी कि 50 हज़ार से कम वेतन वाले कितने कर्मचारी काम कर रहे हैं और उनमें से कितने हरियाणा के हैं। आदेश के संबंध में यह भी कहा गया है कि इस डाटा को साझा करने या अपलोड करने के लिए कंपनी नए कर्मचारी नहीं रख सकती है।

कंपनी मालिक के पास यह अधिकार होगा कि वह एक जिले से 10 फ़ीसदी से अधिक कर्मचारी न रखे। साथ ही, किसी भी उच्च दर्जे के पद के लिए कुशल उम्मीदवार नहीं मिलने की सूरत में आरक्षण में छूट दी जा सकती है। इस संबंध में डीसी या उससे वरिष्ठ अधिकारी का निर्णय मान्य होगा। हर फर्म, कंपनी या समूह को औसतन 3 महीने की अवधि में इस नीति को लेकर स्टेटस रिपोर्ट देनी होगी।

एसडीएम या इससे वरिष्ठ अधिकारियों के पास अधिकार होगा कि वह आदेश लागू करने के संबंध में जाँच के लिए जानकारी ले सकें। इस कानून का पालन नहीं करने वालों पर इस कानून के प्रावधानों के तहत कार्रवाई होगी। हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा के स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन विधेयक 2020 विधानसभा में पेश किया। इस विधेयक को काफी चर्चा के बाद सर्वसम्मति से  पार्टी कर लिया गया। विपक्ष ने इस विधेयक के ढाँचे पर कई तरह के सवाल भी खड़े किए, उनका कहना था कि देश के सभी युवाओं को नौकरी का समान अधिकार और अवसर मिलना चाहिए।

हरियाणा के उपमुख्यमंत्री ने भी ट्वीट करके इस विधेयक के पारित होने पर बधाई दी। उन्होंने इसे भावुक क्षण बताया और कहा सरकार का हिस्सा बनने के ठीक एक महीने बाद उनके सामने यह भावुक पल आया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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