Sunday, November 17, 2024
Homeराजनीतिदिल्ली में बिगड़ रहा कन्हैया कुमार का खेल, गिरिडीह में जयराम महतो को मिलती...

दिल्ली में बिगड़ रहा कन्हैया कुमार का खेल, गिरिडीह में जयराम महतो को मिलती दिखी मात: Exit Polls में जानें रवीन्द्र भाटी के लिए क्या लगे अनुमान

दिल्ली में कॉन्ग्रेस पार्टी के लिए कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है, सिवाय चाँदनी चौक लोकसभा सीट के। ऐसे में कॉन्ग्रेस में सबसे चर्चित उम्मीदवार कन्हैया कुमार के लिए एग्जिट पोल निराशा ही दिखा रहे हैं।

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए मतदान संपन्न हो चुका है। 4 जून को नतीजे आ जाएँगे, कौन जीता किसे मिली हार, इसका अंतिम फैसला तो ईवीएम खुलने के बाद ही होगा, लेकिन उससे पहले के तमाम एग्जिट पोल्स उम्मीदवारों की-जीत हार का अनुमान लगा रहे हैं। इस चुनाव में तीन युवा चेहरों ने खूब चर्चा बटोरी, ये नाम हैं दिल्ली की उत्तर-पूर्वी सीट से चुनाव लड़ रहे कन्हैया कुमार, जो साल 2019 का भी लोकसभा चुनाव हार चुके हैं। दूसरा नाम है रविंद्र भाटी का, जो राजस्थान के बाड़मेर में निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं, और तीसरा नाम है जयराम महतो का, जो झारखंड के गिरिडीह लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। इन युवा चेहरों की जीत-हार को लेकर एग्जिट पोल्स क्या कह रहे हैं, ये जानना दिलचस्प है।

कन्हैया कुमार का मामला फंसा

दिल्ली में कॉन्ग्रेस पार्टी के लिए कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है, सिवाय चाँदनी चौक लोकसभा सीट के। ऐसे में कॉन्ग्रेस में सबसे चर्चित उम्मीदवार कन्हैया कुमार के लिए एग्जिट पोल निराशा ही दिखा रहे हैं। एक्सिस माय इंडिया एग्जिट पोल के मुताबिक नॉर्थ ईस्ट सीट पर मनोज तिवारी लगातार तीसरी बार कमल खिला सकते हैं और कन्हैया कुमार को लगातार दूसरे लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ सकता है। इससे पहले वह अपने गृहनगर बेगूसराय से भी लोकसभा का चुनाव हार चुके हैं। एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल के अनुमान के मुताबिक यदि इंडिया गठबंधन को दिल्ली में एक सीट मिलती भी है तो वह कॉन्ग्रेस के खाते में जाएगी और आम आदमी पार्टी को एक बार फिर खाली हाथ रहना पड़ सकता है। अधिकाँश एग्जिट पोल्स में बीजेपी को 6-7 सीटें और कॉन्ग्रेस को 0 से 1 सीट मिलती दिख रही है, जबकि आम आदमी पार्टी का खाता खुलता नहीं दिख रहा है।

जयराम महतो की चुनौती तगड़ी, लेकिन रह जाएँगे पीछे

लोकसभा चुनाव 2024 में झारखंड की गिरिडीह लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं जयराम महतो। लेकिन झारखंड में न्यूज 24 टुडेज चाणक्या के एग्जिट पोल की मानें तो बीजेपी+ 12 (+2/-2) सीटें जीत सकती है, तो कॉन्ग्रेस 2 (+2/-2) सीटें। इंडी गठबंधन और एनडीए के अलावा किसी का खाता खुलते नहीं दिख रहा है। ऐसे में गिरिडीह लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे जयराम महतों के पीछे रह जाने की बात सामने आ रही है। वैसे भी, लोकसभा चुनाव में किसी निर्दलीय का जितना हमेशा चुनौती भरा होता है।

रविंद्र भाटी के लिए आशा भरे नतीजे

देश की कई ऐसी लोकसभा सीटें हैं, जो हॉट सीट बनी हुई हैं और सभी लोगों की नजरें उन पर टिकी हैं, इन्हीं सीटों में से एक है राजस्थान की बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट। यहाँ निर्दलीय उम्मीदवार रविंद्र सिंह भाटी, कॉन्ग्रेस उम्मीदवार उम्मेदाराम बेनीवाल और बीजेपी के कैलाश चौधरी मैदान में हैं। हालाँकि इस लोकसभा सीट पर सीधा मुकाबला रविंद्र भाटी और कॉन्ग्रेस उम्मीदवार उम्मेदाराम बेनीवाल के बीच है। इंडिया टुडे एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल के मुताबिक बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट पर भाटी हावी नजर आ रहे हैं। उनके पक्ष में माहौल बनता दिख रहा है। ऐसे में बीजेपी और कॉन्ग्रेस के लिए बड़ा झटका हो सकता है। हालाँकि बाड़मेर-जैसलमेल लोकसभा सीट क्षेत्रफल के मामले में देश की सबसे बड़ी लोकसभा सीटों में से एक है, ऐसे में रविंद्र सिंह भाटी का नेटवर्क कितना प्रभावी रहा, इसका पता तो 4 जून को ही लगेगा। चूँकि बाकी दोनों राष्ट्रीय पार्टियाँ हैं, ऐसे में उनके कार्यकर्ताओं की फौज अहम भूमिका अदा करती है।

बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 के लिए तमाम एग्जिट पोल्स में भारतीय जनता पार्टी को प्रचंड बहुमत मिलता दिख रहा है। कम से कम तीन एग्जिट पोल्स में बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए गठबंधन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रखे गए 400 सीटों के लक्ष्य के आसपास पहुँचते दिखाया जा रहा है। चाणक्या के सर्वे में एनडीए 415 सीटों तक पहुँचती दिख रही है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मुस्लिम घुसपैठियों और ईसाई मिशनरियों के दोहरे कुचक्र में उलझा है झारखंड, सरना कोड से नहीं बचेगी जनजातीय समाज की ‘रोटी-बेटी-माटी’

झारखंड का चुनाव 'रोटी-बेटी-माटी' केंद्रित है। क्या इससे जनजातीय समाज को घुसपैठियों और ईसाई मिशनरियों के दोहरे कुचक्र से निकलने में मिलेगी मदद?

दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत का AAP से इस्तीफा: कहा- ‘शीशमहल’ से पार्टी की छवि हुई खराब, जनता का काम करने की जगह...

दिल्ली सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत ने अरविंद केजरीवाल एवं AAP पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकार पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -