Sunday, September 1, 2024
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सागरा प्राण तळमळला… लता मंगेशकर का ‘भारत रत्न’ छीनना चाहती थी कॉन्ग्रेस, वीर सावरकर की कविता पर भाई को निकाला था AIR से

इस कविता में वीर सावरकर समुद्र से गुहार लगा रहे हैं कि वो उन्हें उनकी मातृभूमि तक ले जाए, क्योंकि अब यहाँ उनका जीना मुश्किल हो रहा है। उस समय वो इंग्लैंड में थे।

सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर अब इस दुनिया में नहीं रहीं। रविवार (6 फरवरी, 2022) को उनका निधन हो गया। ये तो कई लोगों को पता है कि मंगेशकर परिवार के वीर विनायक दामोदर सावरकर से काफी अच्छे रिश्ते थे। लेकिन, ये कम ही लोगों को पता है कि कैसे ‘ऑल इंडिया रेडियो (AIR)’ ने लता मंगेशकर के भाई हृदयनाथ मंगेशकर को सिर्फ इसीलिए निकाल दिया था, क्योंकि उन्होंने वीर सावरकर द्वारा लिखी एक कविता गाई थी। वीर सावरकर ने इंग्लैंड में ही ‘सागरा प्राण तळमळला’ नामक ये कविता लिखी थी।

इस कविता में वीर सावरकर समुद्र से गुहार लगा रहे हैं कि वो उन्हें उनकी मातृभूमि तक ले जाए, क्योंकि अब यहाँ उनका जीना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने भारत की सुंदरता का वर्णन करते हुए लिखा है कि कैसे समुद्र को उन्होंने भारत माता के पाँव धोते हुए देखा है। वो समुद्र से कह रहे हैं कि उसने उनसे वादा किया था कि बाहर की दुनिया दिखाने के बाद वो उन्हें वापस अपनी मातृभूमि ले जाएगा। इस कविता में अपनी जन्मभूमि से अलगाव की पीड़ा है। एक परदेशी को उसकी मातृभूमि की याद सताती है, उसे इसमें दर्शाया गया है।

बता दें कि एक समय में हृदयनाथ और उनकी बहनें, लता मंगेशकर और उषा मंगेशकर वीर सावरकर की कविता को संगीतबद्ध कर चुके थे। लेकिन कॉन्ग्रेस को यह चीज नहीं पसंद आई और उन्होंने पंडित हृदयनाथ को AIR से निकलवा दिया। इस बात को स्वयं हृदयनाथ मंगेशकर ने कई सालों बाद एबीपी माझा को दिए इंटरव्यू में कहा था। उन्होंने 53 मिनट के इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें एक बार AIR की नौकरी से हाथ धोना पड़ा था, सिर्फ इसलिए क्योंकि उन्होंने वीर सावरकर की प्रतिष्ठित कविता का एक संगीतमय गायन बनाने का साहस किया था जिसमें उन्होंने उन्हें मातृभूमि में वापस ले जाने के लिए समुद्र की प्रशंसा की थी।

अपने मराठी इंटरव्यू में उन्होंने कहा था“मैं उस समय ऑल इंडिया रेडियो में काम कर रहा था। मैं 17 साल का था और मेरी तनख्वाह 500 रुपए प्रति माह थी। यह आज मूंगफली भर हो सकती है, लेकिन उस समय 500 रुपए एक बड़ा मोटा वेतन माना जाता था … संक्षेप में कहूँ तो मुझे ऑल इंडिया रेडियो से निकाल दिया गया था क्योंकि मैंने वीर सावरकर की प्रसिद्ध कविता ‘ने मजसी ने परत मातृभूमि, सागर प्राण’ के लिए एक संगीत रचना बनाने का विकल्प चुना था।”

एक ऐसा समय भी आया था, जब कॉन्ग्रेस पार्टी ने लता मंगेशकर को दिए गए ‘भारत रत्न’ अवॉर्ड छीनने की माँग की थी। ये सभी को पता है कि जनवरी 1963 में लता मंगेशकर ने जब ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ गाना शुरू किया, तब नेहरू की आँखों में आँसू आ गए। 2013 में लता मंगेशकर ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की थी। जनार्दन चांदुरकर उस समय मुंबई कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष थे। उन्होंने तत्काल केंद्र सरकार से माँग कर दी थी कि लता मंगेशकर को दिया गया ‘भारत रत्न’ अवॉर्ड छीन लेना चाहिए। 

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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