गोवा में आयोजित इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) में विवेक अग्निहोत्री की फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ पर विवादित टिप्पणी का मामला गरमा गया है। अभिनेता अनुपम खेर और विवेक अग्निहोत्री ने जहाँ इसका कड़ा विरोध किया है। वहीं कॉन्ग्रेस पार्टी, अभिनेत्री स्वरा भास्कर और शिवसेना नेता संजय राउत इसका समर्थन कर रहे हैं।
IFFI जूरी हेड नादव लापिद ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ को अश्लील और प्रोपेगेंडा फिल्म बताया है। शिवसेना नेता संजय राउत ने इस पर कहा, “यह ‘द कश्मीर फाइल्स’ के बारे में सच है। जब एक दल द्वारा दूसरे दल के विरुद्ध दुष्प्रचार किया जा रहा था। तब एक और पार्टी सरकार के प्रचार में व्यस्त थी। लेकिन इस फिल्म के रिलीज होने के बाद कश्मीर में सबसे ज्यादा हत्याएँ हुईं। कश्मीरी पंडित और सुरक्षाकर्मी मारे गए।”
Where were these Kashmir Files people then? The children of Kashmiri Pandits were also agitating, where were they then? Nobody came forward then, nor were there plans for a Kashmir Files 2.0 – make that too: Sanjay Raut, Shiv Sena (Uddhav Balasaheb Thackeray) leader (2/2) pic.twitter.com/ayhvEwQBdO
— ANI (@ANI) November 29, 2022
उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत, जो हाल ही में जमानत पर जेल से बाहर आए हैं, उन्होंने आगे कहा, “ये सिनेमा आने के बाद, कश्मीर में सबसे ज्यादा किलिंग हुई। पंडितों को मारा गया। सुरक्षाकर्मियों को मारा गया। तब कहाँ थे ये कश्मीर फाइल्स वाले? जब कश्मीरी पंडितों के बच्चे आंदोलन कर रहे थे। तब कोई आगे नहीं आया, ना ही कश्मीर फाइल्स 2.0 की कोई योजना थी। आप उसे भी बनाओ।”
ध्यान दें कि संजय राउत ने जहाँ नादव लैपिड का समर्थन करते हुए इस्लामवादियों की बजाए हिंदुओं की हत्याओं के लिए ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म को दोषी ठहराया है। वहीं भारत में इजरायल के राजदूत ने नदव की विवादित टिप्पणी के लिए माफी माँगी है। उन्होंने एक पत्र में कहा कि उन्हें कश्मीर में हिंदुओं के नरसंहार पर नकारात्मक टिप्पणी के मामले पर शर्म आ रही है। दिलचस्प बात यह है कि नदव द्वारा ‘द कश्मीर फाइल्स’ के लिए इस्तेमाल किए गए अश्लील शब्द के बारे में पूछे जाने पर संजय राउत ने कहा कि उन्होंने यह फिल्म नहीं देखी है।
संजय राउत द्वारा की गई टिप्पणी का वीडियो ‘जी मराठी’ ने शेयर किया है। ‘एबीपी माँझा’ ने भी इसे शेयर किया गया था, लेकिन इस वीडियो को जल्द ही प्राइवेट कर दिया गया, इसलिए लोग इसे एक्सेस नहीं कर सके।
बता दें कि IFFI का 53वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया 20 नवंबर से 28 नवंबर के बीच गोवा में आयोजित किया गया था। फेस्टिवल के आयोजकों ने नादव लैपिड को प्रमुख जूरी के तौर पर इजरायल से बुलाया था। फिल्म देखने के बाद नादव ने कहा कि वह ‘द कश्मीर फाइल्स’ देखकर न सिर्फ हैरान हुए, बल्कि परेशान भी हुए हैं। नादव लैपिड ने आगे कहा कि उन्हें यह फिल्म दुष्प्रचार करने वाली लगी, जो ऐसे महोत्स्व में दिखाने लायक नहीं थी।