Sunday, September 1, 2024
Homeराजनीतिसांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति को अदालत से राहत नहीं: अब 29...

सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति को अदालत से राहत नहीं: अब 29 अप्रैल को जमानत पर सुनवाई, कोर्ट पर ‘काम का बोझ’

वकील रिजवान मर्चेंट ने यह भी बताया कि राणा दंपति ने बांद्रा मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष लंबित अपनी जमानत याचिका वापस लेने का फैसला किया है, जिसने उन्हें गिरफ्तारी के एक दिन बाद यानी 24 अप्रैल को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।

महाराष्ट्र के अमरावती से सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा को मंगलवार (26 अप्रैल, 2022) को भी राहत नहीं मिली। अब राणा दंपति (Navneet Rana and Ravi Rana) की जमानत याचिका पर 29 अप्रैल को मुंबई के सेशन कोर्ट में सुनवाई होगी। सांसद नवनीत राणा के वकील ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, “अदालत पर काम का बहुत बोझ है, इसलिए हम 29 अप्रैल को जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए राजी हो गए हैं। अदालत आगे की सुनवाई का फैसला करेगी। 29 अप्रैल और उसके बाद भी फैसला आ सकता है।”

वकील रिजवान मर्चेंट ने यह भी बताया कि राणा दंपति ने बांद्रा मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष लंबित अपनी जमानत याचिका वापस लेने का फैसला किया है, जिसने उन्हें गिरफ्तारी के एक दिन बाद यानी 24 अप्रैल को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।

मालूम हो कि बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार (25 अप्रैल, 2022) को महाराष्ट्र में हनुमान चालीसा पढ़ने के कारण गिरफ्तार किए गए सांसद नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा की दूसरी FIR को रद्द करने से इनकार कर दिया था। याचिका पर हाई कोर्ट के जस्टिस पीबी वराले और एसएम मोदक की बेंच ने सुनवाई की थी। कोर्ट ने कहा था कि दोनों याचिकाएँ अलग-अलग हैं और ये सुनवाई करने के लायक नहीं है। राणा दंपति को हनुमान चालीसा का पाठ करने को लेकर उठे विवाद के बाद शनिवार को गिरफ्तार किया गया था।

क्या है पूरा मामला

गौरतलब है कि लाउडस्पीकर और हनुमान चालीसा पर जारी सियासत के बीच अमरावती से सांसद नवनीत राणा ने उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री के सामने हनुमान चालीसा का पाठ करने का ऐलान किया था, जिसके बाद 23 अप्रैल, 2022 को मुंबई की खार पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। उन पर मुंबई पुलिस ने राजद्रोह (आईपीसी की धारा 124 A) और धार्मिक भावनाओं को भड़काने के आरोप लगाए थे। इसके अलावा उन पर आईपीसी की धारा 353 (सरकार काम में बाधा) के तहत केस दर्ज किया गया था। इसी एफआईआर को कोर्ट ने खारिज करने से इनकार कर दिया है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जनता की समस्याएँ सुन रहे थे गिरिराज सिंह, AAP पार्षद शहज़ादुम्मा सैफी ने कर दिया हमला: दाढ़ी-टोपी का नाम ले बोले केंद्रीय मंत्री –...

शहजादुम्मा मूल रूप से बेगूसराय के लखमिनिया का रहने वाला है। वह आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता है जो वर्तमान में लखमिनिया से वार्ड पार्षद भी है।

चुनाव आयोग ने मानी बिश्नोई समाज की माँग, आगे बढ़ाई मतदान और काउंटिंग की तारीखें: जानिए क्यों राजस्थान में हर वर्ष जमा होते हैं...

बिश्नोई समाज के लोग हर वर्ष गुरु जम्भेश्वर को याद करते हुए आसोज अमावस्या मनाते है। राजस्थान के बीकानेर में वार्षिक उत्सव में भाग लेते हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -