Sunday, September 1, 2024
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वाराणसी से कॉमेडियन श्याम रंगीला का पर्चा ख़ारिज, बोले- राजनीति मेरे बस की बात नहीं: गाजीपुर से मुख़्तार अंसारी की भतीजी का भी नॉमिनेशन रद्द

अफजाल अंसारी ने 2 सेट में पर्चा दाखिल किया था, उनकी बेटी ने भी वहाँ से नॉमिनेशन फ़ाइल किया था। वो वहाँ से बतौर डमी कैंडिडेट, यानी सतर्कता के लिए सिर्फ एक सब्स्टीट्यूट के रूप में उतरी थीं।

कॉमेडियन श्याम रंगीला का पर्चा वाराणसी से ख़ारिज हो गया है। 10 प्रस्तावक जुटाने में उनके पसीने छूट गए थे, लेकिन अंततः किसी तरह ड्रामे के बाद वो नॉमिनेशन फ़ाइल करने में कामयाब हो गए थे। उधर गाजीपुर से मुख़्तार अंसारी की भतीजी और अफजाल अंसारी की बेटी नुसरत का पर्चा भी ख़ारिज हो गया है। मुख़्तार अंसारी की जेल में ही तबीयत बिगड़ने के कारण मौत हो गई थी। अफजाल अंसारी सांसद रहा है, वहीं मुख़्तार अंसारी मऊ से विधायकी का चुनाव जीतता था।

वाराणसी से कॉमेडियन श्याम रंगीला का पर्चा खारिज

जैसा कि सर्वविदित है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार वाराणसी से चुनाव लड़ रहे हैं और उनकी जीत लगभग पक्की मानी जा रही है। नॉमिनेशन से 1 दिन पहले हुए उनके भव्य रोडशो में 5 लाख लोगों की भीड़ जुटी, वहीं नामांकन के दौरान NDA के तमाम बड़े नेता मौजूद रहे। कॉमेडियन श्याम रंगीला ने उनके खिलाफ पर्चा भरा था, लेकिन खामियों के कारण अब उसका नॉमिनेशन रद्द कर दिया गया है। श्याम रंगीला इसके बाद भावुक हो गए और कहा कि वो हँसाने वाले एक कलाकार हैं और फ़िलहाल कुछ कह पाने की स्थिति में नहीं है। उनके पर्चे में कई कमियाँ पाई गईं, उन्होंने शपथपत्र भी नहीं दिया था।

यूके के मीडिया संस्थान ‘The Independent’ ने भी श्याम रंगीला का महिमामंडन किया था। श्याम रंगीला का कहना है कि वाराणसी से पर्चा भरने के पीछे का उसका उद्देश्य ये था कि वो लोगों को बता सके कि लोकतंत्र खतरे में है। उन्होंने कहा कि शायद उन्हें माँ गंगा का आशीर्वाद नहीं मिला। बकौल कॉमेडियन, अब वो सोचते हैं कि मनोरंजन जगत ही उनके लिए बेहतर है और राजनीति उनके बस की बात नहीं। उन्होंने जिला प्रशासन पर नामांकन प्रक्रिया को लेकर भरमाने का भी आरोप लगाया।

दावा – छेड़खानी का आरोपित है श्याम रंगीला, लेकिन पर्चे में छिपाया

उनका पर्चा ख़ारिज होने पर सोशल मीडिया में कई तरह के दावे किए जा रहे हैं। चर्चा है कि एक लड़की से छेड़छाड़ के मामले में उस पर FIR दर्ज हुई थी, जिसकी जानकारी उसने निर्वाचन अधिकारी को पर्चे के साथ नहीं दी। हालाँकि, ऑपइंडिया इस दावे की बिलकुल भी पुष्टि नहीं करता है, ये फ़िलहाल सिर्फ अटकलें हैं।

गाजीपुर से नुसरत अंसारी का नॉमिनेशन भी रद्द

उधर गाजीपुर से 2 बॉस सांसद रहे अफजाल अंसारी की बेटी नुसरत का पर्चा भी ख़ारिज हो गया है। हालाँकि, उनके समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ने की संभावना खत्म हुई है, वो निर्दलीय लड़ सकेंगी। इस तरह अफजाल अंसारी अब वहाँ से I.N.D.I. गठबंधन के प्रत्याशी होंगे। अफजाल अंसारी ने 2 सेट में पर्चा दाखिल किया था, उनकी बेटी ने भी वहाँ से नॉमिनेशन फ़ाइल किया था। वो वहाँ से बतौर डमी कैंडिडेट, यानी सतर्कता के लिए सिर्फ एक सब्स्टीट्यूट के रूप में उतरी थीं।

फ़िलहाल अफजाल अंसारी ही गाजीपुर से सांसद है। एक मामले में सज़ा होने के बाद उसकी सांसदी चली गई थी, लेकिन न्यायपालिका ने उसे राहत दे दी। सपा ने अफजाल अंसारी और नुसरत, दोनों को AB फॉर्म इशू किया था। अफजाल अंसारी की सज़ा बढ़ाने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में योगी सरकार ने अपील दाखिल की है, जिस पर सोमवार (20 मई, 2024) को सुनवाई होगी। वहाँ से भाजपा ने पारसनाथ राय को उम्मीदवार बनाया है, मदन मोहन मालवीय सिखड़ी इंटर कॉलेज, शबरी पीजी कॉलेज सिखड़ी और विद्या पब्लिक स्‍कूल के संस्थापक हैं। उनके बेटे आशुतोष BJYM के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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