कॉन्ग्रेस पार्टी को इनकम टैक्स विभाग से नया नोटिस मिला है। इसमें आकलन वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक के लिए 1,745 करोड़ रुपए के टैक्स की माँग की गई है। साल के हिसाब से बताएँ तो 2014-15 के लिए 663 करोड़ रुपए, 2015-16 के लिए करीब 664 करोड़ रुपए और 2016-17 के लिए करीब 417 करोड़ रुपए आयकर विभाग ने कॉन्ग्रेस पार्टी से माँगे हैं।
इस नोटिस के बाद कहा जा रहा है कि आयकर विभाग द्वारा कॉन्ग्रेस से अब तक कुल 3,567 करोड़ रुपए के कर की माँग हो चुकी है। ये नोटिस अधिकारियों द्वारा राजनीतिक दलों को दी जाने वाली टैक्स छूट खत्म के बाद पार्टी को दिए गए हैं।
The Congress has received fresh notices from the Income Tax Department worth Rs 1,745 crore for the assessment years 2014-15 to 2016-17. With the latest notice, the Department has now raised a total demand of Rs 3,567 crore from the party for the assessment years 1994-95 and… pic.twitter.com/n3u82tPzwh
— IndiaToday (@IndiaToday) March 31, 2024
बता दें कि इससे पहले कॉन्ग्रेस ने बताया था कि उन्हें आयकर विभाग से नोटिस मिला था जिसमें करीब 1,823 करोड़ रुपए का भुगतान करने को कहा गया है। उन्होंने यह भी दावा किया था कि पिछले वर्ष से संबंधित टैक्स माँग के लिए पार्टी के खातों से पहले ही 135 करोड़ रुपए निकाल लिए गए हैं जिसके कारण उन्होंने अदालत का रुख किया है। अब इस मामले में 1 अप्रैल को इस मामले में सुनवाई होने की संभावना है।
कॉन्ग्रेस ने जानकारी साझा करते हुए आयकर विभाग के इन नोटिसों और रिकवरी की कार्रवाई पर आरोप लगाया था कि सरकार चुनाव से पहले उनके खाते सीज कर रही है। कॉन्ग्रेस का कहना था कि पार्टी के पास चुनाव लड़ने को भी फंड नहीं है, इसीलिए वह प्रचार आदि में भी पैसा नहीं खर्च पा रही। वहीं उनकी पार्टी के खाते से 135 करोड़ रुपए निकाल लिए गए हैं। हालाँकि, आयकर विभाग ने इन आरोपों पर कहा था कि वह मात्र अपनी रिकवरी कर रहे हैं और उसने कोई भी खाते फ्रीज नहीं किए हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस मामले पर कहा था कि कॉन्ग्रेस इसे चुनावी मुद्दा बना रही है।