Sunday, November 17, 2024
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मात्र साढ़े 27 रुपए में ‘भारत आटा’, 25 रुपए किलो प्याज: जानिए कहाँ-कहाँ मिलेगा, और क्या-क्या कम कीमत पर बेच रही मोदी सरकार

'भारत आटा' के जरिए उस वर्ग को भी इसमें जोड़ने का प्रयास किया जाएगा जो कि राशन वितरण के दायरे में नहीं है या फिर पैकेटबंद आटा लेना चाहते हैं।

मोदी सरकार ने देशवासियों को कम कीमत पर आटा उपलब्ध करवाने के लिए ‘भारत आटा’ की बिक्री चालू की है। इस ‘भारत आटा’ को बेचने वाली 100 गाड़ियों को सोमवार (6 नवम्बर, 2023) को केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण, वस्त्र और वाणिज्य तथा उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने हरी झंडी दिखाई।

अब यह भारत आटा देश ₹27.5/किलोग्राम की दर से केन्द्रीय भण्डार, नैफेड और NCCF तथा इन गाड़ियों से खरीदा जा सकेगा। इसका विस्तार सहकारी और अन्य दुकानों पर भी किया जाएगा, जिससे आसानी से जनता तक इसकी पहुँच हो सके।

इस ‘भारत आटा’ के लिए केंद्र सरकार ने 2.5 लाख मीट्रिक टन गेहूँ को ₹2150/क्विंटल की दर से नैफेड, NCCF और अन्य सहकारी तथा अर्ध-सहकारी संगठनों को दिया गया है। इसको पीस कर ‘भारत आटा’ के रूप में बाजार में उतारा जाएगा। जहाँ दाल 60 रुपए किलो बेचा जाएगा, वहीं प्याज 25 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बेचा जा रहा है।

अभी तक सरकार राशन वितरण योजना के तहत लोगों को गेहूँ कम कीमत पर देती आई है। ‘भारत आटा’ के जरिए उस वर्ग को भी इसमें जोड़ने का प्रयास किया जाएगा जो कि राशन वितरण के दायरे में नहीं है या फिर पैकेटबंद आटा लेना चाहते हैं। केंद्र सरकार पहले से ही बाजार में चना दाल और प्याज, दोनों ही कम कीमतों पर बेच रही है। अब इसमें ‘भारत आटा’ शामिल कर लिया गया है। केंद्र सरकार का कहना है कि उसने यह कदम बाजार में कीमतों को स्थिर रखने के लिए उठाया है।

गौरतलब है कि अन्य निजी कम्पनियों के आटे की कीमत इस समय बाजार में ₹35 से अधिक है। कई आटे की कंपनियाँ ₹50-₹60 में भी आटा बेचती हैं। ‘भारत आटा’ के जरिए ग्राहकों को कम कीमत में आटा लेने का मौका मिलेगा। हाल ही में देश में खाद्य सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने ऐलान किया था कि प्रति व्यक्ति मुफ्त 5 किलो राशन की योजना अगले पाँच वर्षों तक जारी रहेगी। इस योजना से 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया जाएगा।

सरकार का यह कदम महँगाई को कम करने में भी काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। फरवरी 2022 में रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़ने के बाद आए ऊर्जा और खाद्य संकट के कारण महँगाई का कड़ा रुख लगातार बना हुआ है। हालाँकि, सरकार ने अपने क़दमों से इसे नियन्त्रण में किया है लेकिन खाद्य सुरक्षा की दृष्टि से यह कदम भी उठाए जा रहे हैं।

गरीब कल्याण योजना के तहत राशन वितरण, चावल का निर्यात रोकना और कीमत नियन्त्रण के चलते सितम्बर माह में देश में महँगाई का स्तर घट कर 5.02% पर आ गया था। इससे पहले अगस्त माह में यह 6.83% पर था। रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) महँगाई को 2%-6% के बीच रखने का प्रयास रखती है। इससे ज्यादा होने पर वह मौद्रिक नीति में बदलाव पर विचार करती है।

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