आज जब मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ रामभक्त और हनुमान भक्त बन गए हैं और छत्तीसगढ़ में कॉन्ग्रेसी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रामायण से जुड़े पर्यटन स्थलों को विकसित करने की बातें कर रहे हैं, हमें विनायक दामोदर सावरकर का एक बयान याद करने की ज़रूरत है। सावरकर ने तब कहा था कि उन्होंने कॉन्ग्रेसवादी हिंदुओं को न सिर्फ शरीर पर बल्कि कोट पर जनेऊ पहन कर संघटनी सिद्धांतों का प्रचार करने के लिए बाध्य कर दिया।
सावरकर ने यह बात तत्कालीन राजनीति के संदर्भ में कही थी लेकिन ये आज भी प्रभावी है। महाराष्ट्र के सावरकर स्मारक के अध्यक्ष और वीर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने ‘विश्वास न्यूज़’ से बात करते हुए उनके इस बयान की पुष्टि की। उन्होंने जुलाई 10, 1943 को अविभाजित भारत के सिंध प्रान्त में मुस्लिम लीग के साथ हिन्दू महासभा के गठबंधन को लेकर कॉन्ग्रेसी दुष्प्रचार को जवाब देते हुए ये बातें कहीं थीं।
उनके इस बयान का जिक्र 10 वॉल्यूम वाले ‘समग्र सावरकर’ के वॉल्यूम-8 (ऐतिहासिक निवेदन) में पृष्ठ संख्या 485-89 पर भी है। यहाँ सावरकर लिखते हैं:
“परंतु यह टिप्पणी मन:पूर्वक की जाती तो मुझे प्रसन्नता होती। क्योंकि हिंदुओं पर यदि अत्यंत घिनौना, हीन आरोप करना हो तो वह ‘पाकिस्तानानुकूल’ और लीग को अथवा ‘मुस्लिमों’ को संतुष्ट करने के लिए हिंदू हित का घात करनेवाला यह है, यह बात सीखने के लिए मैंने कॉन्ग्रेसवादी हिंदुओं को अंत में बाध्य किया। जैसा मैं बार-बार कहता था, उनके अनुसार कॉन्ग्रेसवादी हिंदुओं को केवल शरीर पर नहीं, कोट पर जनेऊ पहनकर हिंदू संघटनी सिद्धांतों का प्रचार करना पड़ा!”
“परंतु इन नेताओं के नेता बंदीशाला से मुक्त होने पर हिंदुस्थान के बँटवारे के करारनामे पर हस्ताक्षर करने के लिए और कॉन्ग्रेस की आधी-अधूरी राष्ट्रीयता की वेदी पर हिंदू हित की बलि चढ़ाने जब लीग के शिविर में जाऍंगे तब ये लोग उनका आदर-सत्कार कैसे करेंगे-यह विचार मेरे मन में आने पर उन लोगों पर दया आती है। (चार वर्षों के पश्चात जून 1947 में ऐसा ही घटा।)”
That’s 💯 💯 https://t.co/srEV1kfZ4w pic.twitter.com/nitqwESq9e
— Dhananjay Shenoi | धनंजय शेनॉय 🇮🇳 🚩 (@im_shenoi) August 4, 2020
कुछ ही दिनों पहले कमलनाथ ने राम मंदिर के भव्य निर्माण का स्वागत किया था। उन्होंने शुक्रवार (जुलाई 31, 2020) के दिन एक वीडियो संदेश जारी किया था। उसमें उन्होंने कहा कि देशवासियों को लम्बे समय से इसकी अपेक्षा और आकांक्षा थी। मंदिर निर्माण हर भारतीय की सहमति से हो रहा है और यह केवल भारत में ही संभव है। इस वीडियो में कमलनाथ के पीछे भगवान हनुमान की तस्वीर भी नजर आ रही थी।
सरलता, साहस, संयम, त्याग, वचनवद्धता, दीनबंधु राम नाम का सार है। राम सबमें हैं, राम सबके साथ हैं।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) August 4, 2020
भगवान राम और माता सीता के संदेश और उनकी कृपा के साथ रामलला के मंदिर के भूमिपूजन का कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व और सांस्कृतिक समागम का अवसर बने।
मेरा वक्तव्य pic.twitter.com/ZDT1U6gBnb
कमलनाथ के पीछे-पीछे आज यानी 4 अगस्त को मनीष तिवारी और फिर प्रियंका गाँधी ने भी राम मंदिर को लेकर ट्वीट किया। बताना जरूरी इसलिए है क्योंकि यही वो पार्टी है, जो अब तक भगवान राम के अस्तित्व को ही नकार रही थी। इसी पार्टी के वकील सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर के खिलाफ दलील दे रहे थे।
भगवान रामचन्द्र जी महाराज के भूमी पूजन के शुभ अफसर पर सब वैष्णव जनो और महनुभवों को कोटी कोटी बधाई pic.twitter.com/R00cfIWwu0
— Manish Tewari (@ManishTewari) August 4, 2020
हाल ही में कमलनाथ ने भोपाल में बड़े पैमाने पर सार्वजनिक रूप से हनुमान चालीसा का पाठ कराने का आह्वान किया। वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी ने कॉन्ग्रेस के इस कदम को दिखावा बताया। भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना था कि “कॉन्ग्रेस ने हमेशा राम के अस्तित्व को खारिज है।