प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार (19 जून, 2024) को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक में 5 महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। सबसे बड़ी बात – 14 खरीफ फसलों का ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य’ (MSP) बढ़ाने को मंजूरी दे दी है। इससे किसानों के खाते में सीधे 2 लाख करोड़ रुपए जाएँगे। वाराणसी में एयरपोर्ट का विस्तार किया जाएगा। ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में भी बड़ा कदम उठाया गया। साथ ही 2 लाख गोदामों को बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
इसके अलावा केंद्र सरकार ने 76,200 करोड़ रुपए की लागत से पालघर के वधावन पोर्ट का भी विस्तार किया जाएगा। इससे 12 लाख रोजगार के मौके पैदा होने की संभावना है। इसके अलावा हर राज्य में फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी का कैम्पस खोला जाएगा। केंद्रीय रेलवे, I&B और MeitY मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अन्नदाताओं को प्राथमिकता देते हैं, वो चाहते हैं कि MSP डेढ़ गुनी होनी चाहिए।
धान का नया MSP 2300 रुपए प्रति क्विंटल होगा, वहीं 2013-14 में यह 1310 रुपए था। इसमें ताज़ा बढ़ोतरी 170 रुपए की हुई है। कॉटन की MSP 501 रुपए बढ़ करअब 7121 रुपए से 7521 रुपए हो गई है। वहीं मूँग का 8682, तूर का 7550, मक्का का 2225, ज्वार का 3371 और मूँगफली का 6783 रुपए होगा। NAFED के एप्लिकेशन के जरिए किसानों को तिलहन बेचने में आसानी होगी। पालघर के वधावन पोर्ट की क्षमता अब 298 मिलियन टन यूनिट की जाएगी।
इससे भारत-मिडिल ईस्ट कॉरिडोर भी मजबूत होगा। यहाँ 9 कंटेनर टर्मिनल और मेगा टर्मिनल पोर्ट बनेगा। फ्यूल व अन्य कंटेनरों के लिए अलग बर्थ होंगे। ये दुनिया के शीर्ष 10 पोर्ट में से एक होगा। 2029 तक इसका निर्माण कार्य पूरा होगा। वहीं रिन्यूवेबल एनर्जी के क्षेत्र में ‘ऑफशोर विंड प्रोजेक्ट’ (पवन ऊर्जा परियोजना) को मंजूरी दी गई है, जिसके तहत समुद्र में फ्लोटिंग टर्मिनल बनेंगे। गुजरात और तमिलनाडु में 500-500 मेगावाट के टर्मिनल बनाने के साथ इसकी शुरुआत होगी।
#WATCH | कैबिनेट के अहम फैसले !
— डीडी न्यूज़ (@DDNewsHindi) June 19, 2024
धान का नया #MSP खरीफ के लिए 2,300 रुपये रखा गया जो धान के पुराने MSP से 117 रुपए ज्यादा है। कपास का MSP 7,121 रुपये और दूसरी किस्म के लिए 7521 रुपये रखा गया है जो पिछले MSP से 501 रुपये ज्यादा है: सूचना और प्रसारण मंत्री @AshwiniVaishnaw
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पश्चिमी और पूर्वी तटों पर चलने वाली अच्छी हवाओं का फायदा उठाते हुए 7000 किलोमीटर की तटीय रेखा के इर्दगिर्द 70,000 मेगावाट उत्पादन की क्षमता आँकी गई है, जिसके लिए सरकार 7453 करोड़ रुपए खर्च करेगी। इसे भारत के लिए बहुत बड़ा अवसर बताया जा रहा है। वाराणसी एयरपोर्ट से अब हर साल 39 लाख यात्री यात्रा कर पाएँगे। ये अब एक ग्रीन एयरपोर्ट भी बनेगा। रनवे, हाइवे और अंडरपास बनेगा। इसमें 2870 करोड़ रुपए की लागत आएगी।