नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने ‘द कारवाँ’ के मुख्य संपादक विनोद जोस को ‘भारतीय प्रेस परिषद (PCI)’ का सदस्य नियुक्त किया। इससे लोगों में खासा गुस्सा देखा जा रहा है क्योंकि ‘द कारवाँ’ अब तक मोदी और भाजपा विरोधी एजेंडा ही चलाता रहा है और खुद विनोद जोस को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से घृणा करने के लिए जाने जाते हैं। उन्हें भारत-विरोधी और हिंदू धर्म को बदनाम करने वाला पत्रकार भी बताया जाता रहा है।
2) इनका आत्मविश्वास इतना हिला हुआ है कि @AmitShah को हत्यारा साबित करने की कोशिश करने वालों से भी सर्टिफाई होने की लालसा रखते हैं!
— संदीप देव #SandeepDeo (@sdeo76) October 12, 2021
सुप्रीम कोर्ट ने कारवां की रिपोर्ट को एकतरफा और फर्जी कहा था, मोदी सरकार ने कारवां को मान्यता प्राप्त मीडिया बना दिया!#SandeepDeo pic.twitter.com/bjmf8QoMLp
भारत सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर के ‘Indian Press Council’ का पुनर्गठन किया है, जिसमें विनोद जोस को भी स्थान दिया गया है। गुरुवार (7 अक्टूबर, 2021) को इस संबंध में ‘भारतीय राजपत्र’ के माध्यम से अधिसूचना जारी की गई थी। PCI के 14वें कार्यकाल के लिए 22 सदस्यों की नियुक्ति की गई है। विनोद जोस को ‘अंग्रेजी भाषा के समाचार पत्रों के संपादक’ की कैटेगरी में मनोनीत किया गया है।
IAS अधिकारी संजय दीक्षित ने इसे भारत के दुश्मनों का तुष्टीकरण करार दिया। वहीं कई लोगों ने केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर को टैग कर के उनसे पूछा कि आखिर हिंदुओं से घृणा करने वाले इस व्यक्ति को PCI में क्यों शामिल किया गया है? लोगों ने इसे तुष्टीकरण की राजनीति करार दिया। लोगों ने कहा कि भाजपा में कोई है जो हिंदू आवाजों को दबाना चाहता है। कइयों ने इसे ‘घुसपैठ’ भी करार दिया।
Did any1 notice Press Council of India members’ nominations? Straight from Ripley’s ‘Believe It or Not’! At no, 6, Vinod Jose of The Caravan! Looks like someone in @BJP4India feels that nationalists and pro-Hindu voices do not matter, but every enemy of nation is to be appeased! pic.twitter.com/oUh0fseOsZ
— Sanjay Dixit ಸಂಜಯ್ ದೀಕ್ಷಿತ್ संजय दीक्षित (@Sanjay_Dixit) October 12, 2021
बता दें कि ‘द कारवाँ’ का इतिहास काफी दागदार रहा है, जिसने न सिर्फ जस्टिस लोया की मौत का मुद्दा उठा कर अमित शाह को बदनाम किया, बल्कि असीमानंद को आतंकवादी बताने की कोशिश की थी। कारवाँ मैगजीन के साथ मिल कर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल के बेटे विवेक डोभाल के खिलाफ दुष्प्रचार करने के मामले में कॉन्ग्रेस नेता जयराम रमेश को कोर्ट में माफ़ी माँगनी पड़ी थी।