कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए दुनिया भर की सरकारें इसे रोकने के हरसंभव प्रयास में जुटी हैं। भारत में भी व्यापक स्तर पर इससे निपटने के उपाय किए जा रहे हैं। इसी के मद्देनजर 14 अप्रैल तक देशव्यापी लॉकडाउन भी किया गया है। लोगों को घरों से ना निकलने की हिदायत दी गई है। ऐसे में पश्चिम बंगाल के तृणमूल कॉन्ग्रेस के एक नेता अपने क्षेत्र के मुस्लिम समुदाय के लोगों से अजान के लिए एक जगह पर इकट्ठा होने की अपील कर रहे हैं।
इस टीएमसी नेता का नाम है अख्तर हुसैन। अख्तर हुसैन पश्चिम बंगाल के आसनसोल में पार्षद हैं। उन्होंने केंद्र सरकार के लॉकडाउन के आदेश की खिल्ली उड़ाते हुए लोगों से अपील की है, “अगर मोदी ताली बजाकर कोरोना को रोक सकते हैं तो क्यों न हमें इसे हराने के लिए प्रार्थना (अजान) में जुटना चाहिए।” बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के दौरान शाम 5 बजे स्वास्थ्यकर्मियों और पुलिस का हौसला बढ़ाने के लिए लोगों से पाँच मिनट तक ताली, घंटी या थाली बजाने की अपील की थी। लेकिन यहाँ पार्षद उनके नाम से दुष्प्रचार कर रहा है।
जब टाइम्स नाउ ने अख्तर हुसैन से उनकी इस अपील के बारे में पूछा तो उन्होंने ढिठाई के साथ कहा, “क्या अब तक कोरोना बीमारी का कोई इलाज पता चला है? अगर हम अजान के जरिए इससे लड़ना चाहते हैं तो उसमें बुराई क्या है। मैंने कहा है कि कोरोना को अजान से रोका जा सकता है। लोग किसी न किसी तरह सड़क पर आ-जा रहे हैं। तो अगर अजान में लोग आते हैं तो हर्ज ही क्या है?” बता दें कि गुरुवार (मार्च 26, 2020) को आसनसोल में अजान के लिए बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हुए थे। यहाँ पर कोई पुलिस भी नजर नहीं आ रही थी।
गौरतलब है कि पिछले दिनों टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सड़क पर कुछ सब्जी वालों के ठीक सामने पहुँचती है। जिसके बाद वो हाथ में चॉक लेकर सड़क पर गोले बनाना शुरू कर देती हैं। ममता एक साथ कुछ दूरी पर कई गोले बनाती है। ऐसा करके ममता ने लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग सिखाने की कोशिश की।
हालाँकि, जब वह सड़क पर चॉक से गोले बना रही थीं, तब उन्हें देखने के लिए पीछे काफी लोग खड़े हो गए। लोग एक दूसरे से काफी करीब खड़े थे। जो वीडियो में साफ देखा जा सकता है। इसीलिए ट्विटर यूजर्स ने इसे लेकर ममता की खूब खिंचाई भी की कि ममता के पीछे जमा लोग कौन सी सोशल डिस्टेंसिंग को फॉलो कर रहे हैं?
बता दें कि लॉकडाउन के तहत किसी को भी सामूहिक धार्मिक आयोजन करने की मनाही है। तमाम मुस्लिम संगठनों ने भी कोरोना के संक्रमण को देखते हुए जुमे की नमाज के लिए मस्जिदों में ना इकट्ठा होने की अपील की है। सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर पीएम मोदी की पहल की उनके विरोधी नेता भी तारीफ कर रहे हैं। कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी के अलावा पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने भी कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए पीएम की मुहिम का समर्थन किया है। लेकिन टीएमसी नेता का यह रवैया उनके राज्य में कोरोना के खतरे को बढ़ा रहा है।
जानकारी के मुताबिक देश भर में कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए अगर सख्त कदम नहीं उठाए गए तो मई तक 13 लाख लोग संक्रमित हो सकते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक कोरोना के मामलों में मृत्यु दर 3.4 फीसदी है, जबकि आम फ्लू के संक्रमण में मृत्यु दर 1 फीसदी ही है। बात अगर भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण की करें तो अब तक 727 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं, जबकि इस वायरस की वजह से पूरे देश में अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है।