लोकसभा में कॉन्ग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी अब अपने ही बयान से पलट गए हैं। अधीर रंजन ने लोकसभा में जोर-जोर से चिल्ला कर जो बातें कही थीं, बाहर मीडिया के सामने वह उसके ठीक विपरीत सुर में राग अलापते नज़र आ रहे हैं। संसद में उन्होंने कहा था कि चूँकि जम्मू कश्मीर मामले को संयुक्त राष्ट्र देख रही है, ऐसे में भारत इससे सम्बंधित विधेयक कैसे ला सकता है? बता दें कि पाकिस्तान का भी कमोबेश इस मामले में यही रुख है और वह जम्मू कश्मीर को द्विपक्षीय मसला बताता है।
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अब अधीर रंजन चौधरी ने अपने पुराने बयान से मुकरते हुए कहा है कि जम्मू कश्मीर भारत का आंतरिक मुद्दा है। वह पाकिस्तान द्वारा भारत के साथ व्यापार ख़त्म करने वाली ख़बर पर टिप्पणी कर रहे थे। अधीर रंजन ने कहा कि उन्हें पहले से ही इस बात का अंदेशा था कि पाकिस्तान इस तरह का क़दम उठा सकता है।अब उन्होंने कहा है कि कश्मीर को लेकर कौन सा क़ानून पारित किया जाएगा, यह निर्णय लेने का पूर्ण अधिकार हमारे देश के पास है।
#WATCH Adhir Ranjan Chowdhary, Congress leader in Lok Sabha: PM had announced from Red Fort that we’ll take Kashmiris forward not with bullets but by embracing them, but today, the situation in Kashmir is similar to that of a concentration camp. pic.twitter.com/jzGnZ6sSWy
— ANI (@ANI) August 8, 2019
संसद में उन्होंने पूछा था कि जिस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र देख रहा है, उस पर भारत सरकार क़ानून कैसे बना सकती है? वहीं अब संसद के बाहर उन्होंने कहा है कि यह अधिकार पूर्णतया भारत सरकार के पास है। संसद में उन्होंने कश्मीर को द्विपक्षीय मुद्दा बताया था, लेकिन अब मीडिया के सामने वह इसे भारत का आंतरिक मुद्दा बता रहे हैं (जो कि सही है और भारत का स्टैंड भी है)। आख़िर अधीर रंजन को ये समझने में इतने दिन क्यों लग गए? अगर उन्हें यह पता था तो संसद में बयान देकर उन्होंने पाकिस्तान के रुख को क्यों आगे बढ़ाया?
Adhir Ranjan Chowdhary: PM had announced from Red Fort that we’ll take Kashmiris forward not with bullets but by embracing them,but today situation in Kashmir is similar to that of a concentration camp. No mobile/internet connection, no Amarnath pilgrimage,what’s happening there? https://t.co/j8qpaPHIHQ
— ANI (@ANI) August 8, 2019
अधीर रंजन ने प्रधानमंत्री के उस बयान को याद किया जिसमें पीएम मोदी ने कहा था कि कश्मीर समस्या का हल गोली से नहीं बल्कि वहाँ की जनता को गले लगाने से होगा। अधीर रंजन ने कहा कि आज उसके ठीक विपरीत हो रहा है और जम्मू अक्ष्मीर को एक कंसंट्रेशन कैम्प में बदल दिया गया है। वैसे भी ज्योतिरादित्य सिंधिया, कर्ण सिंह और दीपेंद्र हुड्डा जैसे बड़े नेताओं ने अनुच्छेद 370 पर कॉन्ग्रेस के रुख के उलट जाकर केंद्र सरकार के निर्णय का स्वागत किया है।
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