महाराष्ट्र में घटनाक्रम और नाटकीय होता जा रहा है। शनिवार (नवंबर 23, 2019) को अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार से बगावत कर भाजपा का समर्थन कर दिया और देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। अजित उप-मुख्यमंत्री बने। अब सभी दल अपने-अपने विधायकों को सुरक्षित ठिकाने पर पहुँचाने में लगे हुए हैं। कॉन्ग्रेस ने अपने विधयकों को जयपुर पहुँचा दिया है, जहाँ उसकी ही सरकार है। वहीं शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे भी विधायकों ने मिल कर उन्हें ढाँढस बंधा रहे हैं। उद्धव ने ललिता होटल में विधायकों को आश्वासन दिया कि सरकार शिवसेना की ही बनेगी।
Top NCP sources: Total 50 MLAs are present in the meeting with NCP Chief Sharad Pawar at YB Chavan Centre in Mumbai. 4 NCP MLAs including Ajit Pawar yet to come for the meeting. They are expected to come for the meeting shortly. All MLAs will be kept at a hotel in Mumbai.
— ANI (@ANI) November 23, 2019
सबसे ज्यादा खलबली एनसीपी के कैम्प में मची हुई है। न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि एनसीपी के 54 में से 50 विधायक मुंबई में शरद पवार की बैठक में शामिल हुए। ये बैठक वाईबी सेंटर में हुई। 2 शिवसेना विधायक मुंबई एयरपोर्ट से लाए गए। शिवसेना के नेताओं मिलिंद नार्वेकर और एकनाथ शिंदे दो एनसीपी विधायकों संजय बंसोड और बालासाहब पाटिल को मुंबई एयरपोर्ट से लेकर आए। कहा जा रहा है कि ये दोनों अजित पवार गुट के विधायक हैं। शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के फ़ैसले ख़िलाफ़ याचिका दायर की है। इसमें राज्यपाल के क़दम को मनमाना और त्रुटिपूर्ण बताया है। तीनों दलों ने मिल कर एक रिट पेटिशन भी दायर की है।
Mumbai: Shiv Sena leaders Milind Narvekar and Eknath Shinde brought with them 2 NCP MLAs Sanjay Bansod and Babasaheb Patil at YB Chavan Center from the Mumbai airport. The two NCP MLAs are said to be with NCP leader Ajit Pawar. https://t.co/UAzUctBtBf
— ANI (@ANI) November 23, 2019
शिवसेना ने इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिसमें उसने कहा था कि राज्यपाल ने उसे सरकार गठन के लिए उचित मौक़ा नहीं दिया। उस याचिका के बारे में अब शिवसेना ने कुछ स्पष्ट नहीं किया है। कॉन्ग्रेस नेताओं की कोशिश है कि शनिवार रात को ही इस मामले की सुनवाई हो।
अगर ऐसा होता है तो रात भर ये नाटकीय ड्रामा चलता रहेगा। शिवसेना की तरफ से कॉन्ग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी सुप्रीम कोर्ट में पेश होंगे। शिवसेना की माँग है कि विधायकों की ख़रीद-फरोख्त रोकने के लिए 24 घंटे के अंदर फ्लोर टेस्ट कराया जाए। पार्टी का कहना है कि ये अल्पमत की सरकार है।
Shiv Sena: Shiv Sena has filed a writ petition in the Supreme Court against Devendra Fadnavis and Ajit Pawar taking oath as CM and Deputy CM of Maharashtra respectively. #Maharashtra pic.twitter.com/AoyIwrp48T
— ANI (@ANI) November 23, 2019
एनसीपी ने दावा किया है कि देवेंद्र फडणवीस के शपथग्रहण समहोह में शामिल होने वाले पार्टी के 8 विधायकों में से 7 वापस आ चुके हैं और उन सभी ने शरद पवार के प्रति आस्था जताई है। भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधीर मुंगंतीवार ने दावा किया है कि भाजपा के पास 170 विधायकों का समर्थन है। विधायकों को जमा करने में मची आपाधापी के बीच राजस्थान में 2 बार पूरे के पूरे बसपा विधायक दल को तोड़ने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि उनकी सरकार जयपुर आने वाले सभी विधायकों को सुरक्षा देगी, चाहे वो किसी भी पार्टी के हों।