त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी ने मोर्चा मारा। भाजपा की लहर के आगे विपक्षी दल पस्त नजर आए। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कॉन्ग्रेस का सबसे बुरा रहा है। ममता की पार्टी को नोटा से भी कम वोट मिले हैं। त्रिपुरा में तृणमूल कॉन्ग्रेस के इस प्रदर्शन को लेकर कहा जा रहा है कि शुभेंदु अधिकारी की भविष्यवाणी सच हुई है।
दरअसल, त्रिपुरा विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान मीडिया द्वारा पूछे गए सवाल पर बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा था कि ममता बनर्जी की पार्टी कहीं भी फ्रेम में नहीं है। त्रिपुरा में तृणमूल कॉन्ग्रेस को नोटा से भी कम वोट मिलेंगे। अब चुनाव परिणाम सामने आने के बाद आँकड़ों पर नजर डालें तो तृणमूल कॉन्ग्रेस का वोट बैंक नोटा से भी कम नजर आ रहा है।
चुनाव आयोग की वेबसाइट के अनुसार त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में नोटा पर 1.36 प्रतिशत वोट पड़ा। वहीं, ममता बनर्जी की पार्टी को महज 0.88 प्रतिशत ही वोट मिला है।
ममता बनर्जी ने त्रिपुरा विधानसभा की 60 में से 28 सीटों पर अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतारा था। चुनाव प्रचार के दौरान ममता बनर्जी ने त्रिपुरा में कई रैलियाँ भी की थीं। हालाँकि भाजपा की लहर के आगे TMC के किसी भी प्रत्याशी को जीत नहीं मिली है। कई सीटें तो ऐसी रहीं जहाँ तृणमूल कॉन्ग्रेस के प्रत्याशी हजार वोटों का आँकड़ा भी पार नहीं कर सके। वहीं अधिकांश सीटों में टीएमसी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई।
चुनाव प्रचार के दौरान ममता बनर्जी ने अगरतला, रामनगर और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा के गृह क्षेत्र टाउन बारदोवाली को टारगेट करते हुए करीब 5.5 किलोमीटर की पैदल यात्रा की थी। हालाँकि ममता ने अगरतला से अपना प्रत्याशी नहीं उतारा था। लेकिन टाउन बारदोवाली से तृणमूल कॉन्ग्रेस के प्रत्याशी को करारी हार मिली है। हालत यह रही कि तृणमूल प्रत्याशी अनंत बनर्जी 1000 वोट भी नहीं जोड़ पाए। उन्हें महज 623 वोटों से ही संतोष करना पड़ा। इसी प्रकार रामनगर में तृणमूल प्रत्याशी पूजन विश्वास को महज 2042 वोट मिले।
त्रिपुरा विधानसभा चुनाव परिणाम…
माणिक साहा के नेतृत्व में उतरी भाजपा को त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में एक बार फिर जीत मिली है। यहाँ भाजपा को 30 सीटों में जीत मिली है। वहीं 2 सीटों में बीजेपी अब भी आगे चल रही है। यही नहीं भाजपा की सहयोगी पार्टी इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा के खाते में भी एक सीट गई है। ऐसे में त्रिपुरा में भाजपा 33 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनते हुए एक बार फिर सरकार बनाते हुए दिख रही है।