Sunday, November 17, 2024
Homeराजनीति'हमारा नसीब तो देखो, अपने बालक भी खोए और अखिलेश सरकार में जेल भी...

‘हमारा नसीब तो देखो, अपने बालक भी खोए और अखिलेश सरकार में जेल भी गए’: फूट-फूटकर रोई माँ, कहा- जबसे बाबा, तब से सुरक्षा

"जाटों में कोई बिखराव नहीं है। जाटों का कोई भी ठेकेदार नहीं है। सरकार तो योगी की ही आएगी। आप भी देख लेना।"

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) जिले की छह विधानसभा सीटों में से एक है, मीरापुर (Meerapur)। जिले की सभी छह सीटों पर पहले चरण में 10 फरवरी 2022 को वोट डाले जाएँगे। 2012 में अस्तित्व में आए मीरापुर विधानसभा क्षेत्र का ही हिस्सा है, मलिकपुरा। यहीं मुनीश देवी रहती हैं। रविवार (6 फरवरी 2022) की दोपहर जब हम उनके दरवाजे पर पहुँचे तो उन्होंने बात करने से इनकार कर दिया। हमारे काफी आग्रह के बाद जब वह बात करने को तैयार हुईं तो अगस्त 2013 की 27 तारीख के बारे में बात करते-करते फूट-फूटकर रोने लगीं। उनके पति बिशन सिंह सवाल करने पर डबडबाई आँखों से अपने बड़े भाइयों की ओर इशारा करते हैं कि जो पूछना है इनसे पूछिए। मुनीश और बिशन उस सचिन के पिता हैं जिनकी निर्मम तरीके से कवाल गाँव (Kawal Case) में हत्या कर दी गई थी। एक बच्चे के पिता रहे सचिन के साथ उनके 17 वर्षीय फूफेरे भाई गौरव की भी उस दिन निर्मम हत्या की गई थी।

मलिकपुरा जाने के लिए आपको कवाल की उन तंग गलियों से गुजरना पड़ता है, जिसमें दोनों भाई मार डाले गए थे। वो भी गोली या धारदार हथियारों से नहीं। डॉक्टरों के पैनल को सचिन के शरीर पर 17 और गौरव के शरीर पर 15 निर्मम घाव मिले थे। उन्हें लाठी-डंडों और सरिये से मार-मारकर मौत के घाट उतार दिया गया था। सिर और मुँह को पत्थरों से कुचल दिया गया था।

सचिन के चाचा तेजिंदर सिंह ने ऑपइंडिया को ब​ताया, “भाई गोली लग जाए तो भी समझा जाए। वह हत्या ऐसी थी कि शरीर में कोई ऐसी जगह नहीं थी जहाँ उनके चोट न लगी हो। उनका हाथ-पैर बाँध के पूरा जुलूस निकाला। गाँव में कोई भी ऐसा नहीं था जो छुड़ाने या बचाने वाला हो। जब हमें पता चला तो हम गए। तब उनकी लाश पड़ी हुई थी। लाश में कोई ऐसी जगह नहीं थी, जहाँ आप कह दो कि यहाँ डंडा या हाथ-पैर नहीं लगा।” मुनीश बताती हैं, “हमारे 2-2 बच्चे कत्ल किए गए थे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा था। दिमाग बिलकुल आउट हो गया था।” आगे वे कहती हैं, “मैं किसी की कही नहीं बल्कि अपने दिमाग से कहती हूँ कि जबसे बाबा (योगी आदित्यनाथ) की सरकार आई तब से सुरक्षा तो है। अब लोग छेड़खानी करने से डरते हैं। अब विवाद करने वालों को पता चल गया है कि बिना जेल जाए छूटने का नहीं है।”

‘योगी से बढ़िया सरकार न आई…अब किसी में दम हो तो देख ले’

जब कवाल गाँव में सचिन और गौरव की हत्या हुई थी, तब अखिलेश यादव के नेतृत्व में राज्य में सपा की सरकार थी। उस सरकार और बीजेपी की सरकार के बारे में पूछे जाने पर मुनीश कहती हैं, “पहले से घना बेहतर है इस सरकार में। गुंडागर्दी, अपहरण, चोरी डकैती सब खत्म है। बहू-बेटियों का भी आना-जाना है।” सचिन के पिता तीन भाई हैं। सबसे बड़े प्रह्लाद सिंह ने ऑपइंडिया को बताया, “भाजपा ने बहुत कुछ कर दिया। हमारे लिए सबसे बड़ा मुद्दा सुख-शांति है। पहले हर जगह कहीं भी चलते हुए राहजनी का डर लगता था। अब कही भी घूमते फिरो। किसी भी बहन-बेटी को कोई दिक्कत नहीं। पिछले 5 साल में बहुत सुधार हुआ। योगी ने बढ़िया विकास कर रखा है। योगी सरकार से बढ़िया सरकार न आई। इस बार भी यही आएगी। पहले अपहरण और सारे कर्म होते थे। राहजनी होती थी और बहू-बेटी की कदर भी नहीं थी। अब किसी में दम हो तो देख ले। और क्या चाहते हो?”

‘योगी जी का जो कानून है, वो सबको पता है’

जब हम मुनीश के दरवाजे पर थे, उसी वक्त मीरापुर के बीजेपी प्रत्याशी प्रशांत गुर्जर भी वहाँ पहुँचे। उन्होंने ऑपइंडिया से कहा, “योगी जी का जो कानून है, वो सबको पता है। पूरा जाट समाज लॉ एन्ड आर्डर के साथ है।” वे कहते हैं, “यहाँ तो जयंत का प्रत्याशी भी नहीं है। जयंत का केवल सिंबल भर है, प्रत्याशी समाजवादी का है। लड़ाई प्रशांत और चंदन (रालोद के कैंडिडेट चंदन चौहान) की नहीं है। लड़ाई अखिलेश यादव और योगी आदित्यनाथ की है। लोग जानते हैं कि फिर अखिलेश की सरकार बनी तो आजम खान की चलेगी और फिर वही दिन आएँगे।”

सचिन के पिता के साथ मीरापुर से बीजेपी उम्मीदवार प्रशांत गुर्जर (सबसे बाएँ)

क्या है कवाल कांड

27 अगस्त 2013 को कहासुनी में सचिन और गौरव की हत्या कर दी गई थी, जबकि शाहनवाज की अस्पताल में मौत हो गई थी। दोनों भाइयों की हत्या के मामले में एडीजे कोर्ट ने 2019 में दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इनके नाम हैं: मुजस्सिम, मुजम्मिल, फुरकान, जहाँगीर, नदीम, अफजाल और इकबाल।

शाहनवाज के पिता सलीम ने एक एफआईआर दर्ज कराते हुए गौरव और सचिन के परिवार पर अपने बेटे की हत्या का आरोप लगाया था। इसको लेकर हुई पुलिस कार्रवाई के बाद महापंचायत बुलाई गई थी। 07 सितंबर को महापंचायत से लौट रहे लोगों पर जौली नहर के पास हमला किया गया। इसके बाद पूरे मुजफ्फरनगर में भीषण दंगे हुए थे।

‘मोहम्डनों ने घेर-घेर कर वहाँ मार काट कर दी’

मुनीश ने ऑपइंडिया को बताया, “हमारे ऊपर अभी भी केस चल रहा है। घर से पैसा लगा कर मुकदमा लड़ रहे हैं। जब हमारे बच्चे बिगड़े (मारे गए) तब तो भाजपा सरकार आई भी नहीं थी। हमें तो भाजपा सरकार की बहुत मदद मिली। हम जेल में गए। भाजपा ने हमारी मदद भी की। सचिन के पिता जी, बड़े ताऊ, छोटे ताऊ, 2 भाई और गौरव का पिता ऐसे 6-7 लोग थे। ये सब अखिलेश सरकार में जेल काट कर आए।” वे कहती हैं, “पुलिस और सारी दुनिया को ये पता था कि हम निर्दोष थे। पुलिस पर हमारे घर जाने और हमें पकड़ कर लाने का दबाव डाला जाता था। सरकार अखिलेश की थी, यह दबाव वही डाल रहे थे। ये न होता तो पंचायत ही न होती। यह पंचायत इसीलिए तो हुई थी कि इन्हीं के बच्चे भी मार दिए गए बीच-बाजार में और इन्हीं के परिवार के नाम रिपोर्ट भी हो गई। इसलिए तो पंचायत हुई थी। जाते समय शांति का माहौल था। सब अपने-अपने गाँव को लौट रहे थे। मोहम्डनों ने घेर-घेर कर वहाँ मार काट कर दी और गोली चला दी।”

जख्म आठ साल बाद भी हरे

इस बार पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सपा और रालोद गठबंधन जाट-मुस्लिम समीकरण के आसरे हैं। इस चुनावी फॉर्मूले को राकेश टिकैत का समर्थन भी हासिल है। लेकिन, सचिन और गौरव की निर्मम हत्या और उस पर तत्कालीन सपा सरकार की एकतरफा कार्रवाई ने जो हालात पैदा किए उसके जख्म आठ साल बाद भी हरे ही हैं। मुनीश कहती हैं, “हम अब उनसे (मुस्लिम) कोई मतलब नहीं रखते। पहले हमारा भाईचारा था। पहले शादी-ब्याह में आना-जाना खूब था। लेकिन अब पहले वाली बात नहीं रही। अब मन नहीं मानता।” वे कहती हैं, “हमारा नसीब तो देखो, अपने बालक भी खोए, जेल भी गए और मुकदमा भी लड़ रहे हैं। हमे पता होता कि हमारे बालकों के साथ ऐसा हो रहा है तो क्या हम उन्हें मरने देते?”

‘सरकार तो योगी की ही आएगी, आप भी देख लेना’

शायद यही कारण है कि तेजिंदर सिंह पूरे यकीन के साथ कहते हैं, “हमारे लिए सबसे बड़ी बात है कानून-व्यवस्था में सुधार। थोड़ा बहुत जातिगत समीकरण जरूर होता है। पर जाटों में कोई बिखराव नहीं है। जाटों का कोई भी ठेकेदार नहीं है। सरकार तो योगी की ही आएगी। आप भी देख लेना।”

-साथ में राहुल पांडेय

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

अजीत झा
अजीत झा
देसिल बयना सब जन मिट्ठा

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘भगवा लव ट्रैप’ का प्रोपेगेंडा रचने वाले मौलाना नोमानी की खिदमत में शौहर संग पहुँची स्वरा भास्कर: लड़कियों के स्कूल जाने को बता चुका...

भाजपा को वोट देने वालों का हुक्का-पानी बंद करने की अपील करने वाले सज्जाद नोमानी से स्वरा भास्कर और उनके शौहर ने मुलाकात की।

कार्तिक पूजा कर रहे थे हिंदू, ‘ईशनिंदा’ का आरोप लगा इस्लामी कट्टरपंथियों ने बोला धावा: बंगाल में पत्थरबाजी-आगजनी, BJP ने साझा किया हिंसा का...

मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा कस्बे में शनिवार (16 नवंबर 2024) की शाम को उग्र इस्लामी कट्टरपंथियों की भीड़ ने हिंदू समुदाय के घरों पर हमला कर दिया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -