Monday, November 18, 2024
Homeराजनीतिकभी-कभी ह्यूमन एरर हो जाता है… रेल मंत्री रहते दुर्घटना पर बोलती थी ममता...

कभी-कभी ह्यूमन एरर हो जाता है… रेल मंत्री रहते दुर्घटना पर बोलती थी ममता बनर्जी, लालू के समय 550 बार पटरी से उतरी ट्रेनें

नीतीश कुमार के पहले ही कार्यकाल के दौरान 1999 में गैसल में बड़ा रेल हादसा हुआ था, जिसमें 285 लोगों की मौत हुई थी। हालाँकि, इस हादसे की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके पहले रेलमंत्री रहते हुए एक हादसे के बाद लाल बहादुर शास्त्री भी इस्तीफा दे चुके थे। नीतीश कुमार दूसरे रेलमंत्री थे। इसके बाद वे फिर रेलमंत्री बने।

ओडिशा के बालासोर में हुए शुक्रवार (2 जून 2023) की शाम को हुए भीषण रेल हादसे में अब तक 288 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 1100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। इसको लेकर देश में राजनीति तेज हो गई है। विपक्षी दल रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव से इस्तीफा माँग रहे हैं। हालाँकि, रेल मंत्री कह रहे है कि यह राजनीति करने का वक्त नहीं है।

अश्विनी से इस्तीफा माँगने वालों में रेल बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल हैं। ये तीनों ही नेता केंद्र की विभिन्न सरकारों में रेल मंत्री रह चुके हैं। इनका आरोप है कि ये अब तक सबसे बड़ी रेल दुर्घटना है, इसलिए रेल मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए।

ममता बनर्जी तो इसके लिए मौत के आँकड़ें तक बढ़ाने की कोशिश करती नजर आईं। उन्होंने यहाँ तक झूठा दावा कर दिया कि बालासोर में दुर्घटनाग्रस्त हुईं दो बोगियों में फँसे लोगों को रेस्क्यू करने का भी काम नहीं किया गया। हालाँकि, मौके पर मौजूद अश्विनी ने ममता को बीच में रोका और उन्होंने मौत के आँकड़ें सही बताए और रेस्क्यू की बात को झूठा साबित किया।

साल 2010 में ममता बनर्जी के रेल मंत्री रहते हुए पश्चिम बंगाल के सैंथिया में एक बड़ा रेल हादसा हुआ था। इस हादसे में सैकड़ों लोग मारे गए थे। राहत और बचाव कार्य की ऐसी स्थिति थी कि समय पर सहायता नहीं मिलने के कारण कई लोगों की जान चली थी। घटनास्थल से मलबे को हटाने में कई दिन लग गए थे। मृतकों के अंतिम संस्कार तक की उचित व्यवस्था नहीं की गई थी।

हालाँकि, इन तीनों लोगों के रेल मंत्री के रूप में कार्यकाल देखें तो वो ग्रस्त सवालों के घेरे में आ जाएँगे। आँकड़े बताते हैं कि रेलमंत्री के रूप में सबसे अधिक रेल दुर्घटनाएँ और लोगों की मौत नीतीश कुमार के कार्यकाल में हुए और उसके बाद ममता बनर्जी के रेल मंत्री रहते हुए।

रेलमंत्री के रूप में नीतीश कुमार

बिहार के सीएम नीतीश कुमार पहली बार अटल सरकार में रेल मंत्री बने थे। नीतीश कुमार के पहले ही कार्यकाल के दौरान 1999 में गैसल में बड़ा रेल हादसा हुआ था, जिसमें 285 लोगों की मौत हुई थी। हालाँकि, इस हादसे की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके पहले रेलमंत्री रहते हुए एक हादसे के बाद लाल बहादुर शास्त्री भी इस्तीफा दे चुके थे। नीतीश कुमार दूसरे रेलमंत्री थे।

साल 2001 में एक बार फिर नीतीश को रेल मंत्रालय मिला। इस पर वह साल 2004 तक रहे। नीतीश कुमार के कार्यकाल में कुल 79 रेल हादसे हुए, जिनमें कुल 1,527 लोगों की मौत हुई। वहीं, नीतीश कुमार के रेल मंत्री रहते ट्रेन के बेपटरी होने की 1000 घटनाएँ हुईं।

रेल मंत्री ममता बनर्जी हादसे को लेकर संसद में जवाब दी थीं

ममता बनर्जी दो बार रेल मंत्री रह चुकी हैं। एक बार अटल बिहारी वाजपेयी के शासनकाल 1999 में और दूसरा यूपीए-2 के दौरान 2009 में। ममता बनर्जी के रेल मंत्री रहते हुए 54 रेल दुर्घटनाएँ हुईं थीं, जिनमें कुल 1451 लोगों की मौत हुई थीं। इसके साथ ही ममता के कार्यकाल में ट्रेनों के पटरी से उतरने की 839 घटनाएँ हुई थीं।

इस दौरान ममता बनर्जी पर सवाल भी खूब उठे थे। इसको लेकर उन्हें संसद में जवाब भी देना पड़ा था। लोकसभा में बोलते हुए ममता बनर्जी ने कहा था, “कभी ह्यूमन एरर (मानवीय गलती) हो जाता है। वो भी हमलोग देखता है कि इसे नहीं होना चाहिए। इसको जितना जल्दी चेंज करके अपडेट करना है।”

रेलमंत्री के रूप में लालू यादव

राजद के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव मनमोहन सिंह की नेतृत्व वाली यूपीए-1 सरकार में रेल मंत्री बने थे। लालू के 5 साल के कार्यकाल में नीतीश कुमार और ममता बनर्जी के कार्यकाल की तुलना में कम हादसे हुए थे। लालू के कार्यकाल में कुल 51 हादसे हुए। इन हादसों में कुल 1,159 लोगों की जान गई। ट्रेनों के पटरी से उतरने की 550 घटनाएँ हुईं।

भाजपा नेता ने बताया काम का रिकॉर्ड

इन नेताओं द्वारा लगाए गए आरोपों और रेलमंत्री की इस्तीफे की माँग के बाद भाजपा नेता अमित मालवीय ने एक ट्वीट किया है। इस ट्वीट में उन्होंने बताया है कि नीतीश कुमार के कार्यकाल में रेल हादसों की कितनी घटनाएँ हुईं, कितने लोग मारे गए और कितनी रेलगाड़ियाँ बेपटरी हुईं। वहीं, ममता बनर्जी के कार्यकाल में इस तरह की कितनी घटनाएँ हुईं और लालू के कार्यकाल में कितनी। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि भाजपा के कार्यकाल में रेलवे में कितना काम हुआ है।

मालवीय ने ट्वीट किया, “पिछले कुछ वर्षों में यात्रियों की सुरक्षा के लिए भारतीय रेलवे द्वारा उठाए गए कुछ कदम इस प्रकार हैं: पटरियों के रखरखाव और नवीनीकरण के लिए रिकॉर्ड काम किया गया है। अकेले वर्ष 2022-23 में ही 5,227 किलोमीटर के ट्रैक नवीनीकरण और रखरखाव का काम किया गया है। पिछले दस वर्षों में कुल 37,159 किलोमीटर ट्रैक का नवीनीकरण किया गया। औसतन 3,716 किमी प्रति वर्ष। इसकी तुलना में वर्ष 2013-14 में केवल 2,885 किलोमीटर ट्रैक का नवीनीकरण किया गया।”

मालवीय ने आगे लिखा, “ब्रॉडगेज मार्ग पर सभी मानवरहित फाटकों को समाप्त कर दिया गया है। रेलवे मार्गों पर ट्रेन टक्कर बचाव प्रणाली (TCAS) या कवच लगाने का काम तेजी से चल रहा है। देश भर में रोड अंडर ब्रिज (आरयूबी) और रोड ओवर ब्रिज (आरओबी) का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। पारंपरिक पुराने कोचों को अति सुरक्षित और अत्याधुनिक एलएचबी कोचों से बदलने का कार्य भी तेजी से किया जा रहा है।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

40 साल से जहाँ रह रहा दलित परिवार, अब वहीं से पलायन को हुआ मजबूर: दरवाजे पर लिखा- ये मकान बिकाऊ है, क्योंकि मुस्लिम...

इंदौर के दलित युवक राजेश ने बताया कि शादाब और अन्य मुस्लिम एक पुराने केस में समझौते का दबाव बनाते हुए उनके परिवार को धमकी देते हैं।

‘मैं गुजरात सरकार का फैन हो गया हूँ’ : तेलंगाना में शराब वाले गानों पर बैन लगने से भड़के दिलजीत दोसांझ, बोले- आप ड्राय...

दिलजीत ने कहा, "अगर गुजरात ड्राय स्टेट है तो मैं खुलेआम कह रहा हूँ कि मैं गुजरात सरकार का फैन हो गया हूँ और उन्हें खुलेआम सपोर्ट भी करता हूँ।"

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -