झारखंड कॉन्ग्रेस (Jharkhand Congress) के तीन विधायकों को भारी मात्रा में कैश के साथ पश्चिम बंगाल में पकड़ा गया है। पुलिस ने बताया कि विधायकों के पास इतनी रकम मिली है कि इसकी गिनती के लिए मशीन मँगवाया गया है। उधर, इंडिया टुडे के कंसल्टिंग एडिटर जयंतो घोषाल बंगाल की ममता बनर्जी का लगातार बचाव कर रहे हैं। इसी काम के लिए उन्हें बंगाल सरकार द्वारा नियुक्त करने की जानकारी सामने आई है।
हावड़ा की एसपी स्वाती भंगालिया ने बताया कि जिन तीन विधायकों को पकड़ा गया है, वो हैं झारखंड के जामताड़ा से विधायक इरफान अंसारी, खिजरी से विधायक राजेश कच्छप और कोलेबिरा से विधायक नमन बिक्सल।
Howrah,West Bengal| We've nabbed 3 MLAs of Congress from Jharkhand namely Irfan Ansari, MLA from Jamtara, Rajesh Kachhap, MLA from Khijri & Naman Bixal, MLA from Kolebira with huge amounts of cash. We would only be able to count it once counting machines come: SP Swati Bhangalia pic.twitter.com/yo8VYyW9Yq
— ANI (@ANI) July 30, 2022
शनिवार (31 जुलाई 2022) की देर रात हावड़ा पुलिस को कैश से भरी गाड़ियों के जाने की सूचना मिली। हालाँकि, ये नहीं पता चला कि इनमें कौन लोग हैं। पुलिस ने तीनों विधायकों की गाड़ियों को रोका और उनकी तलाशी ली तो उसमें भारी मात्रा में कैश बरामद किया गया और पता चला कि ये तीनों विधायक हैं। इसके बाद पुलिस ने ड्राइवर सहित कार में सवार पाँच लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया।
बता दें कि झारखंड के जामताड़ा से कॉन्ग्रेस (Congress) के विधायक इरफान अंसारी वही व्यक्ति हैं, जिन्होंने अग्निपथ योजना का विरोध करते हुए कहा था कि ‘देश खून से लथपथ हो जाए, लेकिन अग्निपथ लागू नहीं होने देंगे।’
उन्होंने पैगंबर मुहम्मद को लेकर जुमे की नमाज के बाद राँची में हुए दंगे में मारे गए दंगाइयों का समर्थन भी किया था। इरफान अंसारी ने दंगाइयों पर गोली चलाने वाले पुलिसकर्मियों का विरोध करते हुए मृतक दंगाइयों के परिजनों को 50 लाख रुपए देने और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की माँग थी।
इस घटना के बाद झारखंड भाजपा के महासचिव आदित्य साहू ने कॉन्ग्रेस को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, “जब से उनकी सरकार सत्ता में आई है, भ्रष्टाचार बढ़ रहा है। इससे पहले भी झारखंड में अधिकारियों के घरों में बड़ी मात्रा में नकदी पकड़ी गई थी। वे जनता की गाढ़ी कमाई का इस्तेमाल दूसरे कामों में करते हैं। पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया और यह सामने आया।”
उधर, झारखंड कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा, “जब तक जाँच नहीं हो जाती, तब तक इस बारे में बात करना मुनासिब नहीं होगा, लेकिन देश के हालात को देखते हुए… पकड़े गए विधायक मामले को बेहतर ढंग से समझा सकते हैं। बहरहाल घटना दुखद है। हम अपने आलाकमान को एक रिपोर्ट सौंपेंगे।”
It won't be reasonable to talk about it till probe is done, but looking at country's situation… nabbed MLAs can better explain the matter. However, incident is saddening. We'll submit a report to our high command; no one involved to be spared: Jharkhand Cong chief Rajesh Thakur pic.twitter.com/ileNCWBFV2
— ANI (@ANI) July 30, 2022
इंडिया टुड़े के कंसल्टिंग एडिटर जयंतो घोषाल को साल 2020 में ममता बनर्जी की सरकार ने सूचना विभाग में लाइजनिंग ऑफिसर के रूप में नियुक्त किया था। घोषाल का काम केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के साथ राज्य सरकार के लिए लाइजनिंग करना है। इसके साथ ही राज्य के कार्यों और उसकी नजरिए को मीडिया के जरिए देश के सामने पेश करना है।
एक ट्विटर यूजर ने घोषाल बंगाल सरकार द्वारा घोषाल की की नियुक्ति का नोटिफिकेशन ट्विटर पर शेयर किया है। इसमें कहा गया है घोषाल को इसके लिए हर महीने 1.5 लाख रुपए दिए जाएँगे और उनका कार्यालय दिल्ली में पश्चिम बंगाल के रेजिडेंट कमिश्नर के कार्यालय में होगा।
— Close Associate BDP (@EggsPert0) July 30, 2022
जयंतो घोषाल ने यह इंडिया टुडे के पैनल डिस्कशन में यह काम किया भी। बहस के दौरान घोषाल ने हाल में TMC नेता पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के यहाँ से भारी मात्रा में कैश और जेवरात की बरामदगी पर उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का बचाव करने की कोशिश की।
डिबेट में घोषाल ने कहा कि उन्हें यकीन है कि सीएम एसएससी घोटाले और उसमें अपने मंत्री पार्थ चटर्जी एवं उनके सहयोगियों की मिलीभगत से बेखबर थीं। बता दें कि पार्थ चटर्जी को मंत्रालय और पार्टी से बर्खास्त कर दिया गया था, जब ईडी ने उनकी ‘करीबी’ अर्पिता मुखर्जी से सोने और आभूषणों के साथ 50 रुपये से अधिक नकद बरामद किया था, और यह माना जाता है कि अवैध धन शिक्षा में एसएससी भर्ती घोटाले की आय है। विभाग जब चटर्जी मंत्री थे।
इस मुद्दे पर एक पैनल चर्चा के दौरान इंडिया टुडे के एंकर राजदीप सरदेसाई से बात करते हुए सलाहकार संपादक जयंतो घोषाल ने कहा, “मैं पूरी तरह से आश्वस्त हूँ कि इसके बारे में ममता बनर्जी को नहीं पता था।” अपने दावे को सही ठहराते हुए उन्होंने कहा, “क्योंकि मैंने समझने की कोशिश की, मैं कल कलकत्ता में था, मैंने उनसे बात की। वह बहुत परेशान थीं और उन्होंने कार्रवाई करने में समय इसलिए लिया, क्योंकि वह पार्थ का समर्थन कर रही थी, बल्कि इसलिए कि वह समझने की कोशिश कर रही थी कि क्या हो रहा है।”