मशहूर विवादित शायर मुनव्वर राणा की बेटी उरूसा राणा ने कॉन्ग्रेस का दामन थाम लिया है। उन्हें पार्टी ने लखनऊ से कॉन्ग्रेस महिला समिति की नई उपाध्यक्ष बनाया है। कॉन्ग्रेस महिला समिति की अध्यक्ष ममता चौधरी ने लखनऊ पार्टी मुख्यालय में उरूसा राणा को पद भार ग्रहण कराया।
कॉन्ग्रेस में शामिल होने के बाद उरुषा ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने कॉन्ग्रेस को हमेशा एक परिवार समझा है। उनके मुताबिक़ कॉन्ग्रेस अब पूरी तरह से मैदान में आ चुकी है और दूसरी कोई और पार्टी दूर-दूर तक नज़र नहीं आ रही है। चाहे वह समाजवादी पार्टी हो या बहुजन समाज पार्टी।
इस दौरान उन्होंने कहा कि वह कॉन्ग्रेस आला कमान को यकीन दिलाती हैं कि वह पार्टी के लिए पूरी ताकत से काम करेंगी। उन्होंने कहा कि महिलाओं के सम्मान के लिए पहले खुद के घर से शुरुआत करनी होगी, फिर समाज में महिलाओं के लिए लड़ाई लड़ती रहूँगी।
महिला कॉन्ग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष ममता चौधरी ने उरूसा राणा को पत्र लिखकर मनोनयन की जानकारी दी है। ममता चौधरी ने कहा कि लॉकडाउन में उरुषा राणा की कार्यशैली अच्छी रही है। इन्होंने श्रमिकों और खासतौर पर महिलाओं के लिए अलग हट कर काम किए हैं। इसे देखते हुए उन्हें महिला कॉन्ग्रेस में प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया है।
आपको बता दें कि मुनव्वर राणा की एक और बेटी फौजिया राणा भी कुछ दिनों पहले बिहार कॉन्ग्रेस में शामिल हुई थीं। मुनव्वर राणा की बेटी फौजिया राणा भी 2 अक्टूबर को कॉन्ग्रेस में शामिल हो चुकी हैं। उन्होंने पटना में कॉन्ग्रेस की सदस्यता हासिल की थी। तब फौजिया ने चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा था कि अगर पार्टी उन्हें निर्देश देगी तो वो चुनाव मैदान में उतरेंगी।
शायर मुनव्वर राणा की बेटियाँ फौजिया, सुमैया और उरूसा ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ हुए प्रदर्शनों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। तब से ये तीनों चर्चा में आई थीं। फौजिया राणा तो शाहीन बाग भी पहुँची थीं, जो सीएए विरोध का प्रमुख केंद्र रहा। फौजिया ने लखनऊ में भी घंटाघर पर सीएए के विरोध में धरना दिया था। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।
उरूसा राणा ने अपनी बहन सुमैय्या और फौजिया राणा का खुलकर समर्थन किया था। साथ ही, पीएम मोदी और यूपी की योगी सरकार को खुली चुनौती देते हुए घंटाघर पर कई दिनों तक सरकार के खिलाफ चले महिलाओं के प्रर्दशन में भी सक्रिय भूमिका निभाई थी।
गौरतलब है कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में चल रहे सीएए, एनआरसी के विरोध प्रदर्शन के दौरान मुनव्वर राणा की बेटी सुमैया राणा ने कहा था, “हमें ध्यान रखना है कि हमें इतना भी न्यूट्रल (तटस्थ) नहीं होना है कि हमारी पहचान ही खत्म हो जाए। पहले हम मुस्लिम हैं और उसके बाद कुछ और हैं। हमारे अंदर का जो दीन है, जो इमान है, वह जिंदा रहना चाहिए। कहीं ऐसा न हो कि हम अल्लाह को भी मुँह दिखाने लायक न रह जाएँ।”