कल्पना कीजिए आप गैर हिंदी भाषी प्रदेश में हैं। आपको जाँच के लिए अस्पताल ले जाया जाता है। आपको वहॉं की भाषा समझ में नहीं आती। तो आप क्या करेंगे? आप डॉक्टर पर थूकेंगे? आप नर्स के सामने अपनी पतलून उतार लेंगे? आप बीड़ी-सिगरेट मॉंगेंगे? या फिर आप अश्लील गाने सुनेंगे और अस्पताल की महिला कर्मचारियों को भद्दे इशारे करेंगे?
आप यह सब कर सकते हैं, क्योंकि आपको वहॉं की भाषा समझ में नहीं आती। ये हम नहीं कह रहे। ऐसा मानना है कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन का। जैन केजरीवाल कैबिनेट में स्वास्थ्य विभाग का जिम्मा सॅंभालते हैं। बकौल जैन, “एक तो भाषा की परेशानी है। ज्यादातर लोगों को ना तो हिंदी आती है और ना ही अंग्रेजी आती है। वे दूर-दूर के राज्यों के हैं। कई विदेशी हैं। दूसरा उनको लगता है कि हमको अस्पताल में क्यों रखा गया है। पुलिस से मदद मॉंगी गई है।” जैन ने यह बात तबलीगी जमात के सदस्यों द्वारा अस्पताल स्टाफ के साथ दुर्व्यवहार को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कही।
उल्लेखनीय है कि नियम-कायदों की धज्जियॉं उड़ाकर तबलीगी जमात ने दिल्ली में मजहबी कार्यक्रम का आयोजन किया था। इसमें देश के अलग-अलग राज्यों के लोगों के अलावा विदेशियों ने भी शिरकत की। खुद दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया था कि निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के मरकज से अभियान चलाकर 2361 लोगों को निकाला गया था। ये दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों और क्वारंटाइन में हैं। हालत यह है कि बीते दो दिनों में देश के 14 राज्यों में 647 कोरोना वायरस संक्रमण के ऐसे मामलों की पुष्टि हुई है जो मरकज से जुड़े हैं।
If we look at cases related to Tableeghi Jamaat,in last 2 days around 647 confirmed cases related to it found in 14 states-Andaman & Nicobar, Assam, Delhi, Himachal, Haryana, J&K, Jharkhand, Karnataka, Maharashtra, Rajasthan, Tamil Nadu, Telangana, Uttarakhand & UP: Lav Aggarwal pic.twitter.com/clXPB28rGk
— ANI (@ANI) April 3, 2020
जब इनलोगों को यहॉं से निकाला जा रहा था तो उन्होंने सड़क और पुलिसकर्मियों पर थूक कर संक्रमण फैलाने की कोशिश की। इसके बाद भी इनकी मनमानी जारी है। दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में जॉंच में इनकी आनकानी देखते हुए पुलिस तैनात करनी पड़ी। यह मामला केवल दिल्ली तक ही सीमित नहीं है। दिल्ली से सटे गाजियाबाद के एक अस्पताल में तो जमात के लोग हदें पार करते हुए नर्सों के सामने नंगे हो गए। हैदराबाद के गॉंधी अस्पताल में यहॉं से संक्रमित होकर गए एक शख्स ने डॉक्टर पर हमला किया। उस पर थूका।
आप गिनते जाएँगे, लेकिन पिछले कुछ दिनों में सामने आए जमात सदस्यों के कारनामें खत्म नहीं होंगे। बावजूद इनकी करतूतों पर पर्दा डालने की कोशिश करते हुए ‘भाषा’ का जैन का तर्क समझ से परे है। वैसे जमात की करतूत पर पर्दा डालने की कोशिश करने वाले जैन आप के अकेले नेता नहीं है। मुख्यमंत्री केजरीवाल के करीबी माने जाने वाले विधायक अमानतुल्लाह खान ने ट्वीट कर कहा है, “मुख़्तार अब्बास नक़वी और आरिफ़ मुहम्मद खॉं जैसे दलाल बताएँगे कि मौलाना साद साहब जैसे बुज़ुर्ग क्या हैं और मरकज़ निज़ामुद्दीन में क्या होता है। इन जैसे लोगों ने कोरोना को भी मुस्लिम बना दिया अफ़सोस।” नकवी केंद्र सरकार में मंत्री और आरिफ मुहम्मद केरल के राज्यपाल हैं। जिस मौलाना साद का अमानतुल्लाह बचाव कर रहे हैं, वह मुकदमा दर्ज होने के बाद से फरार है। जिस मरकज के लिए वे नकवी और आरिफ मुहम्मद को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं, वह देश में कोरोना वायरस संक्रमण का एपिक सेंटर बनकर उभरा है।
मुख़्तार अब्बास नक़वी और आरिफ़ मुहम्मद खां जैसे दलाल बताएंगे कि मौलाना साद साहब जैसे बुज़ुर्ग क्या हैं और मरकज़ निज़ामुद्दीन में क्या होता है इन जैसे लोगों ने कोरोना को भी मुसलमान बना दिया अफ़सोस।
— Amanatullah Khan AAP (@KhanAmanatullah) April 2, 2020
यह भी दीगर है कि लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों के पलायन और यूपी बॉर्डर पर अचानक जुटी भीड़ को लेकर भी दिल्ली की आप सरकार आरोपों के घेरे में है। घर लौटे मजदूरों का कहना है कि उनके बिजली-पानी के कनेक्शन काट दिए गए। उनसे कहा गया कि बॉर्डर से बसें उन्हें लेकर उनके घरों तक जाएगी। डीटीसी की बसों से उन्हें वहॉं तक पहुॅंचाया गया।
आज जिस तरह से तबलीगी जमात के लोगों की करतूतों पर पर्दा डालने की कोशिश हो रही है, ऐसा उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़के हिंदू विरोधी दंगों के दौरान भी देखने को मिला था। पार्षद ताहिर हुसैन इन दंगों का मुख्य सूत्रधार बनकर उभरा था। उसके घर से हिंदुओं को निशाना बनाकर पेट्रोल बम फेंके गए। आईबी के अंकित शर्मा की हत्या में भी उसका हाथ बताया जाता है। हालॉंकि जब ताहिर की संलिप्तता को लेकर लगातार तथ्य सामने आने लगे तो आप ने उसे निलंबित कर पल्ला झाड़ने की कोशिश की। लेकिन, अमानतुल्लाह जैसे आप विधायक फिर भी उसका बचाव करते रहे। अमानतुल्लाह ने आरोप लगाया था कि मुसलमान होने के कारण ताहिर को फॅंसाया गया है।