अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए गलतबयानी या असहज बयान देकर दूसरे देशों व उनके राष्ट्राध्यक्षों के लिए नई मुसीबत खड़ी कर देना कोई नई बात नहीं है। शुक्रवार (29 मई 2020) को ट्रम्प ने वाशिंगटन में पत्रकारों से बातचीत में कहा है कि उनकी मोदी से बात हुई है और मोदी चीन को लेकर बहुत अच्छे मूड में नहीं है।
भारत व चीन के LAC पर पसरे मौजूदा सीमा तनाव को देखते हुए ट्रम्प के इस बयान का खासा महत्व है। लेकिन जैसे ही मीडिया में यह खबर आई भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस बात से साफ इनकार कर दिया कि पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच हाल ही में कोई बात नहीं हुई है। ऐसे में यह सवाल उठ खड़ा होना लाजमी है कि क्या ट्रंप जान बूझ कर भारत व चीन के बीच गलतफहमी को बढ़ाने के उद्देश्य से यह बयान दिया है।
विदेश मंत्रालय ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के उन दावों को भी खारिज़ कर दिया है, जिसमें ट्रम्प ने कहा था कि भारत-चीन के मसले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की थी और वह दोनों देशों के बीच बड़े टकराव को लेकर अच्छे मूड में नहीं हैं।
मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि 4 अप्रैल के बाद राष्ट्रपति ट्रम्प और पीएम मोदी के बीच कोई बातचीत नहीं हुई है। दोनों के बीच अंतिम बातचीत हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के विषय पर हुई थी।
There have been no recent talks between Prime Minister Narendra Modi and US President Donald Trump over the Ladakh and China issue
— ANI Digital (@ani_digital) May 29, 2020
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विदेश मंत्रालय ने आगे स्पष्ट किया कि भारत इस विवाद को हल करने के लिए स्थापित तंत्र और राजनयिक संपर्कों के माध्यम से सीधे तौर पर चीन से बातचीत कर रहा है।
बता दें व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में गुरुवार (28 मई) को रिपोर्टरों से भारत और चीन के बीच गतिरोध को लेकर बात करते हुए ट्रम्प ने कहा था, ”मैं आपके प्रधानमंत्री को बहुत पसंद करता हूँ। वह एक बहुत ही सज्जन हैं। भारत और चीन के बीच बड़े टकराव की स्थिति है। दोनों देशों के पास तकरीबन 1.4 अरब आबादी हैं। दोनों की पास काफी मजबूत सेना हैं। भारत खुश नहीं है और शायद चीन भी खुश नहीं है। मैंने पीएम मोदी से बात की थी और चीन के साथ जो कुछ भी चल रहा है उसे लेकर उनका मूड ठीक नहीं है।”
#WATCH “We have a big conflict going on between India & China, 2 countries with 1.4 billion people & very powerful militaries. India is not happy & probably China is not happy, I did speak to PM Modi, he is not in a good mood about what’s going on with China”: US President Trump pic.twitter.com/1Juu3J2IQK
— ANI (@ANI) May 28, 2020
उन्होंने आगे कहा था कि अमेरिका दोनों के बीच उबलते सीमा विवाद में मध्यस्थता करने या फैसला करने के लिए तैयार है, इच्छुक है और योग्य भी है।’
ट्रम्प ने पहले भी बोला था झूठ
इससे पहले ट्रम्प ने कश्मीर के मुद्दे पर भी ऐसी ही भ्रामक बात कही थी। तब संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से चर्चा के दौरान ट्रम्प ने कहा था कि कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता करने के लिए पीएम मोदी ने उनसे अपील की है। तब भारत ने तत्काल इसका खंडन किया था कि पीएम मोदी ने ऐसी कोई बात नहीं कही है और भारत कश्मीर पर किसी तीसरे पक्ष की दखल कतई नहीं चाहता है।
क्या है पूरा मामला
इस महीने की शुरुआत से ही लद्दाख में चीनी सैनिक और भारतीय सैनिक आमने-सामने हैं, चीन की ओर से लगातार सैनिकों की संख्या बढ़ाने और बेस बनाने की खबरें आ रही हैं। जिसको लेकर सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने 22मई,2020 को लद्दाख का दौरा किया था।
बता दें चीन ने पैंगोंग त्सो के पास अत्यधिक सैनिक बल को तैनात किया था और लद्दाख में गलवान नदी पर अस्थाई टेंट भी स्थापित किया था। यह भी माना जा रहा है कि चीनी सैनिकों ने पैंगोंग त्सो झील के किनारे भी स्थिति संभाली हुई है और क्षेत्र में भारतीय बलों को डराने के लिए मोटरबोट के साथ आक्रामक गश्त भी कर रहे हैं।
ऐसे में भारत भी पूरी तरह से मुस्तैद है और शीर्ष स्तर पर इसको लेकर मंथन चल रहा है। पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास पिछले कुछ दिनों से चीन की तरफ से सैन्य गतिविधियों के बढ़ने के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति है। माना जा रहा है कि दोनों देशों के बीच 2017 में उपजे डोकलाम विवाद जैसी स्थिति फिर से दोनों देशों के बीच उत्पन्न हुई है।