कोटा जिले के साँगोद में शुक्रवार (11 अप्रैल 2025) का दिन खुशियों से भरा था। छह साल पहले पुलवामा हमले में बलिदान हुए सीआरपीएफ जवान हेमराज मीणा के घर में उनकी बेटी की शादी का जश्न था। वीरांगना मधुबाला और उनके परिवार के चेहरे पर मुस्कान बिखरी थी, लेकिन इस खुशी में एक खास मेहमान की मौजूदगी ने सबके दिल को छू लिया। वह थे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, जो मायरा (भात) लेकर बलिदानी हेमराज मीणा की बेटी की शादी में भाई बनकर पहुँचे। यह नजारा देख हर कोई भावुक हो उठा, क्योंकि यह सिर्फ एक रस्म नहीं, बल्कि एक वचन का पूरा होना था।
साल 2019 में पुलवामा हमले ने हेमराज मीणा के परिवार को गहरे दुख में डुबो दिया था। पति का साया सिर से उठने के बाद मधुबाला और उनके बच्चों के सामने मुश्किलों का पहाड़ खड़ा हो गया था। उस मुश्किल वक्त में ओम बिरला ने परिवार को सहारा दिया। उन्होंने मधुबाला को बहन मानकर हर सुख-दुख में साथ देने का वादा किया था। पिछले छह सालों में यह रिश्ता और गहरा हुआ। राखी और भाई दूज पर मधुबाला ने बिरला को राखी बाँधी, तिलक किया और अपने भाई के प्यार को महसूस किया।
जब हेमराज की बेटी की शादी का मौका आया, तो बिरला ने अपना वचन निभाते हुए साँगोद में आयोजित समारोह में शिरकत की। उन्होंने विधि-विधान से मायरे की रस्म निभाई। साँगोद विधायक और राजस्थान के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर के साथ बिरला ने वीरांगना मधुबाला को मायरा पहनाया। रीति-रिवाजों के तहत उन्होंने मधुबाला को चुनरी ओढ़ाई, जबकि मधुबाला ने अपने भाई का तिलक किया, आरती उतारी और बत्तीसी झिलाई। यह भावनात्मक पल हर किसी के लिए यादगार बन गया।
ओम बिरला ने बलिदानी हेमराज मीणा की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए और उनकी शहादत को याद किया। इस दौरान मधुबाला, बिरला और परिवार के लोग भावुक हो उठे। बलिदानी के प्रति सम्मान और उनके परिवार के लिए बिरला का स्नेह देखकर वहाँ मौजूद लोग हैरान थे। यह सिर्फ एक राजनेता का कर्तव्य नहीं, बल्कि एक भाई का फर्ज था, जो बिरला ने दिल से निभाया। इस आयोजन में इलाके के कई जनप्रतिनिधि शामिल हुए। बिरला ने न सिर्फ बलिदानी के परिवार को सम्मान दिया, बल्कि समाज को यह संदेश भी दिया कि देश के लिए जान देने वालों के परिवार को कभी अकेला नहीं छोड़ना चाहिए।