महाराष्ट्र सरकार और कंगना रनौत के बीच जारी खींचतान में उद्धव ठाकरे का विरोध संत समाज ने भी किया है। अयोध्या के साधु-संतों का कहना है कि अगर उद्धव ठाकरे अयोध्या आते हैं तो उनका स्वागत नहीं किया जाएगा और उन्हें विरोध का सामना करना पड़ेगा। संतों ने इस मुद्दे पर कंगना रनौत का समर्थन किया है और महाराष्ट्र सरकार के बर्ताव पर सवाल खड़े किए हैं।
हनुमान गढ़ी के महंत राजू दास ने कहा अब उद्धव ठाकरे और शिवसेना का अयोध्या में स्वागत नहीं किया जाएगा। अगर उद्धव ठाकरे अयोध्या आते हैं तो उन्हें प्रतिरोध का सामना करना पड़ेगा। महाराष्ट्र सरकार ने कंगना रनौत पर कार्रवाई करने में बिलकुल भी समय व्यर्थ नहीं किया। लेकिन महाराष्ट्र की उस सरकार ने ही पालघर में साधुओं की हत्या करने वाले लोगों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की।
ठीक इसी तरह अयोध्या संत समाज के मुखिया महंत कन्हैया दास ने भी महाराष्ट्र सरकार पर कई आरोप लगाए। उन्होंने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र की वर्तमान सरकार ऐसे लोगों का बचाव कर रही है जो देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं। साथ ही उन्होंने उद्धव ठाकरे को अयोध्या में दाखिल न होने की चेतावनी भी दी।
महंत कन्हैया दास ने अपने बयान में कहा “अब उद्धव ठाकरे का अयोध्या में स्वागत नहीं किया जाएगा। शिवसेना कंगना रनौत पर हमला क्यों कर कर रही है? यह सब समझ सकते हैं, यह कोई रहस्य नहीं है। शिवसेना वह राजनीतिक दल नहीं रह गया है जो बाल ठाकरे के दौर में हुआ करता था।”
विश्व हिंदू परिषद ने भी इस मुद्दे पर कंगना रनौत का समर्थन करते हुए बयान जारी किया है। बयान के मुताबिक़ कंगना पर होने वाली कार्रवाई का मतलब साफ़ है कि शिवसेना जान-बूझकर ऐसा कर रही है। कंगना ने शुरू से ही राष्ट्रवादी विचारधारा का समर्थन किया है और मुंबई के ड्रग माफ़िया के विरुद्ध आवाज़ उठाई। इसके अलावा विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा महाराष्ट्र सरकार गलत तरीके और गलत भावना के साथ कंगना रनौत पर कार्रवाई कर रही है।
कंगना रनौत और शिवसेना के बीच विवाद तब शुरू हुआ जब कंगना ने महाराष्ट्र की तुलना पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से की। इसके बाद शिवसेना और एनसीपी के नेताओं ने कंगना के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया। इसके बाद मुंबई के मंडलायुक्त ने भी कंगना के साथ किए जाने वाले बुरे बर्ताव को बढ़ावा दिया। फिर शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कंगना रनौत को ‘हरामखोर लड़की’ कह कर सम्बोधित किया।
इसी बीच महाराष्ट्र सरकार ने ड्रग्स इस्तेमाल को लेकर कंगना के खिलाफ़ जाँच का आदेश भी जारी कर दिया। ठीक बाद संजय राउत ने कंगना रनौत को मुंबई में कदम नहीं रखने की धमकी दे दी। इस धमकी को दरकिनार करते हुए कंगना बुधवार को मुंबई पहुँची। उससे पहले बीएमसी ने कंगना रनौत के दफ्तर का एक हिस्सा पूरी तरह तोड़ दिया। इसके कारण महाराष्ट्र सरकार की काफी फ़ज़ीहत हुई।