Sunday, September 1, 2024
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23 मई के बाद BJP से मिल जाएँगी ‘बहन जी’: मायावती के कैबिनेट मंत्री व बड़े नेता का दावा

नसीमुद्दीन सिद्दीकी मायावती कैबिनेट में मंत्री रहे हैं। उन्होंने 50 से भी अधिक पूर्व सांसदों, विधायकों और विधान पार्षदों के साथ फरवरी 2018 में...

कभी मायावती के खास रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने बड़ी बात कही है। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री के बारे में नसीमुद्दीन ने कहा कि वह ‘बहन जी’ की राजनीति को अच्छी तरह जानते हैं। उन्होंने दवा किया कि मायावती 23 मई के बाद भाजपा से हाथ मिला लेंगी। नसीमुद्दीन सिद्दीकी मायावती कैबिनेट में मंत्री रहे हैं। पार्टी द्वारा निलंबित किए जाने के बाद उन्होंने 50 से भी अधिक पूर्व सांसदों, विधायकों और विधान पार्षदों के साथ फरवरी 2018 में कॉन्ग्रेस ज्वाइन किया था। नसीमुद्दीन ने प्रधानमंत्री पद के लिए मायावती की दावेदारी की चर्चाओं को लेकर आश्चर्य जताते हुए कहा कि ना तो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और न ही रालोद अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह ने कभी प्रधानमंत्री पद के लिए मायावती का स्पष्ट तौर पर समर्थन किया है।

कभी बसपा के कद्दावर नेता रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने बसपा सुप्रीमो के बारे में बोलते हुए आगे कहा, “23 मई के बाद मायावती भाजपा से मिल जाएँगी। मायावती पहले भी भाजपा से मिल चुकी हैं और भाजपा को अपना वोट ट्रांसफर करा चुकी हैं। मायावती पर इस तरह का दबाव बनेगा कि वह भाजपा का हिस्सा बन जाएँगी। जब मायावती भाजपा के साथ चली जाएँगी तो सपा के सामने देश एवं प्रदेश हित में कॉन्ग्रेस के साथ आने के सिवाय अन्य कोई विकल्प नहीं रह जाएगा।

नसीमुद्दीन ने दावा किया कि जितना वह मायावती को जानते हैं, उतना वह स्वयं को भी नहीं जानतीं। मायावती को पिछले 33 वर्षों से क़रीब से जानने की बात करते हुए नसीमुद्दीन ने कहा कि राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं होता। उन्होंने कहा कि वह मायावती का सम्मान करते हैं लेकिन उनके फिर से बसपा में शामिल होने की कोई संभावना नहीं है। आगे उन्होंने राहुल गाँधी के प्रधानमंत्री बनने का दावा किया। नसीमुद्दीन ने मायावती पर टिकट बेचने का आरोप लगाया था, जिसके बाद बसपा ने उन पर कार्रवाई की थी।

नसीमुद्दीन सिद्दीकी 2019 लोकसभा चुनाव में बिजनौर से मैदान में हैं। उन्हें कॉन्ग्रेस ने टिकट दिया है। कभी बसपा में नंबर 2 की हैसियत रखने वाले नसीमुद्दीन पार्टी का सबसे बड़ा मुस्लिम चेहरा थे। जहाँ भाजपा को बहुमत न मिलने की स्थिति में मायावती को पीएम बनाने के लिए विपक्ष के एकजुट होने को लेकर चर्चाएँ चल रही हैं, वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कहा है कि 23 मई से पहले ही सपा और बसपा का गठबंधन टूट जाएगा। नवभारत टाइम्स से एक्सक्लूसिव बातचीत में योगी ने कहा कि अखिलेश ने अभी तक नाम लेकर मायावती को प्रधानमंत्री के रूप में समर्थन देने की बात नहीं कही है।

उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा ने कॉन्ग्रेस को धता बताते हुए महागठबंधन बना लिया। इस गठबंधन में रालोद के चौधरी अजीत सिंह भी शामिल हैं। उत्तर प्रदेश में अंतिम चरण के तहत गोरखपुर और वाराणसी जैसी अहम सीटों पर मतदान होना है। जहाँ वाराणसी से ख़ुद पीएम मोदी उम्मीदवार हैं, गोरखपुर में वहाँ से 5 बार सांसद रहे योगी आदित्यनाथ की प्रतिष्ठा दाँव पर है। गोरखपुर उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी की हार के बाद मुख्यमंत्री योगी ने वहाँ पूरा ज़ोर लगा दिया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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