केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने सोमवार (23 जनवरी, 2023) को कहा कि जजों को जनता बदल नहीं सकती है और न ही जजों को जनता का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि लेकिन जज किस तरह से काम करते हैं और वे किस तरह के फैसले दे रहे हैं, उसको जनता देख रही है। लोग जजों के निर्णयों को देखकर ओपिनियन भी बनाते हैं और उस पर बातें भी करते हैं।
कानून मंत्री ने कहा, “जब मैं विपक्ष में था, उस समय इतना सोशल मीडिया नहीं था। बहुत गिने-चुने लोग ही टेलीविजन डिबेट में हिस्सा लेते थे। न्यूजपेपर में भी उन्हीं का नाम छपता था। आम आदमी का कोई आवाज था नहीं। आम आदमी अगर बोलना चाहता था तो भी नहीं बोल सकता था। कहाँ बोलते। कोई प्लेटफॉर्म था ही नहीं। नेता लोग ही बोलते थे। आज तो हर एक लोग सरकार से सवाल करते हैं।”
#WATCH | “After becoming judges, they don’t have to face elections or scrutiny by the public,” says Union Law minister Kiren Rijiju pic.twitter.com/4aLPjLoGrk
— ANI (@ANI) January 23, 2023
उन्होंने आगे कहा, “जनता को सवाल पूछना भी चाहिए। चुने हुए सरकार को अगर सवाल नहीं करेंगे तो किससे सवाल करेंगे। सरकार पर लगातार हमला होता है, लेकिन हमलोग पीछे हटते नहीं हैं। उनका सामना करते हैं। हम चुने हुए लोग हैं। अगर मैं आज कानून मंत्री के हिसाब से काम कर रहा हूँ। अगर जनता चाहेगी तो हमें सरकार में लाएगी। नहीं तो हम विपक्ष में बैठेंगे। लेकिन जज तो एक बार जज बन गए तो उनको तो चुनाव का सामना करना नहीं है। जजों को तो जनता सवाल भी नहीं कर सकती। जनता जजों को नहीं चुनती है । वह उनको बदल भी नहीं सकती।”
कानून मंत्री ने कहा, “जनता जजों काे देख रही है। आपके (जजों के) जजमेंट को लोग देखते हैं। आप किस तरह से काम करते हैं, आप किस तरह से न्याय देते हैं, वह भी जनता देख रही है। लोग देख कर इसका मूल्यांकन भी करते हैं और ऑपेनियन भी बनाते हैं। सोशल मीडिया के युग में आप कुछ भी छिपा नहीं सकते हैं।” रिजिजू ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश ने उनसे आग्रह किया था कि सोशल मीडिया पर जजों की आलोचना को रोकने के उपाय करना चाहिए।
वहीं इससे पहले रिजिजू ने कॉलेजियम विवाद के बीच दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज आरएस सोढ़ी (RS Sodhi) का वीडियो शेयर किया था। वीडियो में पूर्व जज सोढ़ी सुप्रीम कोर्ट द्वारा ‘संविधान को हाईजैक’ करने की बात कहते हैं। रिजिजू ने कहा था कि हमारी न्यायपालिका स्वतंत्र है लेकिन हमारा संविधान सर्वोच्च है।
रिजिजू ने पूर्व जज आरएस सोढ़ी का वीडियो शेयर करते हुए कहा था, “एक जज की नेक आवाज: भारतीय लोकतंत्र की असली खूबसूरती इसकी सफलता है। जनता अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से स्वयं शासन करती है। चुने हुए प्रतिनिधि लोगों के हितों का प्रतिनिधित्व करते हैं और कानून बनाते हैं। हमारी न्यायपालिका स्वतंत्र है लेकिन हमारा संविधान सर्वोच्च है।”