मध्य प्रदेश में कॉन्ग्रेस विधायक मुन्नालाल गोयल ने शनिवार (जनवरी 18, 2019) को अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। उन्होंने पार्टी पर घोषणा-पत्र में किए गए वादों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाया है। शनिवार सुबह विधानसभा पहुँचे मुन्नालाल गोयल पहले परिसर के अंदर घुसने के लिए बैरिकेडिंग से कूदते हुए नजर आए। इसके बाद विधानसभा में लगी गाँधी प्रतिमा पर पहुँचकर उन्होंने माल्यार्पण करने के बाद परिसर के गेट पर ही दरी बिछाकर धरने पर बैठ गए।
मुन्नालाल गोयल ने कहा कि कमलनाथ सरकार में विधायकों की भी अनदेखी हो रही है। सरकार की बेरुखी से नाराज और सीएम को वादा याद दिलाने के लिए गोयल ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखा, लेकिन इस पर कुछ नहीं हुआ। मुन्नालाल गोयल ने कहा, “यह हमारे चुनाव घोषणा-पत्र में किए गए वादों की याद दिलाने के लिए है। मैंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है जिसमें उनसे वादों को पूरा करने के लिए कहा, लेकिन कुछ नहीं हुआ। यही वजह है कि आज मैं यहाँ धरने पर बैठा हूँ।” वैसे यह पहली बार नहीं है जब कमलनाथ सरकार का विरोध पार्टी विधायक की कर रहे हैं।
Madhya Pradesh: Congress MLA Munnalal Goyal sits on dharna outside Assembly in Bhopal. He says, “This is to remind govt of promises made in our poll manifesto. I wrote to the Chief Minister asking to fulfil the promises but nothing happened. That is why I am sitting here”. pic.twitter.com/lZxY27dpfa
— ANI (@ANI) January 18, 2020
मुन्नालाल गोयल का आरोप है कि कॉन्ग्रेस जिस घोषणा-पत्र के सहारे सत्ता पर काबिज हुई है, उन पर अब अमल नहीं कर रही। विधायक ने कॉन्ग्रेस के घोषणा-पत्र में शामिल झुग्गी वासियों को पट्टे देने के वचन को पूरा नहीं करने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र के 112 झुग्गी वासियों को कॉन्ग्रेस के घोषणा पत्र पर अमल का इंतजार है। उनकी सरकार से माँग है कि झुग्गी वासियों को जल्द से जल्द पट्टा दिया जाना चाहिए।
इससे पहले गोयल ने शुक्रवार (जनवरी 17, 2019) को मुख्यमंत्री कमलनाथ को चिट्ठी लिखकर धरने पर बैठने की घोषणा की थी। उन्होंने लिखा था कि सत्ताधारी दल का विधायक बनने के बाद अपने क्षेत्र के भूमिहीन परिवारों के आशियानों पर ठंड में बुल्डोजर चलते देख रहा हूँ। प्रशासन के अधिकारियों से कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता का अपमान होते देख रहे हूँ। अब वो इसे नहीं देख सकते हैं। विधायक का कहना है कि पिछले 6 महीने में मुख्यमंत्री से लेकर संबंधित मंत्रियों को वे कई बार पत्र लिख चुके हैं। लेकिन समस्याएँ जस की तस हैं।
इस मुद्दे को उन्होंने विधानसभा में 6 महीने पहले भी उठाया था, जिसमें सरकार के मंत्री ने जल्दी ही झुग्गी वासियों को पट्टे देने का ऐलान किया था। हालाँकि 6 महीने बीतने के बाद भी इस पर अमल नहीं होने वे खासे नाराज हैं। मुन्नालाल गोयल ने माँग की है कि कॉन्ग्रेस पार्टी के घोषणा-पत्र पर सरकार को तत्काल अमल करना चाहिए।
कॉन्ग्रेस विधायक ने कहा कि वे झुग्गी वासियों को पट्टे दिए जाने की माँग को लेकर कई बार मुख्यमंत्री को भी पत्र लिख चुके लेकिन उस पर अमल नहीं हुआ है। इतना ही नहीं विधानसभा के विशेष सत्र में भी उन्होंने इस मुद्दे को उठाने की कोशिश की थी लेकिन उनकी आवाज को सुना नहीं गया।
मध्यप्रदेश में गूंगी बहरी सरकार विपक्ष और जनता तो दूर अब अपने ही विधायकों की नहीं सुन रही। #mla श्रीमती सुनीता पटेल और अब श्री मुन्नालाल गोयल मुख्यमंत्री @OfficeOfKNath जी को वचन याद दिला रहे है। यह इस बात का प्रमाण है कि सरकार से कार्यप्रणाली से उसके ही विधायक भी खुश नहीं है।
— Gopal Bhargava (Leader of Opposition) (@bhargav_gopal) January 18, 2020
बीजेपी नेता गोपाल भार्गव ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया, “मध्यप्रदेश में गूंगी बहरी सरकार विपक्ष और जनता तो दूर अब अपने ही विधायकों की नहीं सुन रही। विधायक सुनीता पटेल और अब मुन्नालाल गोयल, मुख्यमंत्री कमलनाथ जी को वचन याद दिला रहे है। यह इस बात का प्रमाण है कि सरकार से, उसकी कार्यप्रणाली से उसके ही विधायक भी खुश नहीं है।” राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान ने भी इस पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा है, “धीरे-धीरे कॉन्ग्रेस सरकार की कलई खुलने लगी है। सच्चाई सामने आने लगी है। अब तो इनके अपने ही मोर्चा खोलने पर मजबूर हो गए हैं। सच भी है, आखिर झूठ के पैबंद से कब तक सच्चाई की रोशनी को रोका जा सकेगा?”
धीरे-धीरे कांग्रेस सरकार की कलई खुलने लगी है। सच्चाई सामने आने लगी है। अब तो इनके अपने ही उनके खिलाफ मोर्चा खोलने पर मजबूर हो गए हैं। सच भी है, आखिर झूठ के पैबंद से कब तक सच्चाई की रोशनी को रोका जा सकेगा? #MP_मांगे_जवाब https://t.co/R4O52h59Ap
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) January 18, 2020
एक दिन पहले कॉन्ग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी कहा था कि सरकार को आम लोगों की आवाज सुननी होगी। उन्होंने कहा था कि 15 साल बाद जब हमारी सरकार आई तो कार्यकर्ताओं की बात जरूर सुनी जानी चाहिए। जिन मुद्दों के सहारे कॉन्ग्रेस सत्ता पर काबिज हुई है, उन मुद्दों पर खरा उतरना सरकार की जिम्मेदारी है।
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