इन दिनों देश में वीर सावरकार का नाम आते ही घमासान शुरू हो जाता है, खास तौर पर देश की राजनीति में तो समझो भू-चाल आ जाता है। कुछ ऐसा ही हुआ बीते दिनों मध्य प्रदेश के रतलाम ज़िले में। जहाँ के एक प्राइमरी स्कूल में एक सामाजिक संस्था द्वारा बच्चों को वीर सावरकर के फ़ोटो छपी कॉपियाँ बाँटने पर वहाँ के प्रिंसीपल को निलंबित कर दिया गया। इसे लेकर बीजेपी ने कमलनाथ सरकार पर निशाना साधा है। साथ ही स्कूल के विद्यार्थियों ने विरोध मार्च निकालकर प्रिंसीपल को वापस बुलाने की माँग की है।
वीर सावरकर को लेकर कॉन्ग्रेस सेवादल में बाँटी गई किताब पर राजनीतिक जंग समाप्त नहीं हुई कि बीते दिनों मध्य प्रदेश के ही रतलाम ज़िले से सावरकर को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया। दरअसल, रतलाम के सरकारी हाईस्कूल, मलसाहा में वीर सावरकर की छपी फ़ोटो वाली कॉपियाँ स्कूली बच्चों को वितरित की गई। इस बात की जानकारी जैसे ही विभागीय अधिकारियों को हुई तो उन्होंने तत्काल विभागीय कार्रवाई करते हुए प्रिंसीपल को निलंबित कर दिया औऱ कहा कि इस सम्बन्ध में विभाग को न तो पूर्व में सूचना दी गई और न ही इसके लिए कोई अनुमति माँगी गई।
Madhya Pradesh: Principal of a govt school in Ratlam suspended allegedly after notebooks with Veer Savarkar’s photo were distributed. KC Sharma,District Education Officer says,”He was suspended as he didn’t take permission from concerned authorities before approving distribution” pic.twitter.com/y11vodOdqr
— ANI (@ANI) January 15, 2020
शिक्षा विभाग द्वारा स्कूल के प्रिंसीपल को निलंबित करने से नाराज़ स्कूली छात्र-छात्राओं ने अपने अभिवावकों के साथ एक विरोध मार्च निकाला और अधिकारियों से प्रिंसीपल का निलंबन रद्द करने की माँग की। मामले पर प्रिंसीपल आरएन केरावत ने कहा कि मैंने जो भी किया वह छात्र हित में किया है और इसीलिए मैंने इन कॉपियों को बच्चों में बँटवाया। साथ ही समिति की सचिव सधु शडोरकर ने कहा कि यदि बच्चों को नि:शुल्क कॉपियाँ बाँटना गुनाह है तो इसकी सजा हमें दी जाए, लेकिन इसकी सज़ा प्रिंसीपल को क्यों दी गई। आपको बता दें कि स्कूल के प्रिंसीपल को शतप्रतिशत परिणाम देने के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
MP: People, including students of a government school in Ratlam’s Malwasa, took out a protest march today demanding the revocation of suspension of the Principal of the school. The Principal was suspended after notebooks with Veer Savarkar’s photo were distributed at the school. pic.twitter.com/FRzhAEVPsO
— ANI (@ANI) January 16, 2020
दरअसल इन कॉपियों को हितार्थ जनकल्याण समिति द्वारा प्रिंसीपल की मौजूदगी में बच्चों को नि:शुल्क बाँटा गया था। इतनी ही नहीं समिति ने 4 नवंबर को रतलाम ज़िले के कई स्कूलों में जाकर कक्षा 9 और 10 के क़रीब 500 छात्र-छात्राओं को वीर सावरकर के फ़ोटो छपी कॉपियों को वितरित किया गया था। इन कॉपियों के ऊपर वीर सावरकर की फ़ोटो और जीवनी के साथ समिति के पदाधिकारियों के भी फ़ोटो लगे हुए थे।
यह मामला तब सामने आया कि जब समिति द्वारा बाँटी गई कॉपियों के कार्यक्रम को फ़ोटो सहित सोशल मीडिया पर अपलोड किया गया। इसके बाद सक्रीय हुए कॉन्ग्रेस आईटी सेल ने रतलाम के डीएम को शिकायत दर्ज कराई। इस शिकायत को विभाग ने गंभीरता से लेते हुए बीते दिनों ज़िला शिक्षा अधिकारी ने स्कूल के प्रिंसीपल को निलंबित कर दिया।
वहीं इस मामले में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए ट्विटर पर ट्वीट किया कि “कमलनाथ जी, यदि देश की इस महान विभूति और स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के बारे में काश पढ़ लिया होता, तो आप ऐसा निकृष्टतम कृत्य ना करते। मैं समिति से आग्रह करता हूँ कि एक कॉपी आपको भी भेजें, ताकि इस महान विभूति द्वारा राष्ट्र के लिए किए योगदान को आप जान सकें।”
कमलनाथ जी, यदि आपने देश की इस महान विभूति, स्वतंत्रता सेनानी, वीर सावरकर के बारे में पढ़ लिया होता तो आप ऐसा निकृष्टतम कृत्य ना करते। मैं वीर सावरकर जनहितार्थ समिति से आग्रह करता हूं कि एक कॉपी आपको भी भेजें, ताकि आप इस महान विभूति द्वारा राष्ट्र के लिए किये योगदान को जान सकें।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) January 15, 2020