महाराष्ट्र में बीते एक सप्ताह से सीएम पद को लेकर रस्साकशी कर रही शिवसेना और बीजेपी की तकरार के बीच अब तीसरा पक्ष भी सक्रिय होता दिख रहा है। अब तक इस पूरी कवायद से दूरी बनाकर चल रही कॉन्ग्रेस के सांसद हुसैन दलवई ने सोनिया गाँधी को चिट्ठी लिखकर शिवसेना को समर्थन देने की माँग की है। इससे सूबे की राजनीति में अब एक नया मोड़ आ गया है।
सोनिया गाँधी को लिखे पत्र में राज्यसभा सांसद हुसैन दलवई ने कहा है कि कॉन्ग्रेस को सरकार बनाने में शिवसेना का समर्थन करना चाहिए। दलवई का कहना है कि कॉन्ग्रेस के उम्मीदवार प्रतिभा पाटिल और प्रणब मुखर्जी को राष्ट्रपति बनाने में शिवसेना ने कॉन्ग्रेस का समर्थन किया था। ऐसे में अब महाराष्ट्र में कॉन्ग्रेस को भी शिवसेना का समर्थन करना चाहिए।
कॉन्ग्रेस सांसद ने कहा, “महाराष्ट्र में शिवसेना और बीजेपी में सरकार गठन पर सहमति नहीं बन पा रही है। ऐसे में कॉन्ग्रेस, अल्पसंख्यक समुदाय के लोग, गठबंधन में हमारी सहयोगी एनसीपी और शिवसेना साथ मिलकर सरकार बनाएँ।” उन्होंने लिखा, “सब जानते हैं कि विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने हमारे कई विधायक और नेताओं को अपने खेमे में शामिल कर लिया था। अगर वे सरकार बनाने में सक्षम होते हैं, तो वे फिर से और अधिक सख्ती के साथ ऐसा करेंगे। ऐसे में अगर हम शिवसेना के साथ सरकार बनाने में सक्षम होते हैं, तो इसे रोका जा सकता है और इससे हम अपने आधार को मजबूत कर पाएँगे।”
उन्होंने कहा कि विशेष रूप से महाराष्ट्र में अल्पसंख्यक समुदाय लिंचिंग पर भाजपा सरकार के एजेंडा को लेकर अतिसंवेदनशील हैं। साथ ही देश भर में एनआरसी को लागू करने की योजना और बाबरी मस्जिद विवाद मामले पर कानून व्यवस्था की स्थिति पर भी चिंतित है।
उन्होंने लिखा कि मतदाताओं ने भी भाजपा को स्पष्ट बहुमत से वंचित कर दिया है। यह उनके द्वारा प्रतिपादित घृणा की राजनीति के प्रति मतदाताओं के रूख को दर्शाता है। इसलिए भाजपा को सत्ता में आने से रोकना अति आवश्यक है। साथ ही उन्होंने कहा कि शिवसेना के साथ सरकार बनाने के लिए सहयोगी एनसीपी को पूर्ण विश्वास में लेना होगा, तभी ऐसा निर्णय लिया जाना चाहिए।