प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने 25 जून को संविधान हत्या दिवस’ घोषित किया है। यही वो दिन था जब 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी के नेतृत्व वाली कॉन्ग्रेस सरकार ने देश में आपातकाल घोषित करते हुए विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया था। साथ ही मीडिया पर भी अंकुश लगा दिया गया था, सरकार तय करती थी क्या छपेगा और क्या नहीं। आपातकाल के दौरान इंदिरा गाँधी के बेटे संजय सिंह ने हजारों लोगों की जबरन नसबंदी करवाई थी।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ताज़ा फैसले का ऐलान करते हुए याद किया कि कैसे इंदिरा गाँधी ने बेशर्मी से तानाशाही मानसिकता का परिचय देते हुए हमारे लोकतंत्र की आत्मा का गला घोंट दिया था। उन्होंने याद किया कि कैसे लाखों लोग जेल में ठूँस दिए गए थे, मीडिया की आवाज़ को दबा दिया गया था। अमित शाह ने ऐलान किया कि हर साल इसकी स्मृति में भारत सरकार ने 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि इस दिन देश उन महान लोगों के योगदानों का स्मरण करेगा, जिन्होंने आपातकाल का दर्द को सहन किया था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा ये निर्णय लिए जाने के पीछे उद्देश्य है उन लाखों लोगों की भावनाओं का सम्मान करना, जिन्होंने दमनकारी सरकार के हाथों अकल्पनीय उत्पीड़न का सामना करने के बावजूद लोकतंत्र को पुनर्जीवित करने के लिए संघर्ष किया। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि इससे प्रत्येक भारतीय में व्यक्तिगत स्वतंत्रता एवं लोकतंत्र की रक्षा की अखंड ज्योति को प्रज्वलित रखने में मदद मिलेगा।
On June 25, 1975, the then PM Indira Gandhi, in a brazen display of a dictatorial mindset, strangled the soul of our democracy by imposing the Emergency on the nation. Lakhs of people were thrown behind bars for no fault of their own, and the voice of the media was silenced.
— Amit Shah (@AmitShah) July 12, 2024
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने समझाया कि ‘संविधान हत्या दिवस’ मनाने से कॉन्ग्रेस जैसी तानाशाही ताकतों को उस भयावहता को फिर से दोहराने से रोका जा सकेगा। इसके लिए जारी की गई अधिसूचना में कहा गया है कि भारत के लोगों को भविष्य में सत्ता के घोर दुरुपयोग को रोकने के लिए इसके जरिए प्रतिबद्ध किया गया है। नोटिफिकेशन में लिखा है कि भारत के लोगों का संविधान और लोकतंत्र पर दृढ विश्वास है। इससे कॉन्ग्रेस को करारा झटका लगा है जो लगातार संविधान-संविधान की रट लगा रही थी और भाजपा के खिलाफ दुष्प्रचार फैला रही थी।
To observe 25th June as #SamvidhaanHatyaDiwas will serve as a reminder of what happens when the Constitution of India was trampled over. It is also a day to pay homage to each and every person who suffered due to the excesses of the Emergency, a Congress unleashed dark phase of… https://t.co/om14K8BiTz
— Narendra Modi (@narendramodi) July 12, 2024
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी सरकार के इस कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है, “25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाना हमें याद दिलाएगा कि जब भारत के संविधान को कुचला गया था, तब क्या हुआ था। यह उन सभी लोगों को श्रद्धांजलि देने का भी दिन है, जिन्होंने आपातकाल की ज्यादतियों के कारण कष्ट झेले थे, जो भारतीय इतिहास का एक काला दौर था।” बता दें कि पीएम मोदी खुद आपातकाल विरोधी आंदोलन में सक्रिय थे, उस दौरान उन्होंने पुलिस से बचने के लिए एक सिख की वेशभूषा भी धरी थी।