Friday, April 26, 2024
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‘वो गली का गुंडा है, हाथापाई कर मेरी आवाज़ दबाने की कोशिश की थी’: केरल के राज्यपाल ने वामपंथी इतिहासकार को लताड़ा

वहाँ इरफ़ान हबीब भी एक वक्ता थे। खान ने आरोप लगाया कि इतिहासकार सीधे उनके पास हाथापाई करने पहुँच गया था। इस घटना का वीडियो भी सामने आया था।

केरल (Kerala) के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Arif Mohammad Khan) ने तथाकथित इतिहासकार इरफान हबीब (Irfan Habib) पर निशाना साधा है। उन्होंने हबीब को ‘गली का गुंडा’ बताते हुए आरोप लगाया कि उसने हाथापाई करके उनकी आवाज दबाने की कोशिश की थी।

राज्यपाल ने नई दिल्ली में मंगलवार (23 अगस्त, 2022) को दिसंबर 2019 में हुई उस घटना का उल्लेख किया, जब वह कन्नूर विश्वविद्यालय (Kannur University) द्वारा आयोजित भारतीय इतिहास कॉन्ग्रेस का उद्घाटन करने गए थे। वहाँ इरफ़ान हबीब भी एक वक्ता थे। खान ने आरोप लगाया कि इतिहासकार सीधे उनके पास हाथापाई करने पहुँच गया था। जब इस कार्यक्रम में राज्यपाल अपना संबोधन शुरू करने वाले थे, उस वक्त ज्यादातर प्रतिनिधि अपनी सीट से खड़े हो गए थे और नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर उनके रुख के खिलाफ अपना विरोध जताने लगे थे, जो उस समय एक ज्वलंत मुद्दा था।

दरअसल, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने नई दिल्ली में मीडिया के एक सवाल के जवाब में यह बातें कही। उन्होंने कहा, “क्या किसी अकादमिक विद्वान का काम झगड़ना है। इरफान हबीब ‘गली का गुंडा’ है। जब मैंने जवाब देने की कोशिश की तब उन्होंने हाथापाई करके मेरी आवाज दबाने की कोशिश।” बीते दिनों खान ने इस मुद्दे पर कन्नूर विश्वविद्यालय के कुलपति गोपीनाथ रवींद्रन की भी तीखी आलोचना की थी और उन्हें अपराधी करार दिया था।

राज्यपाल ने आरोप लगाया था कि कुलपति ने 90 वर्षीय हबीब और अन्य को उनकी आलोचना करते हुए भाषण देने के लिए लंबा वक्त दिया, लेकिन जब वह सवालों का जवाब देने के लिए खड़े हुए तब उन पर हमला करने का प्रयास किया गया। कुलपति पर ‘अपराधी’ वाली टिप्पणी को लेकर खान ने कहा, “आप सभी ने देखा कि कैसे मेरे एडीसी (Aide-de-camp) साथ धक्का-मुक्की की गई। उनकी कमीज फाड़ दी गई। हबीब सीधे मेरे पास भिड़ने आ गए।” राज्यपाल के आरोपों पर हबीब की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने आगे यह भी कहा, “कुलपति रवींद्रन भी मुझ पर हमला करने वालों की साजिश का हिस्सा थे। वह राजनीतिक कारणों से कुलपति के पद पर हैं। मुझे कुलपति ने 21 अगस्त को वहाँ आमंत्रित किया था। जब मुझ पर हमला किया गया, तो उनका कर्तव्य क्या था? क्या उन्हें इसकी रिपोर्ट पुलिस को नहीं करनी चाहिए थी? लेकिन उसने ऐसा नहीं किया।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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