Thursday, November 14, 2024
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द्रौपदी मुर्मू के गृहनगर में मिठाइयाँ बनकर तैयार: सांसदों के वोटों की गिनती पूरी, यशवंत सिन्हा को केवल 208 वोट

इस बीच द्रौपदी के ससुराल के घर की तस्वीर भी सामने आई है। बता दें कि पति और दो बेटों की मौत के बाद द्रौपदी ने अपने ससुराल पहाड़पुर की सारी जमीन ट्रस्ट बनाकर बोर्डिंग स्कूल में बदल दिया गया। ट्रस्ट का नाम पति और बेटों के नाम पर SLS ट्रस्ट रखा गया है। इसमें ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे पढ़ाई करते हैं।

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (Draupdi Murmu) का राष्ट्रपति बनना लगभग तय हो गया है। अभी तक की गिनती में वह विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) से आगे हैं।

राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी के अनुसार, द्रौपदी मुर्मू ने 3,78,000 मूल्य के 540 वोट हासिल किए हैं। वहीं, यशवंत सिन्हा को 1,45,600 मूल्य के 208 वोट मिले। इस दौरान कुल 15 वोट अवैध पाए गए। पीसी मोदी ने बताया कि ये संसद के आंकड़े हैं। इस संबंध में अगली घोषणा जल्द ही करने की बात उन्होंने कही।

बता देें कि राष्ट्रपति चुनावों में सोमवार (18 जुलाई 2022) को संसद में 98.91 प्रतिशत मतदान हुआ था। कुल 736 मतदाताओं (727 सांसदों और 9 विधायकों) को संसद में मतदान की अनुमति दी गई थी, जिनमें से 728 (719 सांसदों और 9 विधायकों) ने वोट दिया था।

द्रौपदी मुर्मू के पैतृक गाँव ओडिशा के रायरंगपुर में जश्न की तैयारियाँ शुरू हो गई हैं। मिठाइयाँ बनने लगी हैं। ग्रामीणों ने मुर्मू का विजय जुलूस निकलने के साथ ही आदिवासी नृत्य की भी योजना बनाई ली थी।

भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ, जब कोई आदिवासी महिला भारत की राष्ट्रपति बनी। रायरंगपुर और पूरे ओडिशा के लिए आज एक ऐतिहासिक दिन है। उत्सव जैसा माहौल है। 20,000 मिठाइयाँ बनाने के अलावा आतिशबाजी की भी पूरी तैयारी भी पहले ही की गई। 

द्रौपदी मुर्मू जिस सरकारी उच्च प्राथमिक विद्यालय में पढ़ती थीं, उसके प्रधानाध्यापक रह चुके बिस्वेश्वर मोहंती ने उस वक्त को याद किया। उन्होंने बताया कि वह 1968 से 1970 तक स्कूल में हेड टीचर थे। उस दौरान द्रौपदी मुर्मू वहाँ पढ़ाई करती थीं। उन्होंने बताया कि मुर्मू के बारे में जानकर उन्हें बहुत गर्व महसूस होता है।

मोहंती कहते हैं कि वह एक मेधावी छात्रा थीं। उन्हें याद है कि एक बार छात्रों से पूछा गया कि वे भविष्य में क्या करना चाहते हैं तो सभी ने विभिन्न व्यवसायों का जिक्र किया, लेकिन जब यही सवाल द्रौपदी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह लोगों की सेवा करना चाहती हैं।

मोहंती ने कहा कि पहले द्रौपदी मुर्मू ने राज्यपाल के रूप में कार्य किया और अब वे देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन होंगी। वहीं उस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को भी द्रौपदी मुर्मू पर गर्व महसूस हो रहा है।

इस बीच द्रौपदी के ससुराल के घर की तस्वीर भी सामने आई है। बता दें कि पति और दो बेटों की मौत के बाद द्रौपदी ने अपने ससुराल पहाड़पुर की सारी जमीन ट्रस्ट बनाकर बोर्डिंग स्कूल में बदल दिया गया। ट्रस्ट का नाम पति और बेटों के नाम पर SLS ट्रस्ट रखा गया है। इसमें ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे पढ़ाई करते हैं।

उल्लेखनीय है कि कुल 10,86,431 मतों में से राजग उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के पास 6.67 लाख से अधिक वोट होने का अनुमान लगाया गया है। उन्हें सत्ताधारी गठबंधन के अलावा बीजद, वाईएसआर कॉन्ग्रेस, अकाली दल ही नहीं विपक्षी खेमे के कई दलों जैसे जेडीएस, झामुमो, शिवसेना और तेदेपा का समर्थन भी मिला है। साथ ही चुनाव में क्रॉस वोटिंग की भी खबरें सामने आई हैं।

गुजरात में NCP विधायक कंधाल जडेजा ने कहा कि उन्होंने मुर्मू को वोट दिया। ओडिशा में कॉन्ग्रेस विधायक मोहम्मद मोकीम ने मुर्मू के पक्ष में मतदान किया। हरियाणा के कॉन्ग्रेस विधायक कुलदीप बिश्नोई ने भी मुर्मू के समर्थन में वोट किया। वहीं असम में AIUDF के नेता करीमुद्दीन ने भी कॉन्ग्रेस के क्रॉस वोटिंग करने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि ये आँकड़ा 20 से अधिक भी हो सकता है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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