Thursday, October 10, 2024
Homeराजनीतिआयकर विभाग ने कॉन्ग्रेस को दिया फिर झटका, इस बार थमाया ₹1745 करोड़ का...

आयकर विभाग ने कॉन्ग्रेस को दिया फिर झटका, इस बार थमाया ₹1745 करोड़ का नोटिस: टैक्स की रकम का आँकड़ा ₹3000 करोड़ के पार

नोटिस के बाद कहा जा रहा है कि आयकर विभाग द्वारा कॉन्ग्रेस से अब तक कुल 3,567 करोड़ रुपए के कर की माँग हो चुकी है। सूत्रों के हवाले से ये भी बताया जा रहा है कि अधिकारियों ने राजनीतिक दलों को दी जाने वाली टैक्स छूट को खत्म कर दिया है और पार्टी पर टैक्स लागू कर दिया गया है।

कॉन्ग्रेस पार्टी को इनकम टैक्स विभाग से नया नोटिस मिला है। इसमें आकलन वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक के लिए 1,745 करोड़ रुपए के टैक्स की माँग की गई है। साल के हिसाब से बताएँ तो 2014-15 के लिए 663 करोड़ रुपए, 2015-16 के लिए करीब 664 करोड़ रुपए और 2016-17 के लिए करीब 417 करोड़ रुपए आयकर विभाग ने कॉन्ग्रेस पार्टी से माँगे हैं

इस नोटिस के बाद कहा जा रहा है कि आयकर विभाग द्वारा कॉन्ग्रेस से अब तक कुल 3,567 करोड़ रुपए के कर की माँग हो चुकी है। ये नोटिस अधिकारियों द्वारा राजनीतिक दलों को दी जाने वाली टैक्स छूट खत्म के बाद पार्टी को दिए गए हैं।

बता दें कि इससे पहले कॉन्ग्रेस ने बताया था कि उन्हें आयकर विभाग से नोटिस मिला था जिसमें करीब 1,823 करोड़ रुपए का भुगतान करने को कहा गया है। उन्होंने यह भी दावा किया था कि पिछले वर्ष से संबंधित टैक्स माँग के लिए पार्टी के खातों से पहले ही 135 करोड़ रुपए निकाल लिए गए हैं जिसके कारण उन्होंने अदालत का रुख किया है। अब इस मामले में 1 अप्रैल को इस मामले में सुनवाई होने की संभावना है।

कॉन्ग्रेस ने जानकारी साझा करते हुए आयकर विभाग के इन नोटिसों और रिकवरी की कार्रवाई पर आरोप लगाया था कि सरकार चुनाव से पहले उनके खाते सीज कर रही है। कॉन्ग्रेस का कहना था कि पार्टी के पास चुनाव लड़ने को भी फंड नहीं है, इसीलिए वह प्रचार आदि में भी पैसा नहीं खर्च पा रही। वहीं उनकी पार्टी के खाते से 135 करोड़ रुपए निकाल लिए गए हैं। हालाँकि, आयकर विभाग ने इन आरोपों पर कहा था कि वह मात्र अपनी रिकवरी कर रहे हैं और उसने कोई भी खाते फ्रीज नहीं किए हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस मामले पर कहा था कि कॉन्ग्रेस इसे चुनावी मुद्दा बना रही है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

अल्पसंख्यक हैं मिजोरम में हिंदू, फिर भी हरि मंदिर को बचाने में जुटे: असम राइफल्स के जाने के बाद राज्य सरकार के कब्जे में...

पूर्वोत्तर भारत के राज्य मिजोरम में हिन्दू असम राइफल्स की कैंटोनमेंट में स्थित अपना एक मंदिर सरकारी नियंत्रण में जाने से बचाने को लड़ रहे हैं।

बिहार में ईसाई धर्मांतरण की ग्राउंड रिपोर्ट, YouTube ने डिलीट किया वीडियो: क्या फेसबुक भी उड़ा देगा, बिग टेक कंपनियों की वामपंथी पॉलिसी कब...

पहली बार नहीं है कि किसी मामले को लेकर बड़ी टेक कंपनियों के वामपंथी रवैये पर सवाल खड़ा किया जा रहा हो। इनका प्रभाव फेसबुक पोस्ट से लेकर इंस्टा की रीच तक पर आप देख सकते हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -