केंद्र की मोदी सरकार ने नागरिकता विधेयक में संशोधन का मसौदा कैबिनेट में पास कर दिया है। इस बिल के अगले सप्ताह संसद में पेश किए जाने की उम्मीद है। इस बिल के प्रावधानों के मुताबिक भारत के तीन सबसे कट्टर रूप से मज़हबी पड़ोसी देशों पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश के मज़हबी रूप से अल्पसंख्यक समुदाय के प्रताड़ित लोगों को भारत की नागरिकता के लिए योग्य घोषित किया गया है। इसमें केवल हिन्दू धर्म ही नहीं, जैन, बौद्ध, सिख धर्म और ईसाई व अन्य पंथिक समुदाय के भी लोग शामिल हैं। यह बिल पिछली बार भी लोकसभा में लाया गया था, लेकिन इसके राज्यसभा में पास होने से पहले ही आम चुनावों के लिए निचले सदन को भंग कर दिया गया था।
Union Cabinet has cleared the Citizenship Amendment Bill, 2019
— Live Law (@LiveLawIndia) December 4, 2019
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सोशल मीडिया पर बहुत से लोगों ने इसका स्वागत भी किया है, जिसमें स्वराज्य पत्रिका के सीईओ प्रसन्ना विश्वनाथन भी शामिल हैं। उन्होंने इस अधिनियम को शरणार्थी हिन्दुओं के लिए बड़ी राहत बताया है।
Huge Cheer For Persecuted Hindu Refugees As Modi Cabinet Clears Citizenship Amendment Bill https://t.co/wuHSOx3kjZ via @swarajyamag
— Prasanna Viswanathan (@prasannavishy) December 4, 2019
वहीं लिबरल गिरोह ने भी अपनी रुदाली शुरू कर दी है। कॉन्ग्रेस नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने इसे लोकतंत्र के ही खिलाफ बता दिया है।
“Citizenship Amendment Bill is a move against the tenets of democracy”, says Congress MP @ShashiTharoor .#CitizenshipAmendmentBill#India pic.twitter.com/Pnl3yGDmYe
— Democracy Times Network (@TimesDemocracy) December 4, 2019
वहीं उनकी पार्टी की एक अन्य नेत्री शमा मोहम्मद ने इसे भारतीय संविधान के खिलाफ बताया है।
–@AmitShah has said- every illegal immigrant apart from Muslims will be granted citizenship.@DrSJaishankar has conveyed 2 Bangladesh that no immigrant will be deported there. So will Muslims be banished to No-Man’s Land? This is against our Constitution!#CitizenshipAmendmentBill
— Shama Mohamed (@drshamamohd) December 4, 2019
स्वराज्य के सम्पादक राघवन जगन्नाथन ने इस बिल के विरोधियों पर करारा प्रहार किया है। स्वराज्य के अपने कॉलम में उन्होंने इसे इन देशों के प्रताड़ित हिन्दुओं के खिलाफ साज़िश करार दिया है। उनके मुताबिक यह पहले से ही प्रताड़ित और अपमानित हिन्दू शरणार्थियों को दोबारा परेशान करने की कोशिश है।
उनके लेख को ट्विटर पर साझा करते हुए प्रसन्ना विश्वनाथन ने भी भारतीय सेक्युलरिज़्म को हिन्दूफ़ोबिया से भरा हुआ करार दिया है।
‘Secular’ parties who want the CAB to be junked are essentially asking that Hindus should be persecuted twice or thrice over by insisting that illegal Muslim migrants must also get the same rights to citizenship. This is how Hinduphobic our ‘secularism’ is https://t.co/XXj0KazoJW
— Prasanna Viswanathan (@prasannavishy) December 4, 2019
बौद्ध, जैन, सिख, यहूदी, पारसी: इन्हें कभी ‘इनटॉलेरेंस’ की पीड़ा क्यों नहीं होती?
मोदी जी, एक हिन्दू को आपकी बजाय ट्रम्प से मदद की गुहार क्यों करनी पड़ रही है?