Friday, November 8, 2024
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30 साल तक BJP के समर्थन में एक शब्द नहीं, आज राहुल गाँधी मिले होने का आरोप लगा रहे: कपिल सिब्बल का दर्द

"अगर राहुल गाँधी इन आरोपों को प्रमाणित कर सकते हैं तो वे इस्तीफा दे देंगे।" - 23 नेताओं के पत्र के पीछे कॉन्ग्रेस नेताओं की भाजपा से साँठ-गाँठ है। राहुल गाँधी के इस आरोप के बाद...

कॉन्ग्रेस कार्यकारिणी की मीटिंग के दौरान राहुल गाँधी पार्टी के स्थाई अध्यक्ष बनाए जाने की माँग वाले पत्र पर बेहद नाराज नजर आ रहे हैं। शायद यही वजह है कि अब कॉन्ग्रेस पार्टी के ही वरिष्ठ नेता राहुल गाँधी के गुस्से का शिकार हो रहे हैं।

राहुल गाँधी ने आरोप लगाया है कि इस पत्र के पीछे मौजूद कॉन्ग्रेस नेताओं की भाजपा से साँठ-गाँठ है। राहुल गाँधी के इस बयान से कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद ने खुलकर अपनी नाराजगी प्रकट की है। गुलाम नबी आजाद ने इस्तीफे तक की बात कह डाली है।

कपिल सिब्बल ने ट्विटर के जरिए कॉन्ग्रेस के प्रति अपने सेवा और भक्ति के बारे में ट्विटर पर लिखा है, “राहुल गाँधी कहते हैं कि हमारी बीजेपी के साथ साँठ-गाँठ है, राजस्थान हाईकोर्ट में पार्टी को सफलता दिलाई। मणिपुर में बीजेपी के खिलाफ पूरी ताकत से पार्टी का बचाव किया। पिछले 30 सालों में बीजेपी के पक्ष में एक भी बयान नहीं दिया। फिर भी हम पर बीजेपी से साँठ-गाँठ का आरोप लग रहा है।”

वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने CWC की बैठक के दौरान ही यह ट्वीट किया है।

वहीं, कॉन्ग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कार्यकारिणी की बैठक में कहा है कि अगर राहुल गाँधी इन आरोपों को प्रमाणित कर सकते हैं तो वे इस्तीफा दे देंगे। गौरतलब है कि कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद उन 23 नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने कॉन्ग्रेस वर्किंग कमिटी से पहले पत्र लिखा था।

इस पत्र में कॉन्ग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर सवाल खड़े किए गए और कहा गया कि इस वक्त एक ऐसे अध्यक्ष की माँग है, जो पूर्ण रूप से कॉन्ग्रेस पार्टी को वक्त दे सके।

सोमवार (अगस्त 24, 2020) को हुई इस बैठक में इस पत्र को लेकर काफी विवाद हुआ है। कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की पेशकश की। हालाँकि, कई वरिष्ठ नेताओं ने ऐसा करने से इनकार कर दिया। साथ ही, यह पत्र लिखने वालों पर राहुल गाँधी ने अपना गुस्सा व्यक्त किया और इसकी टाइमिंग पर सवाल खड़े किए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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