Monday, December 23, 2024
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उद्धव ठाकरे की सरकार के पास बहुमत नहीं: एकनाथ शिंदे ने सुप्रीम कोर्ट को बताया- शिवसेना के 38 MLA ने वापस लिया समर्थन

"महा विकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन ने सदन में बहुमत खो दिया है क्योंकि शिवसेना विधायक दल के 38 सदस्यों ने अपना समर्थन वापस ले लिया है और इस तरह सदन में बहुमत से नीचे आ गया है।"

महाराष्ट्र में सियासी संकट को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुँच गया है। एकनाथ शिंदे गुट ने विधायकों को नोटिस और विधायक दल के नेता के पद से हटाए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। इस मामले में आज सुनवाई शुरू हो गई है। याचिका में शिंदे गुट विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्रवाई पर रोक की माँग कर रहा है। वहीं महाविकास अघाड़ी के बहुमत खोने की बात भी शिंदे गुट ने सुप्रीम कोर्ट को बताई है

सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में एकनाथ शिंदे ने कहा है, “महा विकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन ने सदन में बहुमत खो दिया है क्योंकि शिवसेना विधायक दल के 38 सदस्यों ने अपना समर्थन वापस ले लिया है और इस तरह सदन में बहुमत से नीचे आ गया है।”

वहीं सुप्रीम कोर्ट में जारी सुनवाई के बीच शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के समर्थक ठाणे में उनके समर्थन में उनके आवास पर एकत्रित हो गए हैं। वहीं पूरी सुनवाई का लाइव प्रसारण शिंदे गुट होटल से देखेगा जिसके लिए उन्हें लिंक भेज दिया गया है। बताया जा रहा है कि जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जे बी पारदीवाला की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है।

वहीं महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी भी कोरोना संक्रमण से ठीक होकर अस्पताल से राजभवन वापस लौट आए हैं। ऐसे में अब राज्यपाल की कार्रवाई पर भी सबकी नजर है। इस बीच कोश्यारी ने केंद्रीय गृह सचिव को पत्र लिखकर बागी विधायकों के परिवारों को तुरंत सुरक्षा मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं।

वहीं शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे और बागी विधायकों के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की गई है। इस जनहित याचिका में कहा गया है कि शिंदे गुट के विधायक अपने कर्त्तव्यों का पालन नहीं कर रहे हैं। उन्हें फिर से अपने कार्यालयों में काम करने का निर्देश देने की माँग की गई है।

क्या है मामला

सीएम उद्धव गुट ने डिप्टी स्पीकर से 16 बागी विधायकों की सदस्यता रद्द करने की माँग की थी। इसपर कार्रवाई करते हुए शनिवार को डिप्टी स्पीकर ने उन विधायकों को नोटिस भेजा था और इस मामले पर जवाब देने के लिए आज विधानसभा में हाजिर होने को कहा था।

यहीं से शिवसेना के बागियों और उद्धव ठाकरे के बीच शुरू हुई सत्ता की जंग में शिंदे गुट की ओर से सुप्रीम कोर्ट में डिप्टी स्पीकर के नोटिस के खिलाफ याचिका दाखिल की गई है। याचिका में माँग की गई है कि 16 बागी विधायकों के खिलाफ डिप्टी स्पीकर की कार्रवाई पर रोक लगाई जाए।

इस याचिका में अजय चौधरी को शिवसेना विधायक दल का नेता बनाने की कार्यवाही को भी शिंदे गुट की तरफ से गैर कानूनी बताया गया है। याचिका में कहा गया है कि उद्धव सरकार अल्पमत में है और उसकी तरफ से सुनील प्रभु को चीफ व्हिप बनाना भी अवैध है।

गौरतलब है कि शिवसेना के 38 बागी विधायकों के समर्थन के साथ एकनाथ शिंदे ने अपने गुट को ही असली शिवसेना बताया है। वहीं इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे के अलावा बागी विधायक भरत गोगावले ने भी याचिका दाखिल की है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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