लोकसभा चुनाव में नामांकन भरने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और नेताओं की अकूत संपत्ति के खुलासे होने लगे है। तेलंगाना की चेवेल्ला लोकसभा सीट से कॉन्ग्रेस पार्टी के उम्मीदवार कोंडा विश्वेश्वर रेड्डी ने अपने हलफनामे में 895 करोड़ रुपए की संपत्ति की घोषणा की है। इस घोषणा के बाद वह दोनों तेलुगू राज्यों में सबसे अमीर राजनेता बन कर उभरे हैं।
इंजीनियर से राजनेता बने रेड्डी ने शुक्रवार (मार्च 22, 2019) को नामांकन भरने के दौरान अपने और अपने परिवार की संपत्ति की घोषणा की।
रेड्डी के हलफनामे के अनुसार, उनके पास चल संपत्ति के रूप में 223 करोड़ रुपए की संपत्ति है, जबकि अपोलो अस्पताल की संयुक्त प्रबंध निदेशक और उनकी पत्नी के. संगीता रेड्डी की चल संपत्ति 613 करोड़ रुपए के रूप में है। उन पर आश्रित बेटे की चल संपत्ति का उल्लेख करीब 20 करोड़ रुपए की गई है।
फिर भी, परिवार के किसी भी सदस्य के पास न ही कार है और ना ही कोई अन्य वाहन है। अचल संपत्ति की बात करें तो विश्वेश्वर रेड्डी के पास 36 करोड़ रुपए की, जबकि उनकी पत्नी के पास 1.81 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 2014 के लोकसभा चुनाव में, रेड्डी ने अपने हलफनामे में 528 करोड़ रुपए की पारिवारिक संपत्ति की घोषणा की थी। 2014 में उन्होंने तब तेलंगाना राष्ट्र समिति के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी। रेड्डी पिछले साल दिसंबर विधानसभा चुनाव से पहले कॉन्ग्रेस पार्टी में शामिल हो गए थे।
इतना ही नहीं कई और कॉन्ग्रेसी नेताओं की संपत्ति भी चौकाने वाली है। आंध्र प्रदेश के कैबिनेट मंत्री पी. नारायण ने अपना नामांकन दाखिल करते वक्त 667 करोड़ रुपए की संपत्ति की घोषणा की।
स्वयं आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चन्द्रबाबू नायडू की पारिवारिक संपत्ति 574 करोड़ रुपए है, जबकि वाईएसआर कॉन्ग्रेस के प्रमुख वाई.एस. जगमोहन रेड्डी और उनकी पत्नी की संपत्ति 500 करोड़ रुपए है।