सुप्रीम कोर्ट ने एनसीपी के चुनाव निशान को लेकर फैसला दिया है कि लोकसभा चुनाव में फिलहाल अजित पवार घड़ी सिंबल का ही इस्तेमाल करेंगे। कोर्ट ने शरद पवार गुट के लिए ‘तुरहा बजाता व्यक्ति’ चुनाव निशान निर्धारित किया है। सुप्रीम कोर्ट ने शरद पवार की अजित पवार गुट को घड़ी सिंबल न देने की माँग नामंजूर कर दी।
सुप्रीम कोर्ट में एनसीपी के चुनाव निशान को लेकर आदेश आया है। इस आदेश से अजित पवार गुट को राहत मिली है, हालाँकि ये अस्थाई है। सुप्रीम कोर्ट ने अजित पवार गुट को एनसीपी के चुनाव निशान घड़ी के इस्तेमाल की इजाजत तो दे दी है, साथ ही कोर्ट ने अजित पवार गुट से ये भी कहा कि वो सार्वजनिक रूप से विज्ञापन देकर बताएं कि उनके चुनाव चिह्न घड़ी का मामला अदालत में है।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि एनसीपी अजित पवार को अंग्रेजी, हिंदी, मराठी के अखबारों में विज्ञापन देकर बताएं कि उनके इलेक्शन सिंबल घड़ी का मामला कोर्ट में विचाराधीन है। इस पर अंतिम निर्णय कोर्ट में सुनवाई के बाद ही होगा। एनसीपी-अजित पवार को घड़ी चुनाव चिह्न के कोर्ट में विचाराधीन होने को हर टेम्प्लेट, ऐड, ऑडियो-वीडियो क्लिप में भी बताना होगा।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (19 मार्च 2024) को एनसीपी-शरद चंद्र पवार को चुनाव चिह्न ‘तुरही बजाता आदमी’ को मंजूरी दे दी। सुप्रीम कोर्ट ने शरद गुट को लोकसभा चुनाव एनसीपी-शरदचंद्र पवार नाम से ही लड़ने की परमिशन दे दी। कोर्ट ने चुनाव आयोग को भी निर्देश दिया कि वह लोकसभा-विधानसभा चुनावों के लिए दूसरों को तुरही बजाता आदमी चिह्न न दे।
सुप्रीम कोर्ट ने शरद गुट की उस याचिका पर सुनवाई की थी, जिसमें कहा गया था कि अजित गुट अपने फायदे के लिए शरद पवार का नाम और फोटो इस्तेमाल कर रहा है। हालाँकि अब अजित पवार ने साफ कर दिया है कि वो शरद पवार की जगह यशवंतराव चव्हाण का नाम और फोटो इस्तेमाल कर रहे हैं।