Tuesday, September 17, 2024
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जिस पत्रकार से राजीव गाँधी ने कहा था- आरक्षण के नाम पर बुद्धुओं को बढ़ावा नहीं दूँगा, उन्होंने कहा- राहुल गाँधी की राजनीति जाति और वामपंथ का खतरनाक कॉकटेल

विशेष विमान से राजस्थान के उदयपुर से नई दिल्ली लौटते समय यात्रा के दौरान ही उन्होंने NBT के आलोक मेहता को इंटरव्यू दिया था।

राहुल गाँधी लगातार ‘जाति जनगणना’ की बातें कर रहे हैं, वो जाति के हिसाब से हिस्सेदारी की बातें करते हैं। कभी वो बजट बनाने वाले अधिकारियों की जाति पूछते हैं, तो कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को OBC समाज का मानने से इनकार कर देते हैं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या सत्ता पाने के लिए कॉन्ग्रेस पार्टी देश को गृहयुद्ध की तरफ धकेलने की साजिश रच रही है? बड़ी बात ये है कि आरक्षण को लेकर राजीव गाँधी के जो विचार थे, वो कॉन्ग्रेस पार्टी के लिए गले की फाँस बन सकते हैं।

प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का रुख भी आरक्षण के खिलाफ था। वहीं केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में 1985 का मुद्दा उठाया, जब राजीव गाँधी ने प्रधानमंत्री रहते आरक्षण के खिलाफ बयान दिया था। असल में उन्होंने 1985 में ‘नवभारत टाइम्स’ (NBT) के साथ इंटरव्यू में कुछ ऐसा कहा था, जो भाजपा आज लोगों को याद दिला रही है। राजीव गाँधी का ये इंटरव्यू पत्रकार आलोक मेहता ने लिया था। अब आलोक मेहता ने CNN-News18 को दिए गए इंटरव्यू में इस पर और राहुल गाँधी की ताज़ा राजनीति पर विस्तार से बात की है।

आलोक मेहता ने कहा कि वो राजीव गाँधी के PM बनने से पहले से ही उनका संपर्क रहा है, ऐसे में वो राहुल गाँधी के ताज़ा भाषणों को सुन कर दुःखी हैं क्योंकि राहुल गाँधी को लगता है कि जाति की राजनीति कामयाब होगी। उन्होंने कहा कि राजीव गाँधी आधुनिक व्यक्ति थे, राहुल गाँधी जो राजनीति कर रहे वो उनकी पिता की राजनीति से एकदम अलग है। आलोक मेहता का मानना है कि राहुल गाँधी या तो कन्फ्यूज्ड हैं या फिर कम्युनिस्ट बनना चाहते हैं।

आलोक मेहता ने याद दिलाया कि छत्तीसगढ़ में कॉन्ग्रेस के सबसे बड़े नेता रहे विद्याचरण शुक्ला को माओवादियों ने ही मार डाला था। अलोक मेहता ने कहा कि वो लंबे समय से इस परिवार को जानते हैं, ऐसे में उन्हें आज ये सब देख कर दुःख होता है। अलोक मेहता का मानना है कि राहुल गाँधी के इस राजनीतिक रुख से उन्हें भले ही तात्कालिक फायदा हो जाए, लेकिन आगे जाकर भारत को इसका नुकसान होगा। वरिष्ठ पत्रकार ने कहा कि वो धार्मिक कट्टरता के साथ-साथ जातिवादी राजनीति के भी खिलाफ हैं।

आलोक मेहता ने कहा कि अगर जातीय राजनीति की ही बात करें तो राहुल गाँधी या तेजस्वी यादव से अधिक सक्षम नेता अखिलेश यादव हैं। अलोक मेहता के अनुसार, राहुल गाँधी कि ताज़ा राजनीति जातिवाद और कम्युनिज्म का मिश्रण है। उन्होंने चीन का उदाहरण देते हुए कहा कि इस तरह की राजनीति अंततः मजदूरों के विद्रोह को जन्म देती है। आलोक मेहता ने कहा कि आज जयराम रमेश कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी के सलाहकार बने हुए हैं, जो खुद एक चुनाव तक लड़ कर नहीं जीत सकते।

राजीव गाँधी के साथ आलोक मेहता (फोटो साभार: News18)

आलोक मेहता का कहना है कि राहुल गाँधी देश के सबसे बड़े भ्रष्टाचारी लालू यादव के साथ मिल कर राजनीति करते हैं। 1985 के जिस इंटरव्यू का जिक्र संसद में हुआ, उसमें राजीव गाँधी ने कहा था कि संविधान बनाए जाने के दौरान आरक्षण की जो व्यवस्था की गई थी, उसका अब काफी राजनीतिकरण हो गया है। उन्होंने कहा था कि आरक्षण के प्रावधानों पर नए सिरे से विचार का समय आ गया है। इस दौरान उन्होंने कहा था – विभिन्न क्षेत्र में बुद्धुओं के आगे बढ़ने से देश को नुकसान होगा।

विशेष विमान से राजस्थान के उदयपुर से नई दिल्ली लौटते समय यात्रा के दौरान ही उन्होंने NBT के आलोक मेहता को इंटरव्यू दिया था। बता दें कि हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर से सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने संसद में करारा पलटवार करते हुए राहुल गाँधी से पूछा कि उनकी जाति क्या है? उन्होंने कहा कि जिसकी खुद की जाति का पता नहीं, वो ‘जाति जनगणना’ की बात करता है। इसके बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी भड़क गए। उन्होंने कहा कि आप जाति कैसे पूछ सकते हैं? जबकि ‘जाति जनगणना’ के तहत यही लोग पूरे देश की जाति पूछने की माँग करते हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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