दिल्ली पुलिस ने बड़े ड्रग सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है, जिसके बाद सियासी बवाल भी मच गया है। दिल्ली पुलिस के इस ऑपरेशन में लगभग 5,600 करोड़ रुपये मूल्य की कोकीन और हाइड्रोपोनिक मारिजुआना बरामद हुआ था। पुलिस ने इस मामले में तुषार गोयल को गिरफ्तार किया, जो कॉन्ग्रेस का पूर्व नेता हैं। इस खुलासे के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कॉन्ग्रेस पर कड़ा हमला बोला और युवाओं के भविष्य को अँधकार की ओर ढकेलने का आरोप लगाया।
गृहमंत्री अमित शाह ने कॉन्ग्रेस पर बोला तीखा हमला
गृह मंत्री अमित शाह ने इस मामले में कॉन्ग्रेस पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, “जब मोदी सरकार ‘नशामुक्त भारत’ के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है, तब कॉन्ग्रेस के एक प्रमुख नेता का इस 5,600 करोड़ की ड्रग्स खेप में शामिल होना बेहद खतरनाक और शर्मनाक है।” शाह ने आरोप लगाया कि कॉन्ग्रेस युवाओं को ड्रग्स की अंधेरी दुनिया में धकेल रही है, जबकि मोदी सरकार उन्हें खेल, शिक्षा और इनोवेशन की ओर ले जा रही है।
शाह ने कॉन्ग्रेस के नेताओं पर अपने राजनीतिक रसूख का उपयोग कर युवाओं को ड्रग्स के दलदल में झोंकने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार, ड्रग्स के कारोबारियों का राजनीतिक पद या कद देखे बिना, ड्रग्स के पूरे तंत्र का विनाश कर ‘नशामुक्त भारत’ बनाने के लिए संकल्पित है।”
एक ओर जहाँ मोदी सरकार 'नशामुक्त भारत' के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है, वहीं उत्तर भारत से पकड़ी गई ड्रग्स की ₹5,600 करोड़ की खेप में कांग्रेस के एक प्रमुख व्यक्ति की संलिप्तता बेहद खतरनाक और शर्मनाक है।
— Amit Shah (@AmitShah) October 4, 2024
कांग्रेस के शासन में ड्रग्स से पंजाब, हरियाणा और समग्र उत्तर भारत…
कॉन्ग्रेस की तरफ से आई सफाई
इस पूरे मामले में कॉन्ग्रेस ने किसी भी प्रकार की संलिप्तता से इनकार किया है। पार्टी के अनुसार, तुषार गोयल से उनका कोई संबंध नहीं है। भारतीय युवा कॉन्ग्रेस (IYC) के अनुसार, तुषार को अक्टूबर 2022 में पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते संगठन से निष्कासित कर दिया गया था। हालांकि, दिल्ली पुलिस की जांच में यह सामने आया है कि तुषार गोयल ने अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल पर खुद को दिल्ली प्रदेश युवा कॉन्ग्रेस के RTI सेल का चेयरमैन बताया था।
दुबई में बैठा वीरेंद्र बसोया और ड्रग्स का इंटरनेशनल कनेक्शन
इस ड्रग्स रैकेट के मास्टरमाइंड के तौर पर वीरेंद्र बसोया का नाम सामने आया है, जो वर्तमान में दुबई में रह रहा है। वीरेंद्र बसोया पहले भी भारत में ड्रग्स के कई मामलों में संलिप्त रहा है। पिछले साल पुणे पुलिस द्वारा पकड़ी गई 3,000 करोड़ रुपये की म्याऊँ म्याऊँ ड्रग्स खेप में भी बसोया का नाम सामने आया था। इस केस में भी बसोया की संलिप्तता की पुष्टि की गई है।
बसोया ने तुषार गोयल को अपने ड्रग्स नेटवर्क से जोड़ा था, और उसने कोकीन की खेप की डिलीवरी के बदले तुषार को हर कन्साइनमेंट के लिए 3 करोड़ रुपये देने की डील की थी। दुबई से बसोया ने UK में रहने वाले जितेन्द्र गिल को भारत भेजा था, जो तुषार से मिलने दिल्ली आया था। दिल्ली पुलिस ने जितेन्द्र गिल को भी इस मामले में अमृतसर एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया। जितेन्द्र गिल पिछले 17 सालों से UK में रह रहा है और उसके पास UK का ग्रीन कार्ड है।
वीरेंद्र बसोया का कनेक्शन केवल भारत तक सीमित नहीं है। वह दुबई में रहकर इंटरनेशनल ड्रग्स सिंडिकेट चलाता है, जिसके तार UK, मुंबई और अन्य देशों से जुड़े हुए हैं। दिल्ली पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर बसोया के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है, ताकि उसे दुबई में गिरफ्तार किया जा सके। इसके अलावा, बसोया के डी-कंपनी से संबंधों की भी जाँच हो रही है।
इस ड्रग्स रैकेट में अब तक पाँच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें तुषार गोयल के अलावा हिमांशु कुमार, औरंगजेब सिद्दीकी, भरत कुमार जैन, और जितेन्द्र गिल शामिल हैं। यह ड्रग्स सिंडिकेट पैन-इंडिया स्तर पर फैला हुआ था, और इसका मुख्य उद्देश्य विभिन्न मेट्रो शहरों में कोकीन की आपूर्ति करना था।
इस ड्रग्स मामले में कॉन्ग्रेस और बीजेपी के बीच सियासी घमासान तेज हो गया है। बीजेपी ने इस मामले को लेकर कॉन्ग्रेस पर सीधा हमला बोला है। इस बड़े ड्रग्स रैकेट से जुड़े तमाम पहलू अभी भी खुल रहे हैं। कॉन्ग्रेस का इससे जुड़े होने का आरोप जहाँ सियासी बवाल मचा रहा है, वहीं पुलिस की जांच में इंटरनेशनल लिंक और डी-कंपनी से संभावित संबंध सामने आ रहे हैं।