मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा में कमलनाथ सरकार के नेतृत्व वाली कॉन्ग्रेस सरकार के अल्पमत में होने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में फ्लोर टेस्ट जल्द से जल्द कराने को लेकर याचिका दाखिल की थी। उन्होंने अपनी याचिका में कमलनाथ सरकार के खिलाफ तत्काल यानी 48 घंटे के भीतर फ्लोर टेस्ट की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट में डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हेमंत गुप्ता की 2 जजों की बेंच इस मामले पर मंगलवार मंगलवार (मार्च 17, 2020) को सुनवाई करेगी।
इसी बीच राज्यपाल लालजी टण्डन ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर कहा कि अगर उन्होंने 17 मार्च को बहुमत साबित नहीं किये तो ये समझ जाएगा कि उनकी सरकार अल्पमत में है। कमलनाथ ने भी राज्यपाल टंडन को पत्र लिखा था, जिस पर राज्यपाल ने आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री द्वारा उन्हें लिखे गए पत्र की भाषा अशोभनीय है और संसदीय मर्यादा के अनुरूप नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि कमलनाथ ने सर्वोच्च न्यायालय के जिस निर्णय का जिक्र अपने पत्र में किया है, वो वर्तमान परिस्थितियों में लागू नहीं होता। उन्होंने कहा कि इसका निर्णय अंतिम रूप से फ्लोर टेस्ट के बाद ही हो सकता है, ऐसा सर्वोच्च न्यायालय ने अपने अनेक निर्णयों में कहा है।
राज्यपाल से दोबारा चिट्ठी मिलने के बाद कमलनाथ फिर से राजभवन पहुँचे हैं। कॉन्ग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद मुख्यमंत्री सीधे राजभवन पहुँचे। राज्यपाल के मुख्यमंत्री को फ्लोर टेस्ट के लिए दोबारा पत्र लिखने के बाद कमलनाथ की यह पहली मुलाकात होगी। इस मुलाकात में कमलनाथ के राज्यपाल से और समय माँगे जाने की बात कही जा रही है। इधर दूसरी तरफ, भाजपा विधायकों का दिल्ली जाने के कार्यक्रम को रद्द कर दिया दिया गया है। कहा जा रहा है कि अब भाजपा के विधायक भोपाल के पास सीहोर पहुँच गए हैं और वहीं उनके रुकने की व्यवस्था की जाएगी. इससे पहले खबर आई थी कि बीजेपी विधायक फिर दिल्ली के पास मानेसर भेजे जाएँगे। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
आज भाजपा विधायक दल के साथ राजभवन में मध्यप्रदेश के राज्यपाल श्री लालजी टंडन से भेंट की और सभी 106 विधायक महामहिम राज्यपाल के सम्मुख प्रस्तुत हुए। राज्यपाल महोदय ने सरकार को आदेश दिया है कि वो 17 मार्च को फ्लोर टेस्ट कराए। कमलनाथ जी की सरकार अल्पमत में है और बहुमत खो चुकी है! pic.twitter.com/YyDJXgDTV8
— Surendra Patwa (@SurendraPatwa01) March 16, 2020
उधर एक अन्य नाटकीय घटनाक्रम में मैहर से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी सोमवार को भोपाल पहुँचे। विधानसभा सत्र 26 मार्च तक स्थगित होने के बाद विधायक नारायण त्रिपाठी बाहर तो निकले, लेकिन पार्टी विधायकों के साथ राजभवन नहीं गए। वो यहाँ से निकलकर सीएम हाउस गए और वहाँ उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात की। ये बैठक लगभग 20 मिनट तक चली। मुलाकात के बाद नारायण त्रिपाठी ने पत्रकारों से भी बातचीत की। उन्होंने ये बताने से इनकार कर दिया कि वो सीएम से क्यों मिले हैं। उन्होंने इसे एक औपचारिक मुलाकात करार दिया और कहा कि अब वो शिवराज सिंह चौहान से भी मिलेंगे।