Monday, December 23, 2024
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फिर ‘द कश्मीर फाइल्स’ पर बिदके शरद पवार, कहा- यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सत्ता में बैठे लोगों ने इस फिल्म का प्रचार किया

इससे पहले शरद पवार ने कहा था कि भाजपा फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ के जरिए घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन को लेकर झूठा प्रचार कर देश में जहरीला माहौल बनाने का काम कर रही है।

बॉलीवुड फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ (The Kashmir Files) को भारतीय जनता पार्टी (BJP) का झूठा प्रोपेगेंडा करार देने के बाद अब राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार ने इसे सुनियोजित साजिश बताया है। उन्होंने रविवार (10 अप्रैल 2022) को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस पर बात करते हुए कहा, “एक शख्स ने फिल्म (द कश्मीर फाइल्स) बनाई। इस फिल्म में हिंदुओं पर हमला होते दिखाया गया है। यह फिल्म दिखाता है कि बहुसंख्यक हमेशा अल्पसंख्यक पर हमला करते हैं और जब वह बहुसंख्यक मुस्लिम होता है तो हिंदू समुदाय असुरक्षित हो जाता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सत्ता में बैठे लोगों ने इस फिल्म का प्रचार किया।”

उन्होंने आरोप लगाया कि धार्मिक आधार पर समाज में दरार पैदा करने की कोशिश की जा रही है। पवार ने कहा, “हिंदुओं और मुस्लिमों, दलितों और गैर-दलितों के बीच कुछ हलकों में दरार पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है। हमें इसकी जाँच करनी चाहिए।” उन्होंने इसे सुनियोजित साजिश करार देते हुए देश में पैदा हो रही सांप्रदायिक स्थिति पर भी गंभीर चिंता जताई। पवार ने कहा, “भाजपा कश्मीरी पंडितों पर हमलों की जिम्मेदारी से नहीं भाग सकती। हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच दरार पैदा की जा रही है जो एक बहुत ही चिंताजनक बात है। इसलिए, जो लोग समाज के सभी वर्गों के हितों की रक्षा करने में विश्वास करते हैं, उन्हें एक साथ आना चाहिए। NCP लोगों को जाति और धर्म के आधार पर बाँटने की कोशिश करने वालों के खिलाफ संघर्ष करने को तैयार है।”

गौरतलब है कि इससे पहले शरद पवार ने दिल्ली प्रदेश NCP के अल्पसंख्यक विभाग के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था कि भाजपा फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ के जरिए घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन को लेकर झूठा प्रचार कर देश में जहरीला माहौल बनाने का काम कर रही है। पवार ने कहा था कि ऐसी फिल्मों के प्रदर्शन की मँजूरी नहीं दी जानी चाहिए थी, लेकिन सरकार ने इसे टैक्स फ्री कर दिया। जिन लोगों के पास देश को एक रखने की जिम्मेदारी है, वही लोगों को ऐसी फिल्म देखने को कह रहे हैं ताकि लोगों में गुस्सा भड़के। 

बता दें कि यह वही शरद पवार हैं, जिन्होंने 1993 में मुंबई में हुए सीरियल ब्लास्ट के बाद इस्लामी कट्टरपंथियों पर पर्दा डालने का काम किया था। उन्होंने इस्लामी आतंकियों को बचाने के लिए बम को ‘साउथ इंडियन आतंकियों’ वाला भी बताया था। उस समय वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री हुआ करते थे। उन्होंने मुंबई में हुए 12 ब्लास्ट के बाद 13वें ब्लास्ट की कहानी गढ़ी थी। कहा था कि एक धमाका मस्जिद बंदर में भी हुआ है, जबकि असली धमाके ​हिंदू बहुल इलाकों को निशाना बनाकर किए गए थे। 

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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