मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ के सत्ता संभालने के बाद से ही कॉन्ग्रेस सरकार द्वारा अधिकारियों के ख़बरें सामने आती रही हैं लेकिन एक थानेदार का इतनी बार तबादला किया गया कि वह हाईकोर्ट पहुँच गया है। थानेदार सुनील लाटा अपने लगातार तबादलों के ख़िलाफ़ जबलपुर हाईकोर्ट पहुँच गए हैं। कमलनाथ सरकार द्वारा पिछले 8 महीने में उनका 11 बार ट्रान्सफर किया गया है।
मध्य प्रदेश: थानेदार के 8 माह में 11 तबादला आदेश, हाई कोर्ट पहुंचा मामलाhttps://t.co/u4haFCjcH3 via @NavbharatTimes pic.twitter.com/K97IE9SaeJ
— NBT Hindi News (@NavbharatTimes) September 1, 2019
अभी लाटा बैतूल जिले के सारणी थाने के प्रभारी के रूप में कार्यरत हैं। उनके तबादलों का दौर भी तभी शुरू हुआ, जब मध्य प्रदेश में कॉन्ग्रेस की सरकार बनी। अब उन्हें निवाड़ी जिले के एक थाने में योगदान देने का आदेश आया है। जरा पिछले 8 महीनों में थाना प्रभारी लाटा के तबादलों की एक बानगी देखिए:
- सबसे पहले उन्हें बैतूल से आईजी ऑफिस होशंगाबाद ट्रान्सफर किया गया।
- होशंगाबाद से उन्हें पुलिस मुख्यालय भेज दिया गया। वहाँ उन्हें आदिम जाति कल्याण शाखा में रखा गया।
- इसके बाद उन्हें बैतूल के आदिम जाति कल्याण में भेज दिया गया।
- इसके बाद उनका तबादला सागर और छतरपुर के लिए हुआ। वहाँ वह आमद दर्ज करा पाते, उससे पहले ही उनका तबादला भोपाल के लिए कर दिया गया।
- उन्हें फिर भोपाल से बैतूल भज दिया गया, जहाँ वह कोतवाली थाना के प्रभारी रहे।
- लाटा को फिर लाइन हाज़िर कर दिया गया।
- अंत में उन्हें सारणी थाने का चार्ज दिया गया लेकिन ट्रान्सफर का दौर यहीं ख़त्म नहीं हुआ।
- सारणी में चार्ज सम्भाले एक सप्ताह भी नहीं हुए थे कि लाटा का ट्रान्सफर निवाड़ी जिले में कर दिया गया।
थानेदार लाटा ने बताया कि तबादलों से परेशान होकर उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है, जहाँ सुनवाई चल रही है। उन्होंने यह याचिका शुक्रवार (अगस्त 30, 2019) को दायर की।