21 अक्टूबर को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में टिकटों के बँटवारे से नाराज कॉन्ग्रेस नेता संजय निरुपम ने पार्टी के खिलाफ ‘मोर्चा’ खोल दिया है। शुक्रवार को निरुपम ने कहा कि कॉन्ग्रेस 3-4 सीटों को छोड़कर मुंबई की सभी सीटें हार जाएगी। उन्होंने पार्टी के भीतर षड्यंत्र का आरोप लगाते हुए कहा कि कॉन्ग्रेस के अंदर सिस्टमैटिक फॉल्ट हो गया है। अगर इससे नहीं निकले तो पार्टी जल्द ही तबाह और बर्बाद हो जाएगी।
पत्रकारों से बात करते हुए संजय निरुपम ने कहा, “जिस तरह से मुंबई में उम्मीदवारों का चयन किया गया, आप 3-4 सीटें छोड़ दें तो बाकी सभी पर कॉन्ग्रेस की जमानत तक जब्त हो जाएगी।” उन्होंने कहा कि बगैर किसी सर्वे के, बगैर किसी ग्राउंड वर्क के व्यक्तिगत पसंद और नापसंद के आधार पर उम्मीदवारों के नाम तय किए हैं। वहीं, पार्टी के लिए प्रचार नहीं करने की बात दोहराते हुए पत्रकारों से कहा, “अब मैं आपसे 24 अक्टूबर को नतीजों के दिन ही मिलूँगा।”
निरुपम ने आरोप लगाया है कि सोनिया गाँधी के साथ जुड़े कुछ बड़े नेता साजिश रच रहे हैं। राहुल गाँधी के खिलाफ साजिश रची जा रही है। जो लोग राहुल गाँधी के साथ जुड़े हैं, उन्हें साजिश रचकर पार्टी में अलग-थलग किया जा रहा है।
संजय निरुपम ने पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे पर आरोप लगाते हुए कहा, “मैंने उनसे वर्सोवा, गोरेगांव समेत 4 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की सिफारिश की थी। मैंने दिल्ली जाकर उम्मीदवारों को उनसे मिलवाया भी लेकिन खड़गे ने किसी से बात भी नहीं की और एक भी सीट उनमें से किसी को नहीं दी गई। टिकट बँटवारा पूरी तरह से पक्षपातपूर्ण और अनुचित तरीके से की गई है।”
Sanjay Nirupam says Congress won’t win more than 3-4 seats in Mumbai https://t.co/N2Bn3aO89S
— Republic (@republic) October 4, 2019
निरुपम ने कहा कि जिनको टिकट दिया गया है, वह 77 साल के हैं। ठीक से चल-फिर भी नहीं पाते हैं। पिछले चुनाव में वो तीसरे स्थान पर रहे थे। पार्टी ने उनसे ये भी नहीं पूछा कि चुनाव हारने के बाद उन्होंने क्या किया। उन्होंने अपना आवेदन भी अपने बेटे के माध्यम से भरा था।
गौरतलब है कि निरुपम ने गुरुवार को घोषणा की थी कि वह 21 अक्टूबर को प्रस्तावित विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए प्रचार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा था कि उन्हें ‘दरकिनार’ कर दिया गया है, जबकि उन्होंने चार वर्षों तक पार्टी की मुंबई इकाई का अध्यक्ष पद संभाला था। लोकसभा चुनावों से पहले मुंबई कॉन्ग्रेस अध्यक्ष पद से हटाए गए निरुपम ने कहा कि विधानसभा चुनाव के लिए टिकटों के वितरण में उनकी राय पर विचार नहीं किया गया। उन्होंने कहा, “मुझे विधानसभा चुनाव प्रक्रिया में कोई भूमिका नहीं दी गई। मेरे लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में ही (विधानसभा) टिकट के बँटवारे के दौरान मेरे विचारों पर ध्यान नहीं दिया गया।”