प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी सीट से SP प्रत्याशी के तौर पर नामांकन भरने वाले BSF के बर्खास्त सिपाही तेज बहादुर यादव के लोकसभा चुनाव लड़ने के सपने पर पानी फिर गया है। निर्वाचन अधिकारी द्वारा जारी किए गए दो नोटिसों का जवाब देने बुधवार (मई 01, 2019) दोपहर 11 बजे तेज बहादुर यादव अपने वकील के साथ RO से मिलने पहुँचे। जिसके बाद निर्वाचन अधिकारी ने तेज बहादुर के नामांकन पत्र को खारिज कर दिया।
अब शालिनी यादव सपा की तरफ से चुनावी मैदान में मोदी को टक्कर देंगी। नामांकन पत्र के नोटिस के जवाब देने के दौरान तेज बहादुर के समर्थकों और पुलिस के बीच जमकर नोकझोंक हुई, जिसके बाद पुलिस ने समर्थकों को कचहरी परिसर से बाहर कर दिया।
मंगलवार (मई 01, 2019) को प्रेक्षक प्रवीण कुमार की मौजूदगी में नामांकन पत्रों की जाँच शुरू हुई। जाँच के दौरान जिला निर्वाचन अधिकारी सुरेंद्र सिंह द्वारा यादव को BSF से बर्खास्तगी के संबंध में दो नामांकन पत्रों में अलग-अलग जानकारी देने पर नोटिस देकर 24 घंटे में BSF से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेकर प्रस्तुत करने को कहा गया था।
तेज बहादुर को कहा गया था कि वो BSF से प्रमाणपत्र लेकर आएँ, जिसमें यह स्पष्ट हो कि उन्हें नौकरी से किस वजह से बर्खास्त किया गया। जाँच में पाया गया कि यादव ने पहले नामांकन में ‘भारत सरकार या राज्य सरकार के अधीन पद धारण करने के दौरान भ्रष्टाचार या नियमों के उल्लंघन के कारण पदच्युत किया गया’ के सवाल पर ‘हाँ’ में जवाब दिया और विवरण में 19 अप्रैल, 2017 लिखा है।
दूसरे नामांकन में शपथ पत्र प्रस्तुत कर पहले नामांकन में गलती से ‘हाँ’ लिख दिया गया, बताया है। शपथ पत्र में बताया कि तेज बहादुर यादव सिंह पुत्र शेर सिंह को 19 अप्रैल, 2017 को बर्खास्त किया गया, मगर भारत सरकार व राज्य सरकार द्वारा पद धारण के दौरान भ्रष्टाचार एवं नियमों के उल्लंघन के कारण पदच्युत नहीं किया गया है।