मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार इन दिनों हिन्दू भावनाओं को ताक पर रख कर उसके विरुद्ध कार्यों में लगी हुई है। इस बार सरकार ने बिल्डरों को खुश करने के लिए हिंदू मंदिरों की जमीन को दाँव पर लगा दिया है। सरकार ने फैसला किया है कि वह प्रदेश के मंदिरों की जमीन को बिल्डरों को बेचेगी, जिस पर बिल्डर दुकान या मकान किसी का भी निमार्ण कर सकते हैं।
मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने इस प्रस्ताव को बनाकर तैयार कर रखा है। वहीं बताया जा रहा है कि पाँच फरवरी को होने वाली कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगना बाकी है। इस सरकार द्वारा तैयार किए गए प्रस्ताव में यह भी है कि बेची गई मंदिर की जमीन पर बिल्डर्स मकान-दुकान कुछ भी बना सकते हैं। साथ ही जमीन बेचने पर जो पैसा मिलेगा वो मंदिर, जिला प्रशासन और सरकारी खजाने में जाएगा। दरअसल कमलनाथ सरकार ने प्रदेश के मंदिरों की जमीन बिल्डरों को देने का प्रस्ताव तैयार किया है। वहीं बताया कि इस प्रताव से मंदिरों की प्राइम लोकेशन वाली बेशकीमती जमीन को अतिक्रमण और कब्जे से बचाया जा सकेगा।
आध्यात्म विभाग के मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि सरकार के अधीन आने वाले मंदिरों की खाली जमीन व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए निजी व्यक्तियों को बेचने का प्रस्ताव लाया जा रहा है। इसकी शुरुआत भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर के साथ दूसरे बड़े शहरों के मंदिरों से होगी। जिस व्यक्ति को जमीन दी जाएगी, वो उस पर निर्माण कार्य कर बेच सकेगा। इससे मिलने वाला पैसा तीन हिस्सों में बाँटा जाएगा। 20 फीसदी मंदिर, 30 फीसदी जिला स्तर और 50 फीसदी राज्य स्तर के देवस्थान कोष में जमा होगा। सरकार केवल जमीन देगी। उस पर मकान-दुकान या बिल्डिंग बिल्डर अपने खर्च पर बनवाएगा। बिल्डर अपनी मर्जी के मुताबिक उस जमीन पर फ्लैट, डुप्लेक्स, दुकान, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स सहित दूसरा कर्मिशियल निर्माण कर सकता है।
इस प्रस्ताव का बीजेपी जमकर विरोध कर रही है। बीजेपी ने कमलनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि प्रदेश की सरकार तुष्टीकरण की राजनीति कर रही है और सरकार का यह प्रस्ताव हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने वाला है। साथ ही सरकार पर आरोप लगाया कि वह लगातार हिंदू विरोधी फैसले ले रही है।