मथुरा की बीजेपी सांसद हेमा मालिनी पर की गई अभद्र टिप्पणी के मामले में चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला लिया है। चुनाव आयोग ने कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला पर 48 घंटे का प्रतिबंध लगा दिया है। रणदीप सुरजेवाला अगले 48 घंटों तक किसी भी तरह की चुनावी गतिविधि का हिस्सा नहीं बन पाएँगे और चुनाव प्रचार से भी दूर रहेंगे। मंगलवार (16 अप्रैल 2024) की शाम 6 बजे से अगले 48 घंटों तक रणदीप सिंह सुरजेवाला न तो प्रचार कर पाएँगे और न ही मीडिया से संवाद कर पाएँगे।
कॉन्ग्रेस के राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला ने हरियाणा के कैथल के गाँव फरल में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, “हमें लोग विधायक, एमपी क्यों बनाते है। हम हेमा मालनी तो हैं नहीं कि $%$#@ के लिए बनाते है।”
रणदीप सुरजेवाला के खिलाफ उठाए कदमों में 48 घंटों तक का पूर्ण बैन है, जिसमें वो रैली, जनसभा नहीं कर सकेंगे और न ही सार्वजनिक बैठकें, रोड शो, मीडिया को इंटरव्यू दे सकेंगे। चुनाव आयोग ने अपने नोटिस में कहा है, “आयोग, भारत के संविधान के अनुच्छेद 324 और इस संबंध में सक्षम अन्य सभी शक्तियों के तहत, उन्हें (रणदीप सुरजेवाला को) 16 अप्रैल (मंगलवार) शाम 6:00 बजे से 48 घंटे तक किसी भी सार्वजनिक बैठक, सार्वजनिक जुलूस, सार्वजनिक रैलियाँ, रोड शो और साक्षात्कार, मीडिया में सार्वजनिक बयान देने से रोकता है।”
बता दें कि सुरजेवाला ने हरियाणा के कैथल (कुरुक्षेत्र संसदीय क्षेत्र) में अभद्र बयान गिया था। उन्होंने इंडिया गुट के उम्मीदवार सुशील गुप्ता के समर्थन में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था, ‘हमें लोग विधायक, सांसद क्यों बनाते हैं? हम हेमा मालिनी तो हैं नहीं कि चाटने के लिए बनाते हैं।’ अपने बयान पर विवाद बढ़ने के बाद सुरजेवाला ने सफाई दी थी और कहा था, ‘मेरा इरादा उनका (हेमा मालिनी) अपमान करना या फिर उन्हें आहत करना नहीं था। वायरल वीडियो में मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है।’ उनके इस बयान पर 9 अप्रैल को चुनाव आयोग ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
सुप्रिया श्रीनेत को लगाई थी फटकार
बता दें कि इस महीने की शुरुआत में चुनाव आयोग ने कॉन्ग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत को फटकार लगाई थी। इस मामले में सुप्रिया श्रीनेत के इंस्टा अकॉउंट से कंगना रनौत की फोटो शेयर करके उसपर अभद्र टिप्पणी की गई थी। इसमें कहा गया था कि मंडी में भाव क्या चल रहा है। इसके बाद इस मामले में बहुत बवाल हुआ और शिकायत चुनाव आयोग तक पहुँची। इस बीच सुप्रिया ने भी एक वीडियो डालकर इस पर सफाई दी। हालाँकि इससे फायदा कुछ नहीं हुआ।