Monday, December 23, 2024
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बांग्लादेश में हिंदू विरोधी हिंसा के बीच मोदी सरकार ने शुरू किया ‘उपचार’, बिजली बेचने वाला नियम बदला: मजहबी कट्टरपंथियों पर ‘स्ट्राइक’ से दुखी हुई कॉन्ग्रेस

कॉन्ग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, "अडानी को पहले कोयले के आयात पर मुनाफा मिल ही रहा था, अब भारत के लोगों को ये बिजली बेचने पर उन्हें और भी मुनाफा मिलेगा। मोदी है तो मुमकिन है!"

बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच मोदी सरकार ने ‘बिजली निर्यात नियमों’ में संशोधन को लेकर एक फैसला लिया है। ताजा आदेश में कहा गया है कि अडानी पावर का एक कोयला आधारित पावर प्लांट जो अभी तक केवल बांग्लादेश को बिजली बेच सकता था, वो अब भारत को भी बिजली बेचेगा।

माना जा रहा है कि मोदी सरकार सरकार ने यह फैसला बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले के बीच इसलिए लिया है ताकि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पप दबाव बन सके। इसके अलावा संभव है कि ये फैसला कंपनी को बांग्लादेश में चल रहे हालातों के कारण पैदा होने वाले जोखिम से बचाने के लिए लिया गया हो। हालाँकि कॉन्ग्रेस नेता जयराम रमेश को इसमें भी समस्या है। उन्होंने इस फैसले की बाबत सोशल मीडिया पर सवाल उठाए हैं।

जानकारी के मुताबिक, 12 अगस्त 2024 को जारी बिजली मंत्रालय के एक मेमो में, विशेष रूप से पड़ोसी देश को बिजली की आपूर्ति करने वाले जनरेटर (बिजली कंपनियाँ) को नियंत्रित करने वाले 2018 के दिशानिर्देशों में संशोधन की बात कही गई थी। इसमें कहा गया था कि अगर पावर स्टेशन कंपनियाँ पूरी बिजली नहीं बेच पा रही हैं या फिर पावर पर्चेंज एग्रीमेंट के तहत उन्हें भुगतान में देरी हो रही है तो भारत सरकार ऐसे पावर जेनरेटिंग स्टेशन को भारतीय ग्रिड के साथ जोड़ने की इजाजत दी जाएगी जिससे देश की सीमाओं के भीतर बिजली बेच सकें।

वर्तमान में भारत में ऐसा केवल एक संयंत्र है जो पड़ोसी देश को अपनी 100% बिजली निर्यात करने के अनुबंध के तहत है। यह झारखंड में स्थित में अडानी पावर का 1,600 मेगावाट (मेगावाट) का गोड्डा संयंत्र है। गोड्डा स्थित पावर प्लांट से अडानी पावर पर्चेंज एग्रीमेंट के तहत बांग्लादेश को 800 मेगावाट बिजली बेच रही है जिसके लिए बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड के साथ 2017 में करार हुआ था। उस समय भी इस एग्रीमेंट पर काफी सवाल उठाए गए थे और अब जब इसे लेकर संशोधन हुए हैं तो भी सवाल उठाए जा रहे हैं।

इस आदेश के बाद कॉन्ग्रेस नेता जयराम रमेश ने अपने एक्स पर ट्वीट किया है। उन्होंने कहा, “अडानी झारखंड में बिजली पैदा करने और बांग्लादेश को आपूर्ति करने के लिए ऑस्ट्रेलिया से कोयला आयात करता है। यह एकमात्र कंपनी है जिसे बिजली खरीद समझौते के माध्यम से ऐसा करने की अनुमति दी गई है और ये बहुत विवादास्पद रहा है। अब कंपनी को वह बिजली भारत में ही बेचने की अनुमति मिल गई है। अडानी को पहले कोयले के आयात पर मुनाफा मिल ही रहा था, अब भारत के लोगों को ये बिजली बेचने पर उन्हें और भी मुनाफा मिलेगा। मोदी है तो मुमकिन है!”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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