Friday, November 15, 2024
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एक MLA जिसकी खदानें सील कर दी, रिसॉर्ट ढाह दिया, फिर भी बोले- मर जाऊँगा BJP नहीं छोड़ूँगा

“मेरे ऊपर काफी दबाव बनाया जा रहा है। मुझे बीजेपी छोड़कर कॉन्ग्रेस में शामिल होने के लिए कहा जा रहा है। अगर मैं ऐसा नहीं करता हूँ तो मेरे और मेरे परिवार के सदस्यों के खिलाफ इसी तरह की कार्रवाई की जाएगी। मेरी जान को लगातार खतरा है। मैं मर जाऊँगा लेकिन बीजेपी नहीं छोड़ूँँगा।”

मध्य प्रदेश में एक जिला है कटनी। इस जिले के विजयराघवगढ़ से विधायक हैं बीजेपी के संजय पाठक। तीन बार के विधायक हैं। पूर्ववर्ती सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। राज्य के पल-पल बदलते सियासी घटनाक्रमों के बीच पाठक सुर्खियों में हैं। शनिवार (मार्च 7, 2020) को बांधवगढ़ स्थित उनका रिसॉर्ट जिला प्रशासन ने तोड़ दिया। इससे पहले सरकार ने जबलपुर में आयरन की उनकी 2 खदानें सील कर दी थी।

रिसॉर्ट पर हुई कार्रवाई को लेकर प्रशासन का कहना है कि पहले ही भूमि अतिक्रमण को लेकर नोटिस दे दिया गया था। वहीं पाठक ने कॉन्ग्रेस पर बदले की भावना से कार्रवाई करने का आरोप लगाया है। यह होटल 12 साल पुराना है। इसे पाठक के पिता ने बनवाया था। इस होटल में BJP और कॉन्ग्रेस नेता भी रुकते रहे हैं।

पाठक के खिलाफ सख्ती राज्य की कॉन्ग्रेस सरकार पर संकट के बादल मॅंडराने के बाद से शुरू हुए हैं। कॉन्ग्रेस के कुछ विधायकों ने बगावती तेवर अपना रखे हैं। समर्थन दे रहे सपा व बसपा के विधायक भी बागी रूख अख्तियार कर चुके हैं। कॉन्ग्रेस का आरोप है कि बीजेपी उसके विधायकों को खरीदने की कोशिश कर रही है। इन विधायकों को बंधक बनाने का आरोप भी बीजेपी पर लगाया था। हालॉंकि ये विधायक ही कॉन्ग्रेस के इन आरोपों को खारिज कर चुके हैं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार कॉन्ग्रेस इस सबके पीछे संजय पाठक की महत्वपूर्ण भूमिका मान रही है। कहा जा रहा है कि पाठक के चार्टर्ड प्लेन से ही कॉन्ग्रेस विधायक दिल्ली भेजे गए थे।

हालाँकि पाठक इन आरोपों से इंकार करते हैं। उन्होंने कहा है, “मेरे ऊपर काफी दबाव बनाया जा रहा है। मुझे बीजेपी छोड़कर कॉन्ग्रेस में शामिल होने के लिए कहा जा रहा है। अगर मैं ऐसा नहीं करता हूँ तो मेरे और मेरे परिवार के सदस्यों के खिलाफ इसी तरह की कार्रवाई की जाएगी। मेरी जान को लगातार खतरा है। मैं मर जाऊँगा लेकिन बीजेपी नहीं छोड़ूँँगा।”

2 दिन पहले सरकार ने उनकी जबलपुर में आयरन की 2 खदानें सील कर दी थीं। ये खदानें मेसर्स निर्मला मिनरल्स के नाम से सिहोरा तहसील के अगरिया और दुबियारा में है। इसको लेकर भी पाठक ने सरकार पर विपक्ष में रहने की सजा के तहत कार्रवाई के आरोप लगाए थे। इस कार्रवाई को भी विधायक संजय पाठक बदले की कार्रवाई बता रहे हैं।

जबलपुर में खदान सील किए जाने के बाद चर्चा थी कि संजय पाठक ने गुरुवार (मार्च 5, 2020) देर रात मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात की। लेकिन, शुक्रवार (मार्च 6, 2020) सुबह संजय पाठक ने ट्वीट कर मुलाकात का खंडन किया और राजनैतिक षड्यंत्र के तहत हत्या की आशंका जताई थी। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा था, “मैं सीएम कमलनाथ से नहीं मिला हूँ। बीती रात मुझे अगवा करने की कोशिश की गई थी। मेरे ऊपर बहुत दबाव बनाया जा रहा है। मैं हमेशा बीजेपी के साथ रहूॅंगा।” पाठक के इस ट्वीट के बाद शनिवार सुबह प्रशासन ने उनके रिसॉर्ट का एक हिस्सा ढहा दिया।

गौरतलब है कि इससे पहले कॉन्ग्रेस के इकलौते सिख विधायक हरदीप सिंह डंग ने अपनी ही पार्टी के राज्य सरकार को भ्रष्ट बता इस्तीफा दे दिया था। हरदीप डंग ने कहा था कि दूसरी बार लोगों का जनादेश मिलने के बावजूद पार्टी द्वारा उनकी लगातार अनदेखी की जा रही है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति को भेजे अपने इस्तीफा पत्र में कहा था, “कोई भी मंत्री काम करने के लिए तैयार नहीं है, क्योंकि वे एक भ्रष्ट सरकार का हिस्सा हैं।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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