Sunday, September 29, 2024
Homeराजनीतिझारखंड सरकार पर खतरे के बीच बैठक से गायब रहे कॉन्ग्रेस और झामुमो के...

झारखंड सरकार पर खतरे के बीच बैठक से गायब रहे कॉन्ग्रेस और झामुमो के 11 विधायक: CM सोरेन की विधायकी पर खतरे को लेकर हुई थी महागठबंधन की मीटिंग

खनन लीज मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कुर्सी को लेकर चुनाव आयोग का फैसला आने वाला है। सोरेन पर विभागीय मंत्री होते हुए अपने नाम से खनन लीज लेने का आरोप है। मामला राज्यपाल कार्यालय से होते हुए चुनाव आयोग तक पहुँचा और आयोग ने इस पर कई दिनों तक सुनवाई की। 

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Jharkhand CM Hemant Soren) के लिए रास्ते मुश्किल होती जा रही हैं। खनन मामले में विधायकी जाने की आशंकाओं के बीच शनिवार (20 अगस्त 2022) को राँची में आयोजित की गई बैठक में महागठबंधन के 11 विधायक नहीं पहुँचे। इसको लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।

सीएम सोरेन की अध्यक्षता में आयोजित हुई इस बैठक में आने वाले राजनीतिक हालात पर चर्चा की गई। महागठबंधन में शामिल सीएम सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM), राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और कॉन्ग्रेस (Congress) ने अपने-अपने विधायकों से राँची में रहने का आदेश दिया था।

तीनों के दलों द्वारा अपने विधायकों को जारी किए गए निर्देश के बावजूद बैठक में 11 विधायक नहीं पहुँचे। इनमें सबसे अधिक कॉन्ग्रेस के हैं। बता दें कि हाल ही में कॉन्ग्रेस के तीन विधायक नकदी के साथ पश्चिम बंगाल में पकड़ाए थे। तब कॉन्ग्रेस ने केंद्र की सत्ताधारी पार्टी भाजपा (BJP) पर विधायकों को खरीदने का आरोप लगाया था।

अपने विधायकों के टूटने के डर से और खनन पट्टा मामले में चुनाव आयोग के आने वाले निर्णय में उनकी विधानसभा सदस्यता जाने के कयासों के बीच इस बैठक का आयोजन किया गया था। बैठक के बाद संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि सीएम सोरेन के नेतृत्व में सभी विधायक एकजुट हैं और अपना कार्यकाल पूरा करेगी।

इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि आगे राजनीतिक हालात चाहें जैसे भी हों, राज्य की महागठबंधन सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा। गठबंधन के विधायक गाँव-गाँव जाकर हेमंत सरकार के कामकाज के बारे में लोगों को बताएँगे। इसके साथ ही सरकार को अस्थिर करने की भाजपा की साजिश का पर्दाफाश करेंगे।

झामुमो और कॉन्ग्रेस के विधायक रहे गायब

बताया जा रहा है कि जो 11 विधायक बैठक में नहीं पहुँचे उनमें कॉन्ग्रेस और झामुमो के विधायक शामिल हैं। इन विधायकों के बैठक में नहीं पहुँचने की वजह निजी काम एवं समस्याएँ बताई जा रही हैं। कहा जा रहा है कि विधायक भूषण बाड़ा की फ्लाइट मौसम खराब होने के कारण देर से राँची पहुँची।

वहीं, पूर्णिमा नीरज सिंह शहर से बाहर होने के कारण बैठक में नहीं पहुँची। विधायक ममता देवी का स्वास्थ्य ठीक नहीं बताई जा रही है। वहीं, शिल्पी नेहा तिर्की वरिष्ठ नेताओं से मिलने के लिए दिल्ली गई हुई हैं। इस कारण ये लोग बैठक में नहीं पहुँचे। 

कॉन्ग्रेस के तीन विधायक कैश कांड में गिरफ्तार में गिरफ्तार हैं। वहीं, झामुमो के सरफराज अहमद विदेश में है, जबकि चमरा लिंडा अस्वस्थ बताई जा रही हैं। समीर मोहंती खराब मौसम के कारण देर शाम तक राँची पहुँचे। वहीं, सीएम सोरेन के भाई बसंत दिल्ली में थे।

पार्टी से निर्देश के बावजूद इन विधायकों के अनुपस्थित रहने पर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। हालाँकि, महागठबंधन का कहना है कि सारे विधायक एकजुट हैं और सरकार कोई खतरा नहीं है।

सीएम सोरेन की पत्नी कल्पना को मुख्यमंत्री बनाए जाने की तैयारी

खनन लीज मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कुर्सी को लेकर चुनाव आयोग का फैसला आने वाला है। सोरेन पर विभागीय मंत्री होते हुए अपने नाम से खनन लीज लेने का आरोप है। मामला राज्यपाल कार्यालय से होते हुए चुनाव आयोग तक पहुँचा और आयोग ने इस पर कई दिनों तक सुनवाई की। 

इसके साथ ही हाल ही में कॉन्ग्रेस के तीन विधायक 48 लाख रुपए की नकदी के साथ पश्चिम बंगाल (West Bengal) में पकड़ाए थे। इसके बाद से उन्हें पार्टी में टूट का डर सताने लगा है। इस घटना के बाद से दोनों पार्टियाँ अलर्ट मोड में हैं।

इस पर गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांंत दुबे ट्वीट कर कहा था, “झारखंड में भाभी जी के ताजपोशी की तैयारी, परिवारवादी पार्टी का बेहतरीन नुस्ख़ा गरीब के लिए।” उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन (Kalpna Soren) की ओर इशारा किया।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जातिगत आरक्षण: जरूरतमंदों को लाभ पहुँचाना उद्देश्य या फिर राजनीतिक हथियार? विभाजनकारी एजेंडे का शिकार बनने से बचना जरूरी

हमें सोचना होगा कि जातिगत आरक्षण के जरिए क्या हम वास्तव में जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं या फिर हम एक नई जातिगत विभाजन की नींव रख रहे हैं?

इजरायल की ताबड़तोड़ कार्रवाई से डरा ईरान! सेफ हाउस भेजे गए सुप्रीम लीडर आयतुल्ला अली खामेनेई: हिज्बुल्लाह चीफ से पहले हमास प्रमुख का भी...

ईरान ने इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) की आपात बैठक बुलाने की माँग की है ताकि मुस्लिम देशों को एकजुट किया जा सके।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -