भारत विरोधी प्रोपेगेंडा चलाने वाले वामपंथी मीडिया पोर्टल न्यूज क्लिक का चीनी कनेक्शन सामने आया है। यूट्यूबर अभिसार शर्मा इसी मीडिया संस्थान से जुड़े हुए हैं। दरअसल, विदेशी मीडिया न्यूयॉर्क टाइम्स ने खुलासा किया है कि न्यूज क्लिक को भारत विरोधी प्रोपेगेंडा चलाने के लिए चीन की ओर से फंडिंग दी जाती है, जिसमें भारत के कई पत्रकार सहित कई दूसरे लोग भी शामिल हैं।
वहीं जहाँ एक ओर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने सोमवार (6 अगस्त, 2023) को लोकसभा में मीडिया में चाइनीज फंडिंग का मुद्दा उठाते हुए कहा कि देश में चीन के पैसे से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ माहौल बनाया गया। वहीं इस पूरे मामले पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कड़े शब्दों में न्यूज़ क्लिक के समर्थक कॉन्ग्रेस और सहयोगी विपक्षी दलों पर निशाना साधा है।
Shri @ianuragthakur and Shri @Rajeev_GoI jointly address a press conference at party headquarters in New Delhi. https://t.co/snbiiHvrHT
— BJP (@BJP4India) August 7, 2023
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, “कॉन्ग्रेस, चीन और न्यूज़क्लिक एक गर्भनाल का हिस्सा हैं। राहुल गाँधी की ‘नकली मोहब्बत की दुकान’ में चीनी सामान साफ देखा जा सकता है, चीन के प्रति उनका प्रेम देखा जा सकता है। वे भारत विरोधी एजेंडा चला रहे थे।”
#WATCH 2021 में हमने न्यूज़क्लिक को बेनक़ाब किया कि कैसे विदेशी दुष्प्रचार भारत के ख़िलाफ़ है। इस भारत विरोधी अभियान में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल उनके समर्थन में आए… चीनी कंपनियां नेविल रॉय सिंघम के माध्यम से न्यूज़क्लिक को फंडिंग कर रही थीं लेकिन उनके सेल्समैन भारत के कुछ… pic.twitter.com/9EYZNePUih
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 7, 2023
उन्होंने आगे न्यूज़ क्लिक के समर्थक कॉन्ग्रेस और विपक्षी पार्टियों को घेरते हुए कहा, “2021 में हमने न्यूज़क्लिक को बेनक़ाब किया कि कैसे विदेशी दुष्प्रचार भारत के ख़िलाफ़ चलाया जा रहा है। इस भारत विरोधी अभियान में कॉन्ग्रेस और अन्य विपक्षी दल उनके समर्थन में आए… चीनी कंपनियाँ नेविल रॉय सिंघम के माध्यम से न्यूज़क्लिक को फंडिंग कर रही थीं लेकिन उनके सेल्समैन भारत के कुछ लोग थे, जो उनके खिलाफ कार्रवाई होने पर उनके समर्थन में आ गए।”
न्यूज क्लिक की बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चीन के ग्लोबल मीडिया संस्थान से इसकी फंडिंग हुई है। उन्होंने बताया कि जब इस वेबसाइट के ऊपर रेड हुई तो सामने आया था कि एक विदेशी नेविल राय सिंघम ने इसकी फंडिंग की है। ठाकुर ने दावा किया कि नेविल राय को चीन फंडिंग करता है। उसका संबंध कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना की प्रोपेगेंडा शाखा के साथ है। ये लोग एंटी इंडिया और ब्रेक इंडिया कैंपेन चलाते हैं।
इससे पहले रविवार को भी अनुराग ठाकुर ने एक ट्वीट करते हुए लिखा था, “NYT से बहुत पहले, भारत लंबे समय से दुनिया को बताता रहा है कि न्यूज़क्लिक चीनी प्रचार का एक खतरनाक वैश्विक जाल है।”
Even newspapers like ‘The New York Times’ are now admitting that Neville Roy Singham and his NewsClick are dangerous tools of the Communist Party of China (CPC) and promoting China’s political agenda across the world.
— Anurag Thakur (@ianuragthakur) August 6, 2023
Much before NYT, India has long been telling the world that… pic.twitter.com/3MtA4UTWkn
नेविल रॉय और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के संबंधों को लेकर न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट की ओर इशारा करते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा, “इस बात की पुष्टि उन अखबारों ने की है, जिनके बारे में कॉन्ग्रेस बड़ी-बड़ी बातें करती हैं। हमने 2021 में ही न्यूजक्लिक के बारे में खुलासा कर दिया था कि कैसे ये विदेशी फंडिंग से एंटी इंडिया प्रोपेगेंडा चलाता है।”
अनुराग ठाकुर ने कहा, चाइनीज कम्पनियाँ नेविल राय सिंघम के माध्य्म से न्यूज क्लिक को फंडिंग कर रही थीं, लेकिन कुछ लोग भारत में उनके सेल्समैन बन गए थे। चीन के नैरेटिव को चलाने के लिए फ्री न्यूज के नाम पर फेक न्यूज परोसी जा रही थी और कॉन्ग्रेस व अन्य दल फ्रीडम ऑफ स्पीच के नाम पर इन देश विरोधी ताकतों के साथ खड़े थे।
गौरतलब है कि अमेरिकी अखबार ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ में शनिवार (5 अगस्त, 2023) को एक लेख प्रकाशित कर अमेरिकी व्यवसायी नेविल रॉय सिंघम के साथ चीनी सरकार के संबंध और ‘न्यूजक्लिक’ नामक वामपंथी प्रोपेगेंडा पोर्टल को मिल रही फंडिंग को लेकर खुलासा किया था।
बता दें कि ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ के अनुसार, “यह बहुत कम लोगों को पता है कि गैर-लाभकारी संगठनों और शैल कंपनियों की आड़ में नेविल रॉय सिंघम चीन के सरकारी मीडिया के साथ मिलकर काम करता है और चीन के प्रोपेगेंडा को दुनिया भर में फैलाने के लिए फंडिंग कर रहा है। ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने लेख में बताया है कि नेविल रॉय सिंघम भारत, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देशों में प्रगतिशील होने की वकालत करने के बहाने चीनी सरकार के मुद्दों को लोगों के बीच फैलाने में कामयाब रहा है।